Table of Contents
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021: सामान्य अध्ययन पेपर-2
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रत्येक वर्ष तीन चरणों- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में जीएस पेपर -2 में 250 अंक (1750 में से) होते हैं। यूपीएससी मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन के पेपर -2 के सिलेबस में संविधान (राज व्यवस्था), शासन एवं अंतर्राष्ट्रीय संबंध जैसे विषय शामिल होते हैं। पाठ्यक्रम के स्थैतिक भाग की अच्छी समझ रखने वाले उम्मीदवार जीएस पेपर -2 के साथ सहज होते हैं एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के पेपर -2 में अच्छे अंक प्राप्त करते हैं।
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021- जीएस पेपर 2 प्रश्न पत्र डाउनलोड
यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2021 का जीएस पेपर -2 08 जनवरी 2022 को दूसरी पाली (02-05 बजे) में आयोजित किया गया था। नीचे, हम संपूर्ण जीएस पेपर -2 प्रश्न लिखित रूप (टेक्स्ट फॉर्म) एवं प्रतिकृति रूप (इमेज फॉर्म) में भी उपलब्ध करा रहे हैं।
- प्रश्न 1. ‘संवैधानिक नैतिकता’ की जड़ संविधान में ही निहित है और इसके तात्विक पलकों पर आधारित है। ‘संवैधानिक नैतिकता’ के सिद्धांत की प्रासंगिक न्यायिक निर्णयों की सहायता से विवेचना कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 2. विविधता, समता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए उच्चतर न्यायपालिका में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की वांछनीयता पर चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 3. भारत के 14वें वित्त आयोग की संस्तुतियों ने राज्यों को अपनी राजकोषीय स्थिति में सुधार करने में कैसे सक्षम किया है? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 4. आपकी दृष्टि में, भारत में कार्यपालिका की जवाबदेही को निश्चित करने में संसद कहां तक समर्थ है? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 5. “भारत में सार्वजनिक नीति बनाने में दबाव समूह महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” समझाइए कि व्यवसाय संघ, सार्वजनिक नीतियों में किस प्रकार योगदान करते हैं। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 6. “एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है।” विश्लेषण कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 7. “व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को सार्थक बनाने के लिए ‘सीखते समय कमाना (अर्न व्हाईल यू लर्न)’ की योजना को सशक्त करने की आवश्यकता है।” टिप्पणी कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 8. क्या लैंगिक असमानता गरीबी और कुपोषण के दुष्चक्र को महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को सूक्ष्म वित्त ( माइक्रो फाइनेंस) प्रदान करके तोड़ा जा सकता है? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 9. ” यदि विगत कुछ दशक एशिया के विकास की कहानी के रहे, तो परवर्ती कुछ दशक अफ्रीका के हो सकते हैं।” इस कथन के आलोक में, हाल के वर्षों में अफ्रीका में भारत के प्रभाव का परीक्षण कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 10. “संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन के रूप में एक अस्तित्वगत खतरे का सामना कर रहा है जो तत्कालीन सोवियत संघ की तुलना में कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण है।” विवेचना कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 11. एक राज्य विशेष के अंदर प्रथम सूचना रिपोर्ट दायर करने तथा जांच करने के केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( सीबीआई) के क्षेत्राधिकार पर कई राज्य प्रश्न उठा रहे हैं। हालांकि, सीबीआई जांच के लिए राज्यों द्वारा दी गई सहमति को रोके रखने की शक्ति आत्यंतिक नहीं है। भारत के संघीय ढांचे के विशेष संदर्भ में विवेचना कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 12. यद्यपि मानवाधिकार आयोगों ने भारत में मानव अधिकारों के संरक्षण में काफी हद तक योगदान दिया है, फिर भी ताकतवर और प्रभावशालियों के विरुद्ध अधिकार जताने में असफल रहे हैं। इनकी संरचनात्मक और व्यावहारिक सीमाओं का विश्लेषण करते हुए सुधारात्मक उपायों के सुझाव दीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 13. संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के संविधानों में, समता के अधिकार की धारणा की विशिष्ट विशेषताओं का विश्लेषण कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 14. उन संवैधानिक प्रावधानों को समझाइए जिनके अंतर्गत विधान-परिषदें में स्थापित होती हैं। उपयुक्त उदाहरणों के साथ विधान परिषदों के कार्य और वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 15. क्या विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समिति यहां प्रशासन को अपने पैर की उंगलियों पर रखती हैं और संसदीय नियंत्रण के लिए सम्मान-प्रदर्शन हेतु प्रेरित करती है? उपयुक्त उदाहरणों के साथ ऐसी समितियों के कार्यों का मूल्यांकन कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 16. क्या ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से, डिजिटल निरक्षरता ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की अल्प उपलब्धता के साथ मिलकर सामाजिक आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न किया है? औचित्य सहित परीक्षण कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 17. “यद्यपि स्वातंत्र्योत्तर भारत में महिलाओं ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता हासिल की है, इसके बावजूद महिलाओं और नारीवादी आंदोलन के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण पितृसत्तात्मक रहा है।” महिला शिक्षा और महिला सशक्तिकरण योजनाओं केअतिरिक्त कौन से हस्तक्षेप इस परिवेश के परिवर्तन में सहायक हो सकते हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 18. क्या नागरिक समाज और गैर सरकारी संगठन, आम नागरिक ओला प्रदान करने के लिए लोक सेवा प्रदायगी का वैकल्पिक प्रतिमान प्रस्तुत कर सकते हैं? इस वैकल्पिक प्रतिमान की चुनौतियों की विवेचना कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 19. एस. सी. ओ. के लक्ष्यों और उद्देश्यों का विश्लेषणात्मक परीक्षण कीजिए। भारत के लिए इसका क्या महत्व है। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
- प्रश्न 20. भारत प्रशांत महासागर क्षेत्र में चीन की महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना नई त्रि-राष्ट्र साझेदारी AUKUS का उद्देश्य है। क्या यह इस क्षेत्र में मौजूदा साझेदारी का स्थान लेने जा रहा है? वर्तमान परिदृश्य में AUKUS की शक्ति और प्रभाव की विवेचना कीजिए। (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
जीएस पेपर 2 प्रश्न पत्र: सामान्य अध्ययन के पेपर 2 का विश्लेषण (मुख्य परीक्षा 2021)
यूपीएससी मुख्य परीक्षा सामान्य अध्ययन के पेपर 2 के सिलेबस को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है- भारतीय संविधान एवं राज्य के विभिन्न अंग, शासन तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध। यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 के सामान्य अध्ययन पेपर 2 (जीएस 2) में जीएस पेपर 2 पाठ्यक्रम के सभी तीन भागों को कवर करने वाले प्रश्न पूछे गए। हमने पाठ्यक्रम की उपरोक्त तीन श्रेणियों के तहत जीएस पेपर 2 के प्रश्नों का विश्लेषण किया है।
जीएस पेपर 2 प्रश्न पत्र- भारतीय संविधान एवं राज्य के विभिन्न अंग
इस खंड के प्रश्न यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 के जीएस पेपर 2 पर अपेक्षित तर्ज पर थे। संवैधानिक नैतिकता, विधान परिषद, यूएसए एवं भारतीय संविधान की तुलना तथा संसदीय उत्तरदायित्व तंत्र पर प्रश्नों को हल करने के लिए संविधान के मूल सिद्धांतों की अच्छी वैचारिक समझ एवं इसके प्रावधानों के साथ विषय के बारे में कुछ समकालीन ज्ञान (उदाहरण के साथ) की आवश्यकता होती है । चूंकि प्रश्न अपेक्षित तर्ज पर थे, ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने प्रश्न की मांग के अनुसार विस्तृत उत्तर लिखे होंगे, वे जीएस पेपर 2 में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।
जीएस पेपर 2 प्रश्न पत्र- शासन एवं संबद्ध मुद्दे
इस खंड में इसके अंतर्गत विभिन्न उप-विषयों के प्रश्नों को शामिल किया गया है। उदाहरण के लिए, यूपीएससी (मुख्य परीक्षा 2021) के जीएस पेपर 2 में गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), दबाव समूहों, कमजोर वर्गों (महिला), डिजिटल डिवाइड एवं ग्रामीण विकास इत्यादि की भूमिका पर प्रश्न पूछे गए थे। कुछ वास्तविक जीवन के उदाहरणों के साथ शासन के विभिन्न मुद्दों की व्यावहारिक समझ यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2021 के जीएस पेपर 2 के शासन भाग में उम्मीदवारों के लिए अच्छे अंक प्रदान करेगी।
जीएस पेपर 2 प्रश्न पत्र- अंतर्राष्ट्रीय संबंध
इस खंड के प्रश्न भी अपेक्षित तर्ज पर थे। यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2021 के जीएस पेपर 2 में वर्तमान/समकालीन घटनाओं से AKUS एवं इंडो-पैसिफिक में चीन के उदय जैसी तथा स्थैतिक डोमेन से भारत-अफ्रीका संबंध एवं शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) जैसे अन्य (यद्यपि आपको हाल में हुए विकास को भी लिखना चाहिए) कुछ प्रश्न पूछे गए थे। उम्मीदवार इन विषयों के पर्याप्त ज्ञान के साथ इन प्रश्नों को संतोषजनक ढंग से हल कर सकते हैं, बशर्ते उन्हें हाल के घटनाक्रम की पर्याप्त समझ हो।
कुल मिलाकर, जीएस पेपर 2 (यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021) अपेक्षित तर्ज पर था। यूपीएससी मुख्य परीक्षा के जीएस पेपर 2 में पाठ्यक्रम के प्रत्येक खंड से प्रश्न पूछे गए थे।
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 के आगामी पेपर्स के लिए उम्मीदवारों को शुभकामनाएं।