Home   »   45th GST Council Meeting   »   GST Council Meeting
Top Performing

जीएसटी परिषद- जीएसटी परिषद के निर्णय लेने की शक्ति पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय 

जीएसटी परिषद की बैठक -यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता 

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां  एवं अंतः क्षेप  तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

हिंदी

समाचारों में जीएसटी परिषद की बैठक

  • सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार (19 मई) को फैसला सुनाया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की सिफारिशें केवल निश्चयात्मक मूल्य हैं एवं केंद्र तथा राज्यों पर बाध्यकारी नहीं हो सकती हैं
  • जबकि केंद्र ने कहा है कि निर्णय पहले से मौजूद ढांचे में कोई परिवर्तन नहीं करता है, कुछ विपक्षी शासित राज्यों ने कहा है कि यह उन्हें संघीय ढांचे में निर्णय निर्माण हेतु अधिक स्थान देगा।

 

जीएसटी परिषद वाद

  • सर्वोच्च न्यायालय का आदेश:  सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात उच्च न्यायालय के एक आदेश को बरकरार रखा, जिसमें एक विदेशी विक्रेता द्वारा एक विदेशी शिपिंग लाइन को रिवर्स चार्ज के आधार पर भुगतान किए गए समुद्री माल के घटक पर एकीकृत GST (IGST) की लेवी को रद्द कर दिया गया था। 
  • यूनियन ऑफ इंडिया एवं एनआर बनाम मैसर्स मोहित मिनरल्स थ्रू डायरेक्टर वाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में समुद्री माल ढुलाई के लिए आयातकों पर आईजीएसटी आरोपित करने की केंद्रीय अधिसूचना को रद्द कर दिया था।
    • यह माना गया कि आपूर्तिकर्ता द्वारा जीएसटी का भुगतान किया जाता है, किंतु यदि शिपिंग लाइन एक गैर-कर योग्य क्षेत्र में स्थित है, तो जीएसटी, सेवा के प्राप्तकर्ता, आयातक द्वारा देय होगी।

 

संघवाद पर सर्वोच्च न्यायालय का अवलोकन

  • भारत में संघवाद “एक संवाद है जिसमें राज्य तथा केंद्र अनवरत वार्ता में संलग्न होते हैं”।
  • यद्यपि संविधान “संघ को अराजकता को रोकने तथा सुरक्षा प्रदान करने के लिए कुछ स्थितियों में शक्ति के उच्च अंश के साथ” प्रदान करता है, राज्य ” इसके बाद भी विभिन्न प्रकार के राजनीतिक संघर्ष का उपयोग करके संघ के अधिदेश का विरोध कर सकते हैं”।
    • सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि “यह आवश्यक नहीं है कि संघीय इकाइयों (केंद्र या राज्यों) में से एक के पास सदैव अन्य इकाइयों की तुलना में अधिक शक्ति हो।”
  • समान विधायी शक्ति: न्यायालय ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 246 ए में कहा गया है कि संसद एवं राज्य विधानसभाओं दोनों के पास जीएसटी पर विधान निर्मित करने की “समकालिक” शक्ति है।
    • इसने कहा कि जीएसटी परिषद की संस्तुतियां “संघ एवं राज्यों को सम्मिलित करते हुए एक सहयोगी संवाद का उत्पाद हैं”।

हिंदी

जीएसटी परिषद- प्रमुख बिंदु 

  • पृष्ठभूमि: संसद ने 2016 का 101वां संशोधन अधिनियम पारित किया जिसने देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)  के प्रारंभ का मार्ग प्रशस्त किया। जीएसटी परिषद की स्थापना निम्नलिखित हेतु की गई थी-
    • जीएसटी कर के निर्बाध एवं कुशल प्रशासन को सुनिश्चित करने  हेतु एवं
    • केंद्र  तथा राज्यों के मध्य सहयोग एवं समन्वय।
  • जीएसटी परिषद के बारे में: 101 वें संशोधन ने भारत के संविधान में एक नया अनुच्छेद 279-ए समाविष्ट किया। इस अनुच्छेद ने राष्ट्रपति को एक आदेश द्वारा जीएसटी परिषद का गठन करने का अधिकार प्रदान किया।
    • सचिवालय: नई दिल्ली में अवस्थित है एवं केंद्रीय राजस्व सचिव, परिषद के पदेन सचिव के रूप में कार्य  करते हैं।
    • जीएसटी परिषद को एक संवैधानिक संघीय निकाय माना जाता है जहां केंद्र तथा राज्यों दोनों को उचित प्रतिनिधित्व प्राप्त होता है।
  • जीएसटी परिषद का अधिदेश: वस्तु एवं सेवा कर से संबंधित मुद्दों पर केंद्र  तथा राज्य सरकार को     संस्तुतियां प्रस्तुत करने हेतु उत्तरदायी।
    • यह प्रथम संवैधानिक संघीय निकाय है जिसे जीएसटी से संबंधित सभी प्रमुख निर्णय लेने की शक्तियां प्राप्त हैं।
  • विजन: परिषद के कार्य संचालन में सहकारी संघ के उच्चतम मानकों को स्थापित करना।
  • वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की संरचना: इसमें निम्नलिखित सदस्य सम्मिलित होते हैं-
    • अध्यक्ष: केंद्रीय वित्त मंत्री
    • केंद्रीय राजस्व या वित्त राज्य मंत्री
    • सभी राज्यों के वित्त या कराधान प्रभारी मंत्री
      • उपाध्यक्ष: राज्यों से परिषद के सदस्यों को परिषद का उपाध्यक्ष बनने के लिए आपस में किसी एक को चुनना होता है।
    • केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स/सीबीईसी) के अध्यक्ष: परिषद की सभी कार्यवाही के लिए एक स्थायी आमंत्रित (गैर-मतदान) के रूप में सम्मिलित होंगे।

 

सरकार ने भारत में बांस चारकोल में निर्यात प्रतिबंध हटाया 8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक भारत में इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट प्रबंधन संपादकीय विश्लेषण- बाय द बुक
विश्व शासन संकेतक यूएनओपीएस की टीबी पार्टनरशिप को समाप्त करना  चक्रीय अर्थव्यवस्था तथा नगरीय ठोस एवं तरल अपशिष्ट पर रिपोर्ट अमृतसर-जामनगर ग्रीन फील्ड कॉरिडोर
भारत में चावल का प्रबलीकरण: कार्यकर्ताओं ने उठाई स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं भारत के सकल घरेलू उत्पाद पर प्रदूषण का प्रभाव- लैंसेट आयोग की रिपोर्ट संपादकीय विश्लेषण: मारियुपोल का पतन हंसा-एनजी | भारत का प्रथम उड्डयन प्रशिक्षक

Sharing is caring!

जीएसटी परिषद- जीएसटी परिषद के निर्णय लेने की शक्ति पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय _3.1