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भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का भारत एवं बांग्लादेश के प्रधानमंत्रियों द्वारा संयुक्त रूप से उद्घाटन किया गया

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन: यह एक प्रस्तावित पाइपलाइन परियोजना है जिसका उद्देश्य बांग्लादेश की ऊर्जा सुरक्षा को सुरक्षित करना एवं अधिक व्यापक भारत-बांग्लादेश संबंधों का निर्माण करना है। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध: भारत एवं इसके पड़ोस संबंध) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री, शेख हसीना ने वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का उद्घाटन किया। भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन भारत एवं बांग्लादेश के बीच पहली सीमा पार ऊर्जा पाइपलाइन है।

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन एक प्रस्तावित पाइपलाइन परियोजना है जो भारत से बांग्लादेश तक डीजल का परिवहन करेगी।

  • उद्देश्य: भारत-बांग्लादेश परियोजना का उद्देश्य दोनों देशों के मध्य आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करना एवं बांग्लादेश के लिए ऊर्जा का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करना है।
  • लंबाई एवं क्षमता: भारत बांग्लादेश पाइपलाइन 130 किलोमीटर लंबी होगी, जिसकी क्षमता 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी।
  • कवरेज: यह भारत के पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी से प्रारंभ होगी एवं बांग्लादेश के दिनाजपुर जिले के परबतीपुर में समाप्त होगी।
    • भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन आरंभ में उत्तरी बांग्लादेश के सात जिलों में हाई स्पीड डीजल की आपूर्ति करेगी।
  • लागत: भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का निर्माण 377 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया गया है, जिसमें से पाइपलाइन के बांग्लादेशी हिस्से का निर्माण लगभग 377 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। भारत सरकार द्वारा अनुदान सहायता के तहत 285 करोड़ रुपये का वहन किया गया है।
  • कार्यान्वयन: यह परियोजना इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) और बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPC) के बीच एक संयुक्त उद्यम द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।
    • दोनों कंपनियों ने संयुक्त रूप से पाइपलाइन स्थापित करने के लिए अप्रैल 2018 में एक समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम आफ अंडरस्टैंडिंग/एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के महत्व

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन से भारत से बांग्लादेश के लिए डीजल आयात के लिए परिवहन लागत एवं समय कम होने की संभावना है।

  • यह पेट्रोलियम उत्पादों के आयात के लिए समुद्री मार्गों पर बांग्लादेश की निर्भरता को भी कम करेगा, जो  प्रायः मौसम की स्थिति एवं रसद संबंधी अन्य चुनौतियों से प्रभावित होते हैं।
  • इस परियोजना से दोनों देशों को लाभ होने की संभावना है, क्योंकि इससे रोजगार के अवसर  उत्पन्न होंगे  तथा व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा।
  • पाइपलाइन से क्षेत्र के समग्र विकास एवं वृद्धि में योगदान की भी संभावना है।

भारत-बांग्लादेश ऊर्जा सहयोग

भारत एवं बांग्लादेश कई वर्षों से ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में मिलकर कार्य कर रहे हैं। दोनों देशों ने ऊर्जा के उत्पादन और वितरण, हाइड्रोकार्बन की खोज और पाइपलाइनों के निर्माण सहित ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

भारत एवं बांग्लादेश के मध्य ऊर्जा सहयोग के कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं:

  1. विद्युत उत्पादन: भारत बांग्लादेश को सीमा पार पारेषण लाइनों के माध्यम से बिजली प्रदान करता रहा है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न भारतीय कंपनियां बांग्लादेश में ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं में निवेश कर रही हैं।
  2. प्राकृतिक गैस की खोज: भारत का सार्वजनिक स्वामित्व वाला तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन/ONGC) 2006 से बांग्लादेश में प्राकृतिक गैस की खोज कर रहा है। ONGC बांग्लादेश में प्राकृतिक गैस की खोज एवं उत्पादन के लिए बांग्लादेश पेट्रोलियम एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन कंपनी लिमिटेड (BAPEX) के साथ एक संयुक्त उद्यम में भी शामिल है।
  3. पाइपलाइन निर्माण: भारत एवं बांग्लादेश संयुक्त रूप से भारत से बांग्लादेश तक डीजल पहुंचाने के लिए 130 किलोमीटर लंबी फ्रेंडशिप पाइपलाइन का निर्माण कर रहे हैं। पाइपलाइन के 202* तक पूरा होने की संभावना है।
  4. नवीकरणीय ऊर्जा: भारत नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में बांग्लादेश के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा करता रहा है। भारत ने सौर ऊर्जा संयंत्रों एवं अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए बांग्लादेश को वित्तीय सहायता प्रदान की है।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, भारत एवं बांग्लादेश के मध्य ऊर्जा सहयोग उनके द्विपक्षीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इससे दोनों देशों को आर्थिक लाभ प्राप्त होने तथा क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान की संभावना है।

भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन क्या है?

उत्तर. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन 130 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन है जो भारत से बांग्लादेश तक परिष्कृत डीजल का परिवहन करेगी। पाइपलाइन से बांग्लादेश में ऊर्जा सुरक्षा में सुधार और भारत और बांग्लादेश के मध्य द्विपक्षीय व्यापार एवं आर्थिक सहयोग बढ़ने की संभावना है।

प्र. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन का निर्माण कौन कर रहा है?

उत्तर. भारत-बांग्लादेश पाइपलाइन का निर्माण बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPC) के सहयोग से भारत की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) द्वारा किया जा रहा है।

प्र. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन की क्षमता कितनी है?

उत्तर. इस पाइपलाइन की क्षमता 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष होगी।

प्र. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन से बांग्लादेश को कैसे लाभ होगा?

उत्तर. पाइपलाइन परिष्कृत डीजल का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करके बांग्लादेश में ऊर्जा सुरक्षा में सुधार करेगी। इससे परिवहन लागत कम होने एवं अन्य देशों से आयातित डीजल पर देश की निर्भरता कम होने की भी संभावना है।

प्र. भारत-बांग्लादेश मैत्री पाइपलाइन से भारत को कैसे लाभ होगा?

उत्तर. पाइपलाइन भारत एवं बांग्लादेश के मध्य द्विपक्षीय व्यापार एवं आर्थिक सहयोग में वृद्धि करेगी। यह भारतीय कंपनियों के लिए बांग्लादेश को अधिक परिष्कृत डीजल की आपूर्ति करने एवं भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने के अवसर भी उत्पन्न करेगा।

 

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FAQs

What is the India-Bangladesh Friendship Pipeline?

The India-Bangladesh Friendship Pipeline is a 130-kilometer pipeline that will transport refined diesel from India to Bangladesh. The pipeline is expected to improve energy security in Bangladesh and enhance bilateral trade and economic cooperation between India and Bangladesh.

Who is constructing the India-Bangladesh Friendship pipeline?

The India-Bangladesh pipeline is being constructed by the Numaligarh Refinery Limited (NRL) of India, in collaboration with the Bangladesh Petroleum Corporation (BPC).

What is the capacity of the India-Bangladesh Friendship pipeline?

The pipeline will have a capacity of 1 million metric tonnes per annum.

How will the India-Bangladesh Friendship pipeline benefit Bangladesh?

The pipeline will improve energy security in Bangladesh by providing a reliable source of refined diesel. It is also expected to reduce transportation costs and lower the country's dependence on imported diesel from other countries.

How will the India-Bangladesh Friendship pipeline benefit India?

The pipeline will enhance bilateral trade and economic cooperation between India and Bangladesh. It will also create opportunities for Indian companies to supply more refined diesel to Bangladesh and strengthen India's energy security.