Home   »   India-EU Free Trade Agreement (FTA)   »   India-EU Trade and Technology Council
Top Performing

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद, पहली मंत्रिस्तरीय बैठक ब्रसेल्स में आयोजित होगी 

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद: यह व्यापार एवं प्रौद्योगिकी सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत एवं यूरोपीय संघ (यूरोपियन यूनियन/ईयू) का एक मंच है। भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- अंतर्राष्ट्रीय संबंध, भारत  तथा अन्य देशों/यूरोपीय संघ, आसियान इत्यादि जैसे समूहों के मध्य व्यापार एवं विकास को प्रोत्साहन) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद चर्चा में क्यों है?

भारत – यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल/TTC) की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक 16 मई 2023 को ब्रसेल्स, बेल्जियम में आयोजित होने वाली है।

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद की बैठक

व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल/टीटीसी) के गठन की घोषणा अप्रैल 2022 में प्रधान त्री श्री नरेंद्र मोदी  तथा महामहिम सुश्री उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष के मध्य नई दिल्ली में एक बैठक के दौरान की गई थी। ।

  • अधिदेश: भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी का प्राथमिक उद्देश्य व्यापार, विश्वसनीय प्रौद्योगिकी एवं सुरक्षा के प्रतिच्छेदन से संबंधित रणनीतिक चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक उच्च-स्तरीय समन्वय मंच स्थापित करना है।
  • सह अध्यक्ष: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री, कपड़ा, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, श्री पीयूष गोयल विदेश मंत्री (एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्टर/ईएएम) एवं केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (एमईआईटीवाई) के सह-अध्यक्षों में से एक हैं।
    • यूरोपीय संघ के पक्ष की सह-अध्यक्षता कार्यकारी उपाध्यक्ष श्री डोंब्रोवस्की एवं सुश्री वेस्टेगर द्वारा की जा रही है।
  • कार्यकारी समूह: इस व्यवस्था के तहत निम्नलिखित तीन कार्य समूह दोनों पक्षों के मध्य भविष्य के सहयोग के रोडमैप पर रिपोर्ट देंगे-
    • सामरिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल शासन एवं डिजिटल कनेक्टिविटी पर कार्य समूह,
    • हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी पर कार्य समूह (वर्किंग ग्रुप ऑन ग्रीन एंड क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजीज) एवं
    • व्यापार, निवेश तथा लोचशील मूल्य श्रृंखलाओं पर कार्य समूह।

भारत- यूरोपियन यूनियन व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद कार्य समूह

व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद की मंत्रिस्तरीय बैठकें तीन कार्य समूहों के प्रारंभिक कार्य पर निर्भर करेंगी, जो अपने कार्य को व्यवस्थित करने के लिए दो सप्ताह के भीतर मिलेंगे:

  • सामरिक प्रौद्योगिकियां, डिजिटल प्रशासन एवं डिजिटल कनेक्टिविटी: समूह आपसी हित के क्षेत्रों जैसे डिजिटल कनेक्टिविटी, कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), 5G/6G, उच्च प्रदर्शन एवं क्वांटम कंप्यूटिंग, अर्धचालक, क्लाउड सिस्टम, साइबर सुरक्षा, डिजिटल कौशल तथा डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संयुक्त रूप से कार्य करेगा।
  • हरित एवं स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियां: यह समूह अनुसंधान एवं नवाचार पर बल देने के साथ निवेश एवं मानकों सहित हरित प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेगा। खोजे जाने वाले क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा, चक्रीय अर्थव्यवस्था, अपशिष्ट प्रबंधन, प्लास्टिक एवं महासागरों में कचरा हो सकता है। यह यूरोपीय संघ एवं भारतीय इन्क्यूबेटरों, लघु एवं मध्यम इकाइयों (स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज/एसएमई) एवं स्टार्ट-अप के  मध्य सहयोग को भी बढ़ावा देगा।
  • व्यापार, निवेश तथा लोचशील मूल्य श्रृंखलाएं: समूह आपूर्ति श्रृंखलाओं  की लोचशीलता एवं महत्वपूर्ण घटकों, ऊर्जा तथा कच्चे माल तक पहुंच पर कार्य करेगा। यह बहुपक्षीय मंचों में सहयोग को प्रोत्साहित कर चिन्हित व्यापार बाधाओं एवं वैश्विक व्यापार चुनौतियों को हल करने हेतु भी कार्य करेगा। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों को प्रोत्साहित करने एवं वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों को दूर करने के लिए सहयोग की दिशा में कार्य करेगा।

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक के फोकस क्षेत्र

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक की चर्चाओं के तहत तीन कार्यकारी समूह होंगे। पहली मंत्रिस्तरीय बैठक तीनों कार्य समूहों के तहत सहयोग के लिए रोडमैप तैयार करेगी एवं आने वाले वर्ष में अगली मंत्रिस्तरीय बैठक से पूर्व वांछित परिणाम प्राप्त करने की दिशा प्रदान करेगी।

  • यूरोपीय संघ के साथ-साथ बेल्जियम के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ उच्च स्तरीय बैठकों के दौरान, भारतीय नेतृत्व आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेगा-
    • मुक्त व्यापार समझौते (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट/एफटीए) हेतु जारी वार्ता,
    • आपसी बाजार पहुंच के मुद्दों को संबोधित करना,
    • विश्व व्यापार संगठन के सुधारों के साथ-साथ
    • आपसी हितों के विविन क्षेत्रों में सहयोग।

 

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद (टीटीसी) की बैठक के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न?

प्र. भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक क्या है?

उत्तर. भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी सहयोग ( ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल/टीटीसी) बैठक व्यापार एवं प्रौद्योगिकी सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत तथा यूरोपीय संघ (यूरोपियन यूनियन/ईयू) के लिए एक मंच है।

प्र. भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक में कौन भाग ले रहे हैं?

उत्तर. भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की बैठक में भारत तथा यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें सरकारी अधिकारी, व्यापारिक जगत के नेतृत्वकर्ता एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे।

प्र. भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक के उद्देश्य क्या हैं?

उत्तर. भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक के प्रमुख उद्देश्य भारत तथा यूरोपीय संघ के मध्य व्यापार एवं निवेश प्रवाह को बढ़ाना, व्यापार एवं निवेश की बाधाओं की पहचान करना तथा उन्हें दूर करना एवं अनुसंधान तथा विकास, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करना है।

 

Sharing is caring!

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी परिषद, पहली मंत्रिस्तरीय बैठक ब्रसेल्स में आयोजित होगी _3.1

FAQs

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक क्या है?

भारत-यूरोपीय संघ व्यापार एवं प्रौद्योगिकी सहयोग ( ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल/टीटीसी) बैठक व्यापार एवं प्रौद्योगिकी सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए भारत तथा यूरोपीय संघ (यूरोपियन यूनियन/ईयू) के लिए एक मंच है।

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक में कौन भाग ले रहे हैं?

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी की बैठक में भारत तथा यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें सरकारी अधिकारी, व्यापारिक जगत के नेतृत्वकर्ता एवं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे।

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक के उद्देश्य क्या हैं?

भारत-यूरोपीय संघ टीटीसी बैठक के प्रमुख उद्देश्य भारत तथा यूरोपीय संघ के मध्य व्यापार एवं निवेश प्रवाह को बढ़ाना, व्यापार एवं निवेश की बाधाओं की पहचान करना तथा उन्हें दूर करना एवं अनुसंधान तथा विकास, नवाचार एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहित करना है।