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प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे
प्रसंग
- हाल ही में, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने नई दिल्ली में इंडिया एक्सपोर्ट इनिशिएटिव एवं इंडियाएक्सपोर्ट्स 2021 पोर्टल ऑफ इंडिया एसएमई फोरम का उद्घाटन किया है।
प्रमुख बिंदु
इंडिया एक्सपोर्ट इनिशिएटिव/भारत निर्यात पहल
- इस पहल में एक सूचना पोर्टल है, जो संभावित बाजारों के साथ-साथ निर्यात में प्रवृत्तियों के साथ-साथ भारतीय एमएसएमई द्वारा निर्यात हेतु ज्ञान के एक आधार के रूप में कार्य करता है।
- यह पहल निर्यात के बारे में अधिक जानने के इच्छुक 1 लाख से अधिक एमएसएमई को लक्षित करती है एवं क्रियाशील निर्यातकों के आधार को दोगुना करते हुए निर्यात प्रारंभ करने हेतु 30,000+ एमएसएमई को मार्गदर्शन प्रदान करती है।
इंडियाएक्सपोर्ट्स
- इंडियाएक्सपोर्ट्स का लक्ष्य एमएसएमई को, वर्तमान प्रशुल्क लाइनों में अप्रयुक्त निर्यात क्षमता पर ध्यान केंद्रित करने एवं एमएसएमई का समर्थन करने हेतु निशुल्क प्रवृत्त करना है ताकि 2022 में एमएसएमई निर्यात को 50% तक बढ़ाया जा सके।
एसवीईपी के अंतर्गत अंतर्गत एसएचजी को प्रदान किया गया सामुदायिक उद्यम कोष (सीईएफ)
अपेक्षित लाभ
- उपरोक्त पहलों का उद्देश्य इस वित्तीय वर्ष तक 400 बिलियन अमरीकी डालर के निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करना एवं 2027 तक निर्यात में 1 ट्रिलियन के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करना है।
- इन पहलों से एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी एवं भारत विश्व के लिए विनिर्माण हेतु एक अधिमानित (पसंदीदा) गंतव्य बन जाएगा।
- ये पहलें एक समग्र दृष्टिकोण अपनाती हैं एवं व्यापार-असंतुलन को कम करने में सहायक सिद्ध होंगे
भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का योगदान
- एमएसएमई भारत के कुल निर्यात में लगभग 40% का योगदान दे रहे हैं।
- वे देश के विनिर्माण सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 11% एवं सेवा क्षेत्र से सकल घरेलू उत्पाद का 24.63% योगदान दे रहे हैं।
- वर्ष 2018-19 एवं 2019-20 के लिए वर्तमान (चालू) मूल्यों (2011-12) पर अखिल भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में एमएसएमई सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) की हिस्सेदारी क्रमशः 5% तथा 30.0% थी।
ए-हेल्प: डीओआरडी एवं डीएएचडी के मध्य समझौता ज्ञापन