Table of Contents
आईआईबीएक्स (भारत का प्रथम बुलियन एक्सचेंज) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
आईआईबीएक्स (भारत का प्रथम बुलियन एक्सचेंज) चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गिफ्ट सिटी में भारत के प्रथम बुलियन एक्सचेंज- इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) का उद्घाटन किया।
- गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी), अहमदाबाद एवं गांधीनगर के मध्य अवस्थित भारत का प्रथम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी)।
आईआईबीएक्स (भारत का प्रथम बुलियन एक्सचेंज)
- पृष्ठभूमि: भारत में ज्वैलर्स द्वारा स्वर्ण के आयात को सुगम बनाने हेतु इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज (IIBX) की घोषणा प्रथम बार केंद्रीय बजट 2020 में की गई थी।
- इंडिया इंटरनेशनल बुलियन एक्सचेंज के बारे में: IIBX एक ऐसा मंच है जो न केवल आभूषण विक्रेताओं (ज्वैलर्स) को एक्सचेंज में व्यापार करने के लिए नामांकित करता है, बल्कि भौतिक रूप में सोने एवं चांदी के भंडारण हेतु आवश्यक बुनियादी ढाँचा भी स्थापित करता है।
- अर्ह ज्वैलर्स को आईआईबीएक्स के माध्यम से स्वर्ण आयात करने की अनुमति होगी।
- अधिसूचना प्राधिकरण: अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर अथॉरिटी/आईएफएससीए) को आईआईबीएक्स के माध्यम से सीधे स्वर्ण के आयात के लिए भारत में अर्ह योग्य ज्वैलर्स को सूचित करने का कार्य सौंपा गया है।
- भागीदारी: अर्ह ज्वैलर्स के अतिरिक्त, अनिवासी भारतीय एवं संस्थान भी आईएफएससीए के साथ पंजीकरण के पश्चात एक्सचेंज में भाग ले सकेंगे।
- मध्यम अवधि में, फंड्स फॉर गोल्ड ईटीएफ जैसे संस्थानों के भी भाग लेने की संभावना है।
- व्यापार के लिए उपलब्ध उत्पाद: प्रारंभ में, 1 किलो 995 शुद्धता वाला स्वर्ण एवं 100 ग्राम 999 शुद्धता वाला स्वर्ण टी+0 सेटलमेंट (100% अग्रिम लाभ/अपफ्रंट मार्जिन) के साथ IIBX में व्यापार करने की संभावना है।
- बाद में, उत्पादों को टी+2 (मार्जिन भुगतान के साथ अनुबंध) के लिए विस्तारित किया जाएगा, जहां आदेश के निष्पादित होने के दो व्यावसायिक दिनों के पश्चात धन का निपटान होता है।
- संयुक्त अरब अमीरात के सोने अथवा सोने की बड़ी सिल्ली (12.5 किग्रा) हेतु एक पृथक खंड भविष्य में आईआईबीएक्स पर व्यापार कर सकता है।
- चांदी के उत्पादों को भी बाद के चरणों में उपलब्ध कराया जाएगा।
आईआईबएक्स के तहत अर्हता
- आयात हेतु अर्हता मानदंड: अर्ह आभूषण विक्रेता (ज्वैलर) बनने के लिए, संस्थाओं को कीमती धातुओं के रूप में वर्गीकृत वस्तुओं में सौदों के माध्यम से विगत तीन वित्तीय वर्षों में न्यूनतम निवल मूल्य 25 करोड़ रुपये एवं औसत वार्षिक कारोबार का 90% की आवश्यकता होती है।
- व्यापार हेतु योग्यता मानदंड: ज्वैलर्स IIBX पर ट्रेडिंग सदस्य या ट्रेडिंग सदस्य के ग्राहक के रूप में लेनदेन करने में सक्षम होंगे।
- एक व्यापारिक सदस्य बनने के लिए, एक अर्ह आभूषण विक्रेता IFSC (अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र) में एक शाखा अथवा सहायक कंपनी स्थापित कर सकता है एवं IFSCA के समक्ष आवेदन कर सकता है।
- सीमित प्रयोजन हेतु व्यापारिक सदस्यता: भारत में स्थित एक अर्ह आभूषण विक्रेता एवं आईएफएससी में भौतिक उपस्थिति नहीं रखने वाले सीमित उद्देश्य वाले व्यापारिक सदस्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- सीमित व्यापारिक सदस्यता के अंतर्गत, इकाई मात्र स्वयं के खाते पर व्यापार कर सकती है तथा किसी भी ग्राहक को ऑन-बोर्डिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी।