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कृषि क्षेत्र में भारत-इजरायल सहयोग- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
कृषि क्षेत्र में भारत-इजरायल सहयोग- संदर्भ
- हाल ही में, भारत-इजरायल कृषि क्षेत्र में सहयोग में आगे और वृद्धि करने पर सहमत हुए हैं।
- भारत ने इजराइल की तकनीकी सहायता से सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस के आसपास के 150 गांवों को विलेज ऑफ एक्सीलेंस में रूपांतरित करने का निर्णय लिया है।
- इन 150 उत्कृष्टता गांवों में से 75 गांवों को भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में प्रथम वर्ष में अपनाया जा रहा है जहां भारत एवं इज़राइल एक साथ काम करेंगे।
कृषि क्षेत्र में भारत-इजरायल सहयोग- प्रमुख बिंदु
- भारत-इजरायल कृषि परियोजना: यह उत्कृष्टता केंद्रों (सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस) को स्थापित करने की अवधारणा पर आधारित है जो उत्पादकता में वृद्धि करने एवं उपज की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से किसानों को प्रौद्योगिकी के त्वरित हस्तांतरण के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- भारत-इजरायल कृषि सहयोग परियोजना का प्रथम चरण 2008 में तीन वर्षीय कार्य योजना पर हस्ताक्षर के पश्चात आरंभ हुआ।
- योजना को बाद में 2012-2015 की अवधि को सम्मिलित करने हेतु विस्तार प्रदान कर दिया गया था।
- इस ढांचे के भीतर, इज़राइल राज्य से सर्वोत्तम पद्धतियों एवं जानकारी को साझा करने तथा इजराइल एवं भारत दोनों में आयोजित किए जाने वाले व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण प्रदान करने का अनुरोध किया गया था।
- इंडो-इज़राइल उत्कृष्टता केंद्र: वे भारतीय कृषि मंत्रालय एवं MASHAV – अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग के लिए इजरायल की एजेंसी के सहयोग से भारत-इजरायल कृषि परियोजना के तहत स्थापित किए गए हैं।
- इंडो-इजराइल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस के बारे में: इंडो-इजराइल सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस उत्पादकता में वृद्धि करने एवं उपज की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से किसानों को प्रौद्योगिकी के त्वरित हस्तांतरण के लिए एक मंच प्रदान करता है।
- महत्व: उत्कृष्टता केंद्र ज्ञान सृजित करते हैं, सर्वोत्तम प्रथाओं का प्रदर्शन करते हैं एवं कृषकों को प्रशिक्षित करते हैं।
- प्रदर्शन: कृषि मंत्री ने बताया कि 12 राज्यों में 29 उत्कृष्टता केंद्र क्रियाशील हैं। उत्कृष्टता के ये केंद्र हैं-
- 25 मिलियन से अधिक वनस्पति पौधों का उत्पादन तथा 387 हजार से अधिक गुणवत्ता वाले फलों के वृक्ष एवं
- प्रति वर्ष 2 लाख से अधिक कृषकों को प्रशिक्षण प्रदान कर सकते हैं।
- इंडो-इजरायल विलेज ऑफ एक्सीलेंस: यह एक नवीन अवधारणा है जिसका उद्देश्य आठ राज्यों में कृषि में एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना है, जिसमें 75 गांवों के भीतर 13 उत्कृष्टता केंद्र हैं।
- इंडो-इजरायल विलेज ऑफ एक्सीलेंस कार्यक्रम निवल आय में वृद्धि को बढ़ावा देगा एवं व्यष्टिगत रूप से कृषकों की आजीविका को बेहतर करेगा, पारंपरिक खेतों को आईआईएपी मानकों के आधार पर आधुनिक-गहन खेतों में रूपांतरित कर देगा।
- आर्थिक सातत्य के साथ व्यापक स्तर पर एवं पूर्ण मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण, इजरायल की नवीन प्रौद्योगिकियों एवं कार्यप्रणाली के साथ सन्निहित (एम्बेडेड) स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप होगा।
- फोकस क्षेत्र: इंडो-इजरायल विलेज ऑफ एक्सीलेंस कार्यक्रम निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा-
- आधुनिक कृषि अवसंरचना,
- क्षमता निर्माण,
- बाजार सम्बन्ध।