Home   »   India-Maldives Bilateral Relations: Editorial Analysis   »   India-Maldives Bilateral Relations: Editorial Analysis
Top Performing

भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंध, द हिंदू संपादकीय विश्लेषण

भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंध: मालदीव की भारत के पश्चिमी तट से निकटता (मिनिकॉय से मात्र 70 समुद्री मील दूर एवं भारत के पश्चिमी तट से 300 समुद्री मील दूर) एवं हिंद महासागर के माध्यम से होकर गुजरने वाले वाणिज्यिक समुद्री-मार्गों के केंद्र में इसकी अवस्थिति (विशेष रूप से 8° उत्तर एवं 1 ½° उत्तर चैनल) इसे भारत के लिए महत्वपूर्ण सामरिक महत्व प्रदान करता है।

Daily Prelims Bits For UPSC-24 Dec. 2022_70.1

प्रसंग क्या है?

  • मालदीव में पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) एवं रिश्वतखोरी का दोषी पाए जाने के बाद 11 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई है।
  • यामीन पर अपने पद का दुरुपयोग करने एवं रिसॉर्ट के विकास के लिए आरा की बिक्री की सुविधा प्रदान करने के लिए एक निजी कंपनी से एक मिलियन अमेरिकी डॉलर लेने का आरोप लगाया गया था।
  • 2018 में सत्ता गंवाने वाले यामीन को पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई गई थी एवं 2019 में राज्य के धन के गबन के लिए 5 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया था।
  • सजा सुनाए जाने के बाद, यामीन को 2020 में नज़रबंदी (हाउस अरेस्ट) में स्थानांतरित कर दिया गया था, किंतु महीनों बाद रिहा कर दिया गया था। अपनी रिहाई के बाद से, पूर्व राष्ट्रपति सक्रिय राजनीति में लौट आए हैं।

 

यामीन के भारत से संबंध खराब थे

  • द्वीपीय राज्य में आपातकाल की घोषणा के पश्चात श्री यामीन के राष्ट्रपति के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारत के साथ संबंध खराब रहे हैं।
  • विपक्षी नेता के रूप में उन्होंनेइंडिया आउटअभियान का नेतृत्व किया है एवं नवीनतम फैसले के बावजूद बेपरवाह रहे हैं, अपने क़ैद को भारत के दबाव से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

 

इंडिया आउट अभियान क्या है?

  • “इंडिया आउट” दो वर्ष पूर्व प्रदर्शनकारियों द्वारा गढ़ा गया एक नारा है, जिन्होंने दावा किया था कि राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह के नेतृत्व में मालदीव में एमडीपी सरकार ने मालदीव को भारत कोबेचदिया था
  • प्रदर्शनकारियों का दावा है कि वर्तमान सरकार की भारत समर्थक नीतियों के कारण भारत ने मालदीव में एक बड़ी सैन्य टुकड़ी भेजी है
  • मालदीव के तटरक्षक बलों (कोस्ट गार्ड) के लिए उथुरु थिला फल्हू (UTF) प्रवाल द्वीप पर एक बंदरगाह विकसित करने के लिए दोनों पक्षों के मध्य सहयोग पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया है।
  • मालदीव की वर्तमान सरकार ने कहा है कि निगरानी एवं बचाव तथा हवाई एम्बुलेंस संचालन के लिए उपयोग किए जाने वाले तीन डोर्नियर विमानों को संचालित करने वाले रखरखाव एवं उड़ान चालक दल के अतिरिक्त मालदीव में कोई भारतीय सैन्यकर्मी नहीं है

 

भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंधों का संक्षिप्त इतिहास

 

  • भारत एवं मालदीव पुरातनता में डूबे हुए जातीय, भाषाई, सांस्कृतिक, धार्मिक एवं वाणिज्यिक संबंध साझा करते हैं। संबंध घनिष्ठ, सौहार्दपूर्ण एवं बहुआयामी रहे हैं। भारत 1965 में अपनी स्वतंत्रता के पश्चात मालदीव को मान्यता प्रदान करने तथा देश के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
  • प्रतिष्ठित स्थिति: भारत की मालदीव में एक प्रतिष्ठित स्थिति है, जिसके संबंध लगभग अधिकांश क्षेत्रों तक विस्तृत हैं। मालदीव में भारत की रणनीतिक भूमिका के महत्व को अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त है, भारत को एक शुद्ध सुरक्षा प्रदाता के रूप में देखा जाता है।इंडिया फर्स्टमालदीव सरकार (GoM) की घोषित नीति रही है।
  • राजनीतिक रूप से विवादास्पद मुद्दे नहीं: मालदीव के साथ भारत के संबंध किसी भी राजनीतिक रूप से विवादास्पद मुद्दों से मुक्त हैं। मिनिकॉय द्वीप पर मालदीव का भूतपूर्व दावा दोनों देशों के मध्य 1976 की समुद्री सीमा संधि द्वारा हल किया गया था, जिसके तहत मालदीव ने मिनिकॉय को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता दी थी।

 

हिंद महासागर क्षेत्र के लिए भारत-मालदीव संबंधों का महत्व

  • भारत एवं मालदीव के मध्य गहन एवं स्थायी मित्रता है। यह महान परिणाम वाली साझेदारी भी है एवं हिंद महासागर क्षेत्र के लिए स्थिरता एवं समृद्धि की वास्तविक शक्ति है।
  • मालदीव द्वारा भारत को “शुद्ध सुरक्षा प्रदाता” माना जाता है।
  • भारत-मालदीव संबंधों को “घनिष्ठ, सौहार्दपूर्ण एवं बहुआयामी” के रूप में वर्णित किया गया है।
  • भारत सरकार की ‘पड़ोसी प्रथम’ (नेबरहुड फर्स्ट) नीति तथा ‘सागर’ (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) विजन में मालदीव को विशेष स्थान प्राप्त है।
  • विशेष रूप से, मालदीव के साथ भारत के संबंध विवादास्पद मुद्दों से मुक्त हैं। भारत के साथ निकटता मालदीव के लिए एक बड़ा लाभ है क्योंकि 1988 के तख्तापलट के प्रयास, 2004 की सुनामी, 2014 के जल संकट एवं 2020-21 की महामारी के दौरान भारतीय सहायता शीघ्रता से प्रवाल द्वीपीय राज्य (एटोल-स्टेट) तक पहुंच गई।

मालदीव में भारत की हिस्सेदारी

  • भारत की अवसंरचना सहायता, क्रेडिट लाइन, ऋण एवं विभिन्न परियोजनाओं की कमीशनिंग (वृहद माले संपर्क परियोजना अथवा ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट, हनुमाधू हवाई अड्डा, हुलहुमले क्रिकेट स्टेडियम, गुल्हिफाल्हू बंदरगाह)।
  • इसके अतिरिक्त, 2018 से घनिष्ठ संबंध एवं उच्च-स्तरीय सैन्य आदान-प्रदान।

 

यामीन की सजा के बाद भारत को क्या करने की आवश्यकता है?

विद्वेषपूर्ण संबंधों के साथ-साथ श्री यामीन के चीन के साथ पिछले करीबी संबंधों को देखते हुए, श्री यामीन की अयोग्यता की संभावना पर साउथ ब्लॉक में कुछ राहत मिल सकती है। किंतु, भारत एक अवसरवादी राष्ट्र नहीं है बल्कि इसे होना चाहिए:

  • सावधान रहें: सरकार को अपने करीबी समुद्री पड़ोसी को क्रुद्ध करने वाली घरेलू राजनीति की बात आने पर सावधानी बरतने की जरूरत है।
  • सतर्क रहें: जबकि श्री यामीन को अगले चुनाव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, यह विपक्षी गठबंधन में और भी अधिक कट्टरपंथी तत्वों के लिए जगह बना सकता है।
  • चौकस रहें: नई दिल्ली को मालदीव की राजनीति के अन्य हिस्सों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए, जिसमें भारत के सबसे करीबी मित्र, राष्ट्रपति सोलिह एवं पूर्व राष्ट्रपति नशीद के मध्य दरार भी शामिल है, जो सत्तारूढ़ मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी को विभाजित करने की धमकी दे रहे हैं।
  • मित्रवत रहें: राजनीति में स्पष्ट रूप से पसंदीदा होने के बावजूद, नई दिल्ली को किसी भी दिशा में अगले साल के चुनाव को स्पष्ट रूप से प्रभावित करने की मांग किए बिना मित्रवत एवं मददगार पड़ोसी की छवि को सक्रिय रूप से प्रस्तुत करना चाहिए।

 

देशों की सूची एवं उनकी संसद के नाम/पीडीएफ अभी डाउनलोड करें जी-20 समूह (जी-20) के तहत सिविल ट्वेंटी (सी 20) क्या है? लोगो, टैगलाइन जारी! ओडिशा का धनु यात्रा महोत्सव क्या है? विश्व का सबसे बड़ा मुक्ताकाश रंगमंच! यूपीएससी परीक्षा के लिए 2 जनवरी 2023 की दैनिक समसामयिकी |प्रीलिम्स बिट्स
सरकार ने ई-स्पोर्ट्स को बहु-खेल आयोजनों के हिस्से के रूप में मान्यता प्रदान की केंद्र एवं मणिपुर ने ZUF के साथ ऑपरेशन समझौते की समाप्ति पर हस्ताक्षर किए  यूपीएससी 31 दिसंबर 2022 के लिए दैनिक समसामयिकी, यूपीएससी के लिए प्रीलिम्स बिट्स जी-20 डिजिटल इनोवेशन एलायंस (जी-20-डीआईए) को भारत की जी-20 की अध्यक्षता के हिस्से के रूप में प्रारंभ किया गया था
भारत को जनसंख्या नियंत्रण पर जागरूकता सृजित करनी चाहिए- द हिंदू संपादकीय विश्लेषण ारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा असम राज्य में राज्य विधानसभा एवं संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन प्रारंभ किया गया स्टेशनों के आधुनिकीकरण हेतु भारतीय रेलवे के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना तैयार की गई है प्राइमरी अमीबिक मेनिंगोएनसेफेलाइटिस (PAM) घातक मस्तिष्क भक्षक अमीबा संक्रमण प्रथम बार दक्षिण कोरिया में पाया गया

Sharing is caring!

भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंध, द हिंदू संपादकीय विश्लेषण_3.1

FAQs

Q. Who Is Abdullah Yameen?

A. Abdulla Yameen is the former President of Maldives. He has been sentenced to 11 years in prison after being found guilty of money laundering and bribery.

Q. What Is “India Out” Campaign?

Ans. “India Out” is a slogan coined two years ago by protesters who claimed that the MDP government in Maldives, led by President Ibrahim Solih, had “sold out” the Maldives to India. The protesters claim that due to the pro-India policies of the present Government, India has sent a large military contingent to Maldives.

Q. Which Indian Company is developing the Hanimaadhoo International Airport?

A. An Indian company named JMC Projects Limited has signed an agreement with the Maldives government to develop the Hanimaadhoo International Airport.