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भारत-यूएई के मध्य शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन

भारत-यूएई के मध्य शिक्षा पर समझौता ज्ञापन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

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शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार एवं संयुक्त अरब अमीरात (यूनाइटेड अरब एमिरेट्स) सरकार के शिक्षा मंत्रालय के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने को अपनी स्वीकृति प्रदान की है।

 

शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन

  • शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन की पृष्ठभूमि
    • शिक्षा के क्षेत्र में संयुक्त अरब अमीरात के साथ 2015 में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे जो 2018 में समाप्त हो गया था।
    • 2019 में, दोनों देशों के शिक्षा मंत्रियों के मध्य एक बैठक में, यूएई पक्ष ने एक नवीन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का प्रस्ताव रखा।
  • शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन के बारे में: नया भारत-यूएई समझौता ज्ञापन भारत के शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी/एनईपी) 2020 द्वारा लाए गए परिवर्तनों को शामिल करता है।
  • प्रमुख उद्देश्य: शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात के मध्य हमारे जारी शैक्षिक सहयोग को और सशक्त करना तथा हमारे जुड़ाव के दायरे को व्यापक बनाना है।
  • अधिदेश: शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
    • सूचना शिक्षा के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना, तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण (टेक्निकल एंड वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग/टीवीईटी) शिक्षण कर्मचारियों की क्षमता विकास,
    • यमलन (ट्विनिंग) की पेशकश के लिए दोनों देशों में उच्च शिक्षा संस्थानों के मध्य अकादमिक सहयोग की सुविधा प्रदान करना
    • संयुक्त डिग्री एवं दोहरी डिग्री कार्यक्रम तथा ऐसे कोई अन्य क्षेत्र जिन पर सहमति स्थापित हो।

 

शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन

  • नया समझौता ज्ञापन भारत के शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा लाए गए परिवर्तनों को शामिल करता है।
  • शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन शैक्षिक सहयोग को पुनः जीवंत करेगा एवं इन योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता को प्रोत्साहित करने हेतु सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा के अतिरिक्त भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात के मध्य अकादमिक गतिशीलता को बढ़ाएगा।
    • इसमें टीवीईटी में सहयोग भी शामिल है क्योंकि यूएई भारतीयों के लिए एक प्रमुख कार्य स्थल है।
  • शिक्षा पर भारत-यूएई समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर करने की तिथि से पांच वर्ष की अवधि के लिए वैध होगा  एवं दोनों पक्षों की सहमति से स्वतः रूप से नवीकरणीय होगा।
    • एक बार हस्ताक्षर किए जाने के पश्चात, यह समझौता ज्ञापन 2015 में संयुक्त अरब अमीरात के साथ हस्ताक्षरित पूर्व के समझौता ज्ञापन का स्थान लेगा, जो तब प्रभावी नहीं रहेगा।

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के बारे में प्रमुख बिंदु

  • यह हमारे देश की तीसरी शिक्षा नीति है। पूर्ववर्ती दो शिक्षा नीतियों को 1968 एवं 1986 में प्रारंभ किया गया था।
    • यह राष्ट्रीय नीति 34 वर्षों के अंतराल के पश्चात आई है।
  • यह कस्तूरीरंगन समिति की सिफारिशों पर आधारित है।
  • इसने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम परिवर्तित कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया।
  • यह 5+3+3+4 पाठ्यचर्या एवं शैक्षणिक संरचना का प्रस्ताव करता है।

 

चरण वर्ष कक्षा विशेषताएँ
आधारभूत 3-8 3 वर्ष पूर्व-प्राथमिक एवं 1-2 लचीली, बहु-स्तरीय, गतिविधि-आधारित शिक्षण
प्रारंभिक 9-11 3-5 हल्की पाठ्यपुस्तकें, अधिक औपचारिक किंतु संवादात्मक कक्षा शिक्षण
मध्य 12-14 6- 8 अधिक अमूर्त अवधारणाओं, अनुभवात्मक अधिगम को सीखने के लिए विषय शिक्षकों का प्रारंभ
माध्यमिक 15-18 9-12 पूर्णता से पढ़ना, आलोचनात्मक विचार, जीवन की आकांक्षाओं पर अधिक ध्यान देना

 

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का कार्यान्वयन

  • भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया/एचईसीआई) नामक एक शीर्ष निकाय होगा, जो निम्नलिखित निकायों के मध्य विवादों का समाधान करेगा।
निकाय विशेषताएं
राष्ट्रीय उच्च शिक्षा नियामक प्राधिकरण(नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी/NHERA) हल्का किंतु सख्त विनियमन
राष्ट्रीय प्रत्यायन आयोग (नेशनल एक्रीडिटेशन कमीशन/NAC) मेटा-मान्यता प्राप्त एजेंसी
उच्च शिक्षा अनुदान परिषद (हायर एजुकेशन ग्रांट कमीशन/HEGC) वित्तपोषण के लिए उत्तरदायी
सामान्य शिक्षा परिषद (जनरल एजुकेशन काउंसिल/GEC) उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के लिए अपेक्षित शिक्षण परिणामों की रूपरेखा तैयार करना।

 

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