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भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: प्रासंगिकता
- जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: प्रसंग
- हाल ही में, भारत एवं यूनाइटेड किंगडम ने आगामी कुछ माह में आरंभिक फसल व्यापार समझौते (अर्ली हार्वेस्ट ट्रेड एग्रीमेंट) को अंतिम रूप प्रदान करने हेतु औपचारिक मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता आरंभ की है।
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भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता: मुख्य बिंदु
- दोनों देश वार्ता में “संवेदनशील मुद्दों“ से परिवर्जन करने हेतु सहमत हुए हैं।
- अर्ली हार्वेस्ट समझौते के माध्यम से, भारत का लक्ष्य वस्तुओं के लिए 65 प्रतिशत तक एवं सेवाओं के लिए 40 प्रतिशत तक आच्छादन प्राप्त करना है।
- जब तक अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो जाते, तब तक वस्तुओं के लिए आच्छादन (कवरेज) “90 प्रतिशत से अधिक” वस्तुओं के ऊपर जाने की संभावना है।
- भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ भी, इसी तरह के अर्ली हार्वेस्ट समझौते पर वार्ता कर रहा है, जिससे व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते के लिए मंच तैयार होने की संभावना है।
आरंभिक फसल व्यापार समझौते/अर्ली हार्वेस्ट ट्रेड एग्रीमेंट क्या हैं?
- अर्ली हार्वेस्ट एग्रीमेंट ऐसे व्यापार समझौते हैं जिनका उपयोग दो देशों के मध्य वस्तुओं एवं सेवाओं की एक प्रतिबंधित सूची में द्विपक्षीय व्यापार को मुक्त करने हेतु किया जाता है।
- यह मुख्य रूप से अधिक व्यापक एफटीए प्राप्त करने के लिए एक प्रबल दावेदार के रूप में उपयोग किया जाता है।
आरंभिक फसल व्यापार समझौते: मुद्दे
- आरंभिक फसल योजनाएं संभावित रूप से सुलभ रूप से प्राप्त होने वाले लक्ष्यों को लक्षित करती हैं, जो दुष्कर वस्तुओं एवं सेवाओं को बाद के लिए छोड़ देती हैं।
- इस रणनीति से वैविध्यपूर्ण आधारित एफटीए पर हस्ताक्षर करने में उल्लेखनीय विलंब हो सकता है, जिससे संभावित रूप से बाधाएं आ सकती हैं।
- उदाहरण: भारत ने 2004 में थाईलैंड के साथ एक आरंभिक फसल समझौता किया था। यद्यपि, हमें अभी तक इस देश (थाईलैंड) के साथ एक व्यापक एफटीए को अंतिम रूप प्रदान करना अभी शेष है।
- इसके अतिरिक्त, भारत का श्रीलंका के साथ व्यापार समझौता है जो वस्तुओं के व्यापार से संबंधित है किंतु सेवाओं एवं निवेश पर एक समझौते को अंतिम रूप प्रदान कर पाने में सक्षम नहीं हो पाया।
- आरंभिक फसल समझौते जो विस्तृत एफटीए में रूपांतरित नहीं होते हैं, उन्हें अन्य देशों से कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जो विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सदस्य हैं।
- आरंभिक फसल का सौदा पूर्ण एफटीए की दिशा में कार्य करने हेतु एक पक्ष के प्रोत्साहन को कम कर सकता है।
भारत के मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) की स्थिति
- भारत में 10 एफटीए एवं छह पीटीए (अधिमानी व्यापार समझौते) व्यवहार में हैं।
- इसके अतिरिक्त, भारत 16 नए समझौतों पर वार्ता कर रहा है एवं सात वर्तमान समझौतों का विस्तार कर रहा है, जिसमें कनाडा, यूरोपीय संघ, अमेरिका जैसे व्यापारिक भागीदारों के साथ ऑस्ट्रेलिया एवं यूके सम्मिलित हैं।