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भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) – यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत एवं उसके पड़ोसी देशों से संबंध।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) – संदर्भ
- हाल ही में स्नातक कर चुके अफगानिस्तान के छात्रों को एक दुविधा का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद की छात्रवृत्ति, जिसके ये छात्र लाभार्थी थे, समाप्त हो गए हैं।
- छात्रवृत्ति की इस समाप्ति ने इन छात्रों के लिए वित्तीय चिंताओं को जन्म दिया है।
- वर्तमान अफगान संकट में, वे भारत में वापस नहीं रह पाएंगे क्योंकि उनके छात्र वीजा उन्हें कार्य करने की अनुमति नहीं देते हैं।
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) – अफगान नागरिकों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना
- अफगान नागरिकों के लिए आईसीसीआर की विशेष छात्रवृत्ति योजना ₹25,000 तक की छात्रवृत्ति एवं प्रति छात्र प्रति माह 6,500 रुपए तक का मकान किराया भत्ता प्रदान करती है,
- आईसीसीआर की विशेष छात्रवृत्ति उन व्यक्तियों को प्रदान की जाती है जो स्नातक डिग्री प्राप्त कर रहे हैं एवं पोस्ट-डॉक्टरेट की उपाधि के अध्येता हैं।
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर नियंत्रण
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर)- प्रमुख बिंदु
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के बारे में: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) भारत सरकार का एक स्वायत्त संगठन है, जो अन्य देशों एवं उनके नागरिकों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से भारत के बाहरी सांस्कृतिक संबंधों में शामिल है।
- इसकी स्थापना 1950 में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद ने की थी।
- यह सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने एवं आपसी समझ को बढ़ावा देने का कार्य करता है।
- मुख्य उद्देश्य: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के प्रमुख उद्देश्य हैं-
- भारत के विदेशी सांस्कृतिक संबंधों से संबंधित नीतियों एवं कार्यक्रमों के निर्माण कथा कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से भाग लेना;
- भारत एवं अन्य देशों के मध्य सांस्कृतिक संबंधों तथा आपसी समझ को बढ़ावा देना एवं सुदृढ़ करना;
- अन्य देशों एवं व्यक्तियों के साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना एवं राष्ट्रों के साथ संबंध विकसित करना।
संपादकीय विश्लेषण: भारत को तालिबान 2.0 के साथ प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करना चाहिए