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इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (आईआईएच) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास- भारतीय संस्कृति प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य एवं वास्तुकला के प्रमुख पहलुओं को समाहित करेगी।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (आईआईएच) चर्चा में क्यों है?
- सरकार ने यूजीसी (विश्वविद्यालयों के रूप में समझा जाने वाले संस्थान) विनियम, 2019 के अनुसार ‘भारतीय विरासत संस्थान’ (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज/IIH) को एक डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (IIH)
- भारतीय विरासत संस्थान (आईआईएच) के बारे में: भारतीय विरासत संस्थान ( इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज/आईआईएच) एक विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय होगा जो भारत की समृद्ध मूर्त विरासत में संरक्षण एवं शोध पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (IIH) भारत में अपनी तरह का एकमात्र संस्थान होगा।
- स्थान: भारतीय विरासत संस्थान ‘नोएडा, गौतम बुद्ध नगर में स्थापित किया जाना है।
- अधिदेश: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज अपने छात्रों की शिक्षा में शोध, विकास एवं ज्ञान के प्रसार, उत्कृष्टता तथा विरासत से जुड़ी गतिविधियों की पेशकश करेगा जो भारत के सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं आर्थिक जीवन में योगदान करते हैं।
- डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में आईआईएच: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज को निम्नलिखित संस्थानों को एकीकृत करके एक डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में स्थापित किया जा रहा है-
- भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली के अंतर्गत अभिलेखीय अध्ययन विद्यालय
- पुरातत्व संस्थान (पं दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान)
- सांस्कृतिक संपत्ति के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला (द नेशनल रिसर्च लैबोरेट्री फॉर कंजर्वेशन ऑफ कल्चरल प्रॉपर्टी/एनआरएलसी), लखनऊ।
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स/आईजीएनसीए), नई दिल्ली की अकादमिक शाखा।
- कला, संरक्षण एवं संग्रहालय विज्ञान के इतिहास के राष्ट्रीय संग्रहालय संस्थान ( द नेशनल म्यूजियम इंस्टीट्यूट ऑफ हिस्ट्री ऑफ़ आर्ट कंजर्वेशन एंड म्यूजियोलॉजी/एनएमआईसीएचएम)।
- महत्व: संस्थान समृद्ध भारतीय विरासत तथा इसके संरक्षण के क्षेत्र में उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान को प्रभावित करेगा।
- डिग्री: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ हेरिटेज (IIH) नेतृत्व करेगा-
- निम्नलिखित विषयों में पीएचडी एवं परास्नातक पाठ्यक्रम
- संरक्षण का इतिहास,
- कला,
- संग्रहालय विज्ञान,
- पुरातत्व,
- अभिलेखीय अध्ययन,
- निवारक संरक्षण,
- पांडुलिपि विज्ञान,
- पुरालेखशास्त्र (एपिग्राफी) एवं मुद्राशास्त्र (न्यूमिज़माटिक्स) के साथ-साथ
- संस्थान के सेवारत छात्रों एवं कर्मचारियों के लिए संरक्षण प्रशिक्षण सुविधाएं।
- निम्नलिखित विषयों में पीएचडी एवं परास्नातक पाठ्यक्रम