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भारतीय अंतरिक्ष संघ

भारतीय अंतरिक्ष संघ: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष के क्षेत्र में जागरूकता।

 

भारतीय अंतरिक्ष संघ: प्रसंग

  • हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि करने हेतु प्रधानमंत्री द्वारा भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) का शुभारंभ किया गया था।

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भारतीय अंतरिक्ष संघ: मुख्य बिंदु

  • आईएसपीए भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक औद्योगिक निकाय होगा जिसमें विभिन्न सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र सम्मिलित होंगे होंगे।

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भारतीय अंतरिक्ष संघ: महत्व

  • भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रगति का श्रेय मुख्य रूप से इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च एसोसिएशन) को जाता है।
  • हालांकि, हाल ही में, निजी क्षेत्र की कंपनियों – वैश्विक एवं घरेलू – ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में रुचि ली है एवं भारतीय समाज के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों को उपयोगी बनाने हेतु सरकार के साथ कार्य कर रही हैं।

 

अंतरिक्ष सुधार दृष्टिकोण: 4 स्तंभ

  • प्रथम, निजी क्षेत्र को नवाचार की स्वतंत्रता
  • द्वितीय, एक सक्षमकर्ता के रूप में सरकार की भूमिका
  • तृतीय, युवाओं को भविष्य के लिए तैयार करना।
  • एवं चतुर्थ, आम आदमी की प्रगति के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को एक संसाधन के रूप में देखना

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अंतरिक्ष क्षेत्र का महत्व

  • अंतरिक्ष क्षेत्र का तात्पर्य सामान्य व्यक्तियों हेतु बेहतर मानचित्रण, प्रतिबिंबन (इमेजिंग) एवं संयोजकता (कनेक्टिविटी) सुविधाएं हैं।
  • साथ ही, अंतरिक्ष क्षेत्र का तात्पर्य उद्यमियों के लिए शिपमेंट से डिलीवरी तक बेहतर गति है।
  • मछुआरों के लिए बेहतर सुरक्षा एवं आय तथा प्राकृतिक आपदा का बेहतर पूर्वानुमान।
  • विकास परियोजनाओं का अनुश्रवण उपग्रह प्रतिबिंबन (इमेजिंग) द्वारा किया जा रहा है।
    • फसल बीमा योजना के दावों के निपटारे में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है, नाविक प्रणाली मछुआरों के लिए सहायक सिद्ध हो रही है, इस तकनीक के माध्यम से आपदा प्रबंधन योजना भी निर्मित की जा रही है।

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भारतीय अंतरिक्ष संघ: भारत में अंतरिक्ष आधारित संचार का विकास

  • भारती उद्योग के स्वामित्व वाली एक भारतीय अंतरिक्ष कंपनी वनवेब 648 निम्न-पृथ्वी कक्षा उपग्रहों के अपने प्रारंभिक नक्षत्र (तारों के समूह) का निर्माण कर रही है एवं 322 उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर चुकी है।
    • इसकी सेवाएं अलास्का, कनाडा एवं यूके सहित आर्कटिक क्षेत्र के लिए उपलब्ध होंगी।
    • यह भारत एवं शेष विश्व में अपनी उच्च गति, न्यून विलंबता संयोजकता (कनेक्टिविटी) सेवाएं प्रदान करेगा।
  • स्टारलिंक एवं अमेजॉन भी उपग्रह आधारित इंटरनेट सेवाओं की पेशकश के लिए अनुज्ञप्ति हेतु भारत सरकार के साथ वार्ता कर रहे हैं।
    • स्पेसएक्स की 12,000 उपग्रहों का एक नेटवर्क बनाने की योजना है, जिनमें से 1,300 से अधिक पहले से ही आकाश में उपस्थित हैं।

प्रायः पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न

भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक कौन हैं?

विक्रम साराभाई

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