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भारतीय विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (इंडियाज मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स/पीएमआई)

Table of Contents

भारतीय विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई): चर्चा में क्यों है?

  • स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एसएंडपी) ग्लोबल के 1 नवंबर को जारी आंकड़ों से ज्ञात होता है कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स के अनुसार, भारत का विनिर्माण पीएमआई सितंबर में 55.1 से बढ़कर 55.3 हो गया।
  • यह अपने दीर्घावधि औसत (53.7) से भी ऊपर है एवं इस क्षेत्र  की सेहत में मजबूत सुधार का संकेत देता है।
  • शीर्ष आंकड़े में ऊर्ध्व (ऊपर की ओर) संचलन मुख्य रूप से रोजगार एवं खरीद के शेयरों में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।

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इंडियाज मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई): एसएंडपी ग्लोबल क्या है?

  • स्टैंडर्ड एंड पुअर्स एक वैश्विक रेटिंग एजेंसी है जो सरकारों, व्यवसायों तथा व्यक्तियों को उचित डेटा, विशेषज्ञता एवं संबंधित तकनीक के साथ सक्षम बनाती है ताकि वे दृढ़ विश्वास के साथ निर्णय ले सकें।
  • वैश्विक पूंजी, पण्यों, ऑटोमोटिव बाजारों में क्रेडिट रेटिंग, मानदंड (बेंचमार्क), वैश्लेषिकी (एनालिटिक्स) एवं कार्य प्रवाह (वर्कफ़्लो) समाधान प्रदान करने हेतु विश्व के अनेक प्रमुख संगठनों द्वारा उनकी व्यापक रूप से मांग की जाती है।

 

भारतीय विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई): पीएमआई इंडेक्स का क्या अर्थ है?

  • पीएमआई या परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) व्यावसायिक गतिविधियों – विनिर्माण एवं सेवा दोनों क्षेत्रों का एक संकेतक है।
  • यह एक सर्वेक्षण-आधारित उपाय है जो उत्तरदाताओं से एक माह पूर्व के कुछ प्रमुख व्यावसायिक चरों के बारे में उनकी धारणा में परिवर्तन के संबंध में पूछता है। इसकी गणना विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्रों के लिए  पृथक पृथक रूप से की जाती है एवं फिर एक समग्र सूचकांक का निर्माण किया जाता है।
  • पीएमआई का व्यापक रूप से जीडीपी जैसे आधिकारिक डेटा में बदलते आर्थिक रुझानों का अनुमान लगाने के लिए उपयोग किया जाता है, या कभी-कभी आधिकारिक डेटा के लिए आर्थिक प्रदर्शन और व्यावसायिक स्थितियों के वैकल्पिक गेज के रूप में, क्योंकि व्यावसायिक गतिविधियां कभी-कभी प्रकाशन में विलंब, अपर्याप्त उपलब्धता अथवा डेटा गुणवत्ता के मुद्दों से ग्रस्त होते हैं।
  • पीएमआई का उत्पादन आईएचएस मार्किट द्वारा विश्व स्तर पर किया जाता है, यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका में आईएसएम जैसे कुछ बाजारों में व्यापार संघों की एक छोटी संख्या भी स्थानीय पीएमआई का उत्पादन करती है।
  • पीएमआई को व्यापक रूप से व्यावसायिक स्थितियों के सटीक  एवं समयबद्ध संकेतक के रूप में देखा जाता है जो विश्लेषकों एवं अर्थशास्त्रियों को सकल घरेलू उत्पाद (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट/जीडीपी), औद्योगिक उत्पादन, रोजगार एवं मुद्रास्फीति जैसे आधिकारिक डेटा श्रृंखला में बदलते आर्थिक रुझानों का सही अनुमान लगाने में सहायता करता है।
  • क्योंकि पीएमआई डेटा कभी-कभी तुलनीय आधिकारिक डेटा के महीनों  पूर्व जारी किए जाते हैं, पीएमआई सर्वेक्षणों को विश्व के बाजार में  सबसे अधिक चलने वाले आर्थिक डेटा प्रकाशनों में स्थान दिया जाता है।

 

इंडियाज मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई): सेवाओं से संबंधित पीएमआई क्या है?

  • सेवाओं से संबंधित पीएमआई को आईएचएस मार्किट के अर्थशास्त्रियों (तत्कालीन एनटीसी रिसर्च के रूप में जाना जाता था) द्वारा मौजूदा विनिर्माण पीएमआई के साथ संगत होने के लिए 1996 में प्रारंभ किया गया था।
  • अधिकांश विकसित अर्थव्यवस्थाओं के लिए विनिर्माण की तुलना में  सेवा क्षेत्र के सकल घरेलू उत्पाद के बड़े अनुपात के लिए सेवा क्षेत्र के लेखांकन के साथ, व्यापक अर्थव्यवस्था में बदलती व्यावसायिक स्थितियों को बेहतर ढंग से समझने के लिए विश्लेषकों (एवं विशेष रूप से केंद्रीय बैंक नीति निर्माताओं) की आवश्यकता से पीएमआई सेवाओं का जन्म हुआ।
  • अनेक सेवा प्रदाताओं के लिए प्रासंगिक नहीं होने जैसे कुछ प्रश्नों के कारण सेवाओं हेतु पीएमआई में विनिर्माण पीएमआई की तुलना में कम प्रश्न होते हैं।
  • कवरेज में वित्तीय सेवाएं, उपभोक्ता सेवाएं तथा अन्य सभी व्यावसायिक सेवाएं सम्मिलित हैं।

 

इंडियाज मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई):  विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक/मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स क्या है?

  • विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स/पीएमआई) एक सर्वेक्षण-आधारित आर्थिक संकेतक है जिसे वस्तु-उत्पादक क्षेत्र में परिवर्तित होती व्यावसायिक परिस्थितियों में समयबद्ध अंतर्दृष्टि प्रदान करने हेतु अभिकल्पित किया गया है।
  • यद्यपि, ‘विनिर्माण पीएमआई’ की परिभाषा सर्वेक्षण से सामान्य रूप से एवं साथ ही विशेष रूप से सर्वेक्षण से शीर्षक संकेतक का वर्णन कर सकती है।
  • पश्चातवर्ती पांच सर्वेक्षण प्रश्नों से प्रसार सूचकांकों का भारित औसत है। भार, सकल घरेलू उत्पाद में परिवर्तन की प्रत्याशा में सर्वेक्षण डेटा की परिशुद्धता में सुधार के लिए मूल रूप से अमेरिकी वाणिज्य विभाग के थियोडोर टोरडा द्वारा निर्धारित किया गया था।
  • नए ऑर्डर, जो अन्य संकेतकों से आगे बढ़ने की प्रवृत्ति रखते हैं, को सबसे अधिक भार (30%) दिया जाता है, इसके बाद आउटपुट (25%) एवं रोजगार (20%), तत्पश्चात आपूर्तिकर्ताओं के वितरण समय (प्रतिलोमित, 15% भार के साथ) एवं अंत में वस्तुओं के क्रय की सूची (10%) को दिया जाता है। ।

 

भारत का विनिर्माण क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई): भारतीय विनिर्माण उद्योग द्वारा लचीलेपन के संकेत

  • भारतीय विनिर्माण उद्योग ने अक्टूबर में फिर से लचीलेपन के संकेत प्रदर्शित किए, वृद्धि की गति खोने के बावजूद कारखानों को ऑर्डर एवं उत्पादन में जोरदार वृद्धि हुई।
  • “निर्माताओं ने खर्चों (पर्स स्ट्रिंग्स) को शिथिल करना जारी रखा क्योंकि उन्हें अपेक्षा है कि आने वाले महीनों में मांग में उछाल बरकरार रहेगा।
  • आदानों के क्रय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, व्यावसायिक कंपनियों ने ग्राहक खरीद के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करने हेतु अपनी सूची में वृद्धि की।
  • विक्रय में सुधार हेतु समायोजित करने के लिए क्षमताओं का पुनः विस्तार किया गया।
  • फ्यूचर आउटपुट इंडेक्स घटक ने आउटपुट के लिए वर्ष- भर आगे के दृष्टिकोण के प्रति मजबूत व्यापार आशावाद का संकेत दिया।
  • उत्पादन, कुल विक्रय एवं निर्यात के लिए सर्वोत्तम प्रदर्शन दर्ज करते हुए, उपभोक्ता वस्तुएं अक्टूबर में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली श्रेणी थी।
  • सितंबर के पश्चात से मंदी के बावजूद, उपरोक्त सभी क्षेत्रों के लिए मध्यवर्ती एवं निवेश वस्तु उप-क्षेत्रों में विकास निरंतर बना हुआ था।

 

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