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इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज 2022

इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई तकनीक विकसित करना।

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इंडिया स्टैक: प्रसंग

  • हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजिटल इंडिया सप्ताह के एक भाग के रूप में ‘इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज (ISKE)’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

 

इंडिया स्टैक नॉलेज एक्सचेंज: प्रमुख बिंदु

  • ‘अर्बन स्टैक’, ‘टेक्नोलॉजी स्टैक फॉर ई-कॉमर्स’ तथा ‘स्पेस टेक्नोलॉजी स्टैक’ पर तीन मंथन विषयगत सत्रों के साथ कार्यक्रम की परिणति हुई।
  • आईएसकेई 2022 को वैश्विक समुदाय, इंडिया स्टैक सॉल्यूशंस एंड गुड्स प्रस्तुत करने की भी कल्पना की गई थी, तथा किसी भी राष्ट्र द्वारा उन्हें अपने उपयोग के लिए अपनाने एवं अनुकूलित करने का स्वागत किया।

 

अर्बन स्टैक

  • स्मार्ट सिटीज मिशन, सूचना, संचार, पूर्वानुमान एवं प्रबंधन के 4 चतुर्थांश दृष्टिकोणों के आसपास निर्मित एक महत्वाकांक्षी परियोजना में तैनाती के 3 पी – लोग, नीतियां और प्रक्रियाएं और प्लेटफॉर्म (पीपल, पॉलिसी एंड प्रोसेस, प्लेटफार्म) भी सम्मिलित हैं।
  • एकीकृत सम्भारिकी अंतरापृष्ठ मंच/यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) वस्तुओं के प्रभावी आवागमन, रसद लागत एवं समय को कम करने, वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सुधार के बारे में है।
  • इंडिया स्टैक द्वारा सक्षम शासन, प्रभाव एवं परिवर्तन के लिए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर (डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर गवर्नेंस, इंपैक्ट एंड ट्रांसफॉर्मेशन/DIGIT) को 1000 से अधिक शहरों में लागू किया गया है जिसके परिणामस्वरूप 180 मिलियन नागरिक प्रभावित हुए हैं।
  • इंडिया अर्बन डेटा एक्सचेंज (आईयूडीएक्स) को 18 शहरों में तैनात किया गया है एवं ईटीए के साथ बस अधिभोग (सूरत), सुरक्षित मार्गों तथा स्थानों (पुणे), मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट (सूरत), कुशल ठोस अपशिष्ट उठान (वाराणसी) के उदाहरणों के माध्यम से सफलता की कहानियों पर प्रकाश डाला गया है।

ई-कॉमर्स के लिए प्रौद्योगिकी स्टैक

  • पैनल ने सरकारी क्षेत्र के अंतर्गत क्रय हेतु निर्मित किए गए जीईएम प्लेटफॉर्म से जुड़ी तकनीकी चुनौतियों पर विचार-मंथन किया, जो लगभग 5 लाख करोड़ मूल्य के सकल व्यापारिक मूल्य का प्रबंधन करता है।
  • पैनल ने डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए ओपन नेटवर्क पर भी चर्चा की, जो पूर्ण रूप से ओपन-सोर्स डोमेन लाकर प्लेटफॉर्म से एकाधिकार को समाप्त करने हेतु एक प्रतिष्ठित पहल है, जो प्लेटफॉर्म के मध्य क्रेताओं एवं विक्रेताओं को प्रवेश द्वार प्रदान करता है।
  • यह भी बताया गया कि ई-वे बिल के परिणामस्वरूप लॉजिस्टिक्स में लगभग 20-30% दक्षता प्राप्त हुई है।

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी स्टैक

  • विषयगत सत्र ने स्वदेशी रूप से विकसित अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में अंतर्दृष्टि प्रदान की।
  • इसने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों, अर्थात् उपग्रह संचार, नेविगेशन, पृथ्वी अवलोकन तथा भू-स्थानिक डेटा प्रसार का प्रदर्शन किया।
  • प्रख्यात वक्ताओं ने साझा किया कि किस प्रकार स्वदेशी रूप से विकसित भारत की क्षेत्रीय नेविगेशन प्रणाली (NavIC), भारत की दृश्य प्रणाली (विजुअलाइजेशन सिस्टम्स ऑफ इंडिया/VEDAS) एवं अंतरिक्ष आधारित मौसम एवं महासागर डेटा के लिए भारतीय स्टोरहाउस (इंडियन स्पेस हाउस फॉर स्पेस बेस्ड वेदर एंड ओशन डाटा/MOSDAC) अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में भारत की स्थिति को सुदृढ़ कर रहे हैं।
  • ई-गवर्नेंस के लिए सैटकॉम के अनुप्रयोग अर्थात् भुवन, भूनिधि एवं युक्तधारा के समाधान भी साझा किए गए।

इंडिया स्टैक क्या है?

  • इंडिया स्टैक एपीआई का एकसमुच्चय है जो सरकारों, व्यवसायों, स्टार्टअप्स एवं विकासकों (डेवलपर्स) को एक विशिष्ट डिजिटल अवसंरचना का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करता है ताकि भारत की उपस्थिति-रहित, कागज रहित तथा नगद रहित (कैशलेस) सेवा वितरण की कठिन समस्याओं को हल किया जा सके।

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एपीआई की सूची

निम्नलिखित एपीआई को इंडिया स्टैक का मुख्य भाग माना जाता है।

  • आधार प्रमाणीकरण
  • आधार ई-केवाईसी
  • ई-साइन
  • डिजिटल लॉकर
  • यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई)
  • डिजिटल उपयोगकर्ता सहमति – अभी भी प्रगति पर है।

निम्नलिखित एपीआई को भी इंडिया स्टैक जैसे समान सिद्धांतों पर निर्मित सामाजिक मंच माना जाता है:

  • वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क
  • बीबीपीएस – भारत बिल भुगतान प्रणाली (द भारत बिल पेमेंट सिस्टम)
  • ईटीसी – इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (ब्रांड फास्टैग के तहत जाना जाता है)

 

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