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इन्फ्लेटेबल एयरोडायनामिक डिसेलेरेटर (आईएडी) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- सामान्य अध्ययन III- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।
इन्फ्लेटेबल एयरोडायनामिक डिसेलेरेटर (स्फीतिशील वायुगतिकीय मंदक/आईएडी)चर्चा में क्यों है?
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन/इसरो) ने एक ऐसी तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जो प्रयुक्त किए गए रॉकेट चरणों की लागत प्रभावी पुनर्प्राप्ति एवं अन्य ग्रहों पर पेलोड को सुरक्षित रूप से लैंड करने में सहायता कर सकती है।
इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर (IAD) क्या है?
- स्फीतिशील वायुगतिकीय मंदक एक वायुमंडलीय प्रवेश नीतभार (पेलोड) के लिए उपयोग की जाने वाली एक तकनीक है।
- एक स्फीतिशील आवरण एवं एक वायु पूरित (इन्फ्लैटेंट) (कुछ भी जो आवरण को वायु या हीलियम की तरह फुलाता है) स्फीतिशील वायुगतिकीय मंदक बनाते हैं।
- वायुमंडल में प्रवेश करते समय, यह गुब्बारे की तरह फुलाता है एवं लैंडर की गति को मंद कर देता है।
- वायु पूरित (इन्फ्लैटेंट) को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह स्फीतिशील आवरण को एक ऐसी स्थिति में भर दे कि यह किसी ग्रह या उपग्रह के वातावरण में प्रवेश करने के लिए पेलोड को आवरित कर ले तथा वायुगतिकीय बल इसे मंद कर देते हैं।
- सरल शब्दों में, स्फीतिशील वायुगतिकीय मंदक (इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर/आईएडी) को किसी भी ग्रह पिंड, जैसे पृथ्वी, मंगल अथवा यहां तक कि चंद्रमा के वातावरण में प्रवेश करने पर विकर्ष बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- इसका आकार एक बंद, गैस-दबाव वाले निकाय द्वारा बनाए रखा जाता है एवं आंतरिक रूप से स्फीतिशील गैस भी उत्पन्न होती है। कुछ संस्करण भी पलित वायु या दोनों का उपयोग करते हैं।
यह इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर (IAD) कितना महत्वपूर्ण है?
- नासा सहित कुछ अंतरिक्ष एजेंसियों ने पहले ही पराध्वनिक (सुपरसोनिक) एवं अतिध्वनिक (हाइपरसोनिक) प्रकारांतरों सहित प्रौद्योगिकी के उन्नत संस्करणों का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।
- हालांकि, इसरो के निकट भविष्य के मिशनों के लिए, इसका परीक्षण किया गया वर्तमान संस्करण आदर्श है।
- इसका उपयोग पहली बार नासा द्वारा 50 वर्ष पूर्व ग्रहों की प्रविष्टियों के लिए प्रस्तावित किया गया था।
इसरो के इन्फ्लेटेबल एरोडायनामिक डिसेलेरेटर (आईएडी)
- इसरो द्वारा परीक्षण किया गया IAD लगभग 84 किमी की ऊंचाई पर स्फीत किया गया था एवं परिज्ञापी रॉकेट का कार्गो वायुमंडल के माध्यम से उस पर अवनत हुआ।
- इसमें बूस्टर मोटर लगाई गई है। इसमें एक स्पिन रॉकेट भी है जो उत्क्षेपण योग्य (इजेक्टेबल) है।
- स्फीतिशील संरचना केवलर संरचना से निर्मित है, जो एक अत्यंत दृढ़ सिंथेटिक फाइबर है एवं वायुमंडलीय दबाव तथा तापमान परिवर्तन का सामना करने हेतु ताप प्रतिरोधी भी है।
- इसके ऊपर, अत्यधिक तापमान को सहन करने हेतु, यह पॉलीक्लोरोप्रिन, एक तेल एवं मोम प्रतिरोधी रबर के साथ लेपित है।
- स्फीतिशील प्रणाली में, यह एक पात्र में संग्रहित संपीड़ित नाइट्रोजन का उपयोग करता है।
- परीक्षण उड़ान के दौरान अपेक्षित प्रक्षेपवक्र को बनाए रखते हुए इसने वायुगतिकीय विकर्ष के माध्यम से पेलोड के वेग को निरंतर कम किया है।
इसरो इसका उपयोग कहां करना चाहता है?
- आईएडी इसरो को अनेक अंतरिक्ष कार्यों को प्रभावी ढंग से संपादित करने में सहायता करेगा जिसमें रॉकेट के प्रयुक्त किए गए चरणों की पुनर्प्राप्ति, अन्य ग्रह निकायों के मिशन पर नीतभार अवतरण (पेलोड लैंडिंग) के लिए शामिल है।
- यह प्रथम उदाहरण है जहां एक आईएडी विशेष रूप प्रयुक्त किए गए चरण की पुनर्प्राप्ति हेतु बनाया गया है।
- अतः अंतर-ग्रहीय मिशन निश्चित रूप से एक पहलू है इसरो जिसका अन्वेषण करना चाहता है।