Table of Contents
आईएनएस वेला- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: सुरक्षा- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन; संगठित अपराध का आतंकवाद से संबंध।
आईएनएस वेला- संदर्भ
- हाल ही में, भारतीय नौसेना ने मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) से ‘स्कॉर्पीन’ श्रेणी की चौथी पनडुब्बी-आईएनएस वेला की आपूर्ति प्राप्त की।
- इससे पहले, शिपयार्ड ने “स्कॉर्पीन” श्रेणी की तीन पनडुब्बियों की आपूर्ति की थी, जिनके नाम: कलवरी, खंडेरी एवं करंज हैं।
आईएनएस वेला- प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: प्रथम आईएनएस वेला पहली बार 31 अगस्त, 1973 को भारतीय नौसेना सेवा में कमीशन की गई थी एवं 37 वर्षों तक सेवा में रही।
- यह देश की सर्वाधिक पुरानी पनडुब्बी थी जब इसे 25 जून, 2010 को सेवामुक्त किया गया था ।
- वर्तमान आईएनएस वेला, ‘स्कॉर्पीन’ श्रेणी की चौथी पनडुब्बी, मई 2019 में विमोचित की गई थी।
- आईएनएस वेला के बारे में: आईएनएस वेला भारतीय नौसेना के लिए प्रोजेक्ट 75 के अंतर्गत ‘स्कॉर्पीन’ श्रेणी की चौथी पनडुब्बी है। आईएनएस वेला स्कॉर्पीन वर्ग पर आधारित एक आक्रामक पनडुब्बी है।
- यह एक डीजल- विद्युत संचालित पनडुब्बी है एवं पूर्ववर्ती ‘आईएनएस वेला’ के नाम पर इसका नाम ‘वेला’ रखा गया था।
आईएनएस वेला- प्रमुख विशेषताएं
- अत्याधुनिक तकनीक: आईएनएस वेला को शत्रुओं से निपटने के लिए उन्नत अप्रकाशित (स्टील्थ) एवं लड़ाकू क्षमताओं के लिए जाना जाता है। उदाहरण के लिए-
- उन्नत ध्वनिक गुप्तता तकनीक,
- अल्प विकिरणित शोर स्तर,
- जल- गतिशी(हाइड्रो-डायनामिक) रूप से अनुकूलित आकार एवं
- परिशुद्ध-निर्देशित अस्त्रों का उपयोग करके दुश्मन पर एक अशक्त कर देने वाला आक्रमण प्रारंभ करने की क्षमता
- जल के भीतर या सतह पर एक ही समय में टॉरपीडो के साथ-साथ ट्यूब से प्रक्षेपित जलयान-रोधी प्रक्षेपास्त्रों (मिसाइलों) का उपयोग करके आक्रमण किए जा सकते हैं।
क्रिवाक या तलवार स्टील्थ फ्रिगेट्स
प्रोजेक्ट-75: प्रमुख बिंदु
- प्रोजेक्ट-75 के बारे में: प्रोजेक्ट 75 के अंतर्गत, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा भारतीय नौसेना के लिए छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है।
- स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी अगली पीढ़ी की डीजल पनडुब्बी हैं।
- प्रोजेक्ट 75 के अंतर्गत छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की वर्तमान स्थिति:
- आईएनएस कलवरी: इसे अक्टूबर 2015 में विमोचित किया गया था एवं इसे दिसंबर 2017 में- निर्धारित समय से पांच वर्ष बाद कमीशन किया गया था।
- आईएनएस खंडेरी: इसे जनवरी 2017 में परीक्षण के लिए विमोचित किया गया था एवं सितंबर 2019 में कमीशन किया गया था।
- आईएनएस करंज: इसे जनवरी 2018 में विमोचित किया गया था और 10 मार्च, 2021 को कमीशन किया गया था।
- आईएनएस वेला: मई 2019 में विमोचित किया गया था एवं हाल ही में इसे शामिल किया गया था।
- आईएनएस वागीर: इसे नवंबर 2020 में विमोचित किया गया था एवं इसने बंदरगाह परीक्षण प्रारंभ कर दिया है। इसके दिसंबर 2021 में प्रथम बार आक्रमण हेतु तैयार होने की संभावना है।
- आईएनएस वाग्शीर: यह संस्थान के उन्नत चरण में है।
आत्मनिर्भर भारत को प्रोत्साहन देना: इन पनडुब्बियों का निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के अंतर्गत किया जाना है।