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आईएनएस विक्रांत, भारत का प्रथम स्वदेशी विमान वाहक वायु प्रमाणन एवं उड़ान एकीकरण परीक्षण से गुजर रहा है

INS Vikrant: यह भारत के प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत का नाम है। आईएनएस विक्रांत भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है तथा भारत की सामुद्रिक क्षमताओं के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। INS विक्रांत को भारत में डिजाइन तथा निर्मित किया गया है, जो देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आईएनएस विक्रांत यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- आंतरिक सुरक्षा, रक्षा निर्माण क्षेत्र सहित स्वदेशी प्रौद्योगिकी का विकास) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

INS Vikrant चर्चा में क्यों है?

आईएनएस विक्रांत विमान वाहक पोत शीघ्र-अति-शीघ्र ‘युद्ध हेतु तैयार’ स्थिति हासिल करने के लिए हवाई प्रमाणन एवं उड़ान एकीकरण परीक्षणों से गुजर रहा है। इन परीक्षणों में रोटरी विंग तथा फिक्स्ड विंग विमान दोनों की अनुकूलता एवं प्रदर्शन का परीक्षण शामिल है।

  • 6 फरवरी 2023 को एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर प्राप्त किया गया था जब मिग-29 K एवं स्वदेशी एलसीए (नौसेना) की पहली लैंडिंग सफलतापूर्वक पूरी हुई थी।
  • इसके बाद, नौसेना सूची में सभी हेलीकाप्टरों के लिए दिन एवं रात में लैंडिंग परीक्षण आयोजित किए गए हैं।
  • विमानन परीक्षण (एविएशन ट्रायल्स) पर फोकस जारी रखते हुए भारतीय नौसेना ने 24 मई 2023 को मिग-29 K की पहली नाइट लैंडिंग कर एक अन्य ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
  • लैंडिंग के पहले दिन के तीन माह के भीतर हासिल की गई यह उल्लेखनीय उपलब्धि भारतीय नौसेना, आईएनएस विक्रांत के चालक दल तथा परीक्षणों में शामिल नौसेना के पायलटों के दृढ़ संकल्प, कौशल एवं व्यावसायिकता को प्रदर्शित करती है।

INS Vikrant से संबंधित विवरण

आईएनएस विक्रांत भारत का प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत है। आईएनएस विक्रांत को अत्याधुनिक स्वचालन सुविधाओं के साथ निर्मित किया गया है एवं यह भारत के सामुद्रिक इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा जलपोत है।

  • उत्पादन: आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना के स्वदेशी वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया है कथा कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है, जो बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का शिपयार्ड है।
  • प्रमुख विशेषताएँ: 262.5 मीटर लंबा एवं 61.6 मीटर चौड़ा INS Vikrant लगभग 43,000 टी विस्थापित करता है, जिसमें 7,500 समुद्री मील की सह्यता के साथ 28 समुद्री मील की अधिकतम डिजाइन गति है।
    • आईएनएस विक्रांत जलपोत में लगभग 2,200 कक्ष हैं, जिन्हें महिला अधिकारियों एवं नाविकों सहित लगभग चालक दल के 1,600 सदस्यों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
    • विमान वाहक INS विक्रांत को मशीनरी संचालन, जलपोत नौवहन तथा उत्तरजीविता के लिए अत्यंत उच्च स्तर के स्वचालन के साथ डिज़ाइन किया गया है।
    • आईएनएस विक्रांत वाहक अत्याधुनिक उपकरणों एवं प्रणालियों से लैस है।
  • क्षमताएं: यह जलपोत स्वदेशी रूप से निर्मित उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर/ALH) तथा हल्के युद्धक विमान (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट/LCA) (नौसेना) के अतिरिक्त मिग-29 K लड़ाकू विमान, कामोव-31, एमएच-60आर बहु-भूमिका  हेलीकॉप्टर सहित 30 विमानों से युक्त हवाई स्कंध का संचालन करने में सक्षम है।
    • शॉर्ट टेक ऑफ बट अरेस्टेड रिकवरी (एसटीओबीएआर) के रूप में ज्ञात एक नवीन विमान-संचालन मोड का उपयोग करते हुए, आईएनएस विक्रांत विमान को लॉन्च करने के लिए स्की-जंप तथा जलपोत पर उनकी वापसी के लिए ‘एरेस्टर वायर’ के एक समुच्चय से लैस है।

आईएनएस विक्रांत का महत्व

  • आत्मनिर्भरता के लिए प्रमुख कदम: आईएनएस विक्रांत ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के दौरान ‘आत्मनिर्भर’ साख का प्रदर्शन किया।
    • आईएनएस विक्रांत आत्मनिर्भरता एवं ‘मेक इन इंडिया’ के राष्ट्र के संकल्प का वास्तविक प्रमाण भी है।
  • हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में सामुद्रिक सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करना: हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में संवर्धित सामुद्रिक सुरक्षा की दिशा में क्षमता निर्माण को आगे बढ़ाने में देश के उत्साह एवं उत्साह का एक वास्तविक साक्षी।
  • वैश्विक मान्यता: आईएनएस विक्रांत के कमीशन के साथ, भारत ने स्वदेशी डिजाइन एवं एक विमान वाहक का निर्माण करने हेतु उन्नत क्षमता वाले राष्ट्रों के एक चुनिंदा समूह में प्रवेश किया है।
  • रोजगार सृजन: 76% स्वदेशी सामग्री के साथ, आईएनएस विक्रांत के निर्माण के परिणामस्वरूप सीएसएल के 2,000 से अधिक कर्मचारियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजन हुआ है।
    • इसके अतिरिक्त, इसके परिणामस्वरूप 550 से अधिक मूल उपकरण निर्माता (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर/OEM), उप-ठेकेदारों, सहायक उद्योगों तथा 100 से अधिक  सूक्ष्म लघु एवं मध्यम इकाइयों (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज/MSMEs) के लिए लगभग 12,500 कर्मचारियों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन हुआ है, जिससे अर्थव्यवस्था पर प्लफ बैक इफेक्ट हुआ है।

 

INS Vikrant के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

 

प्र. INS Vikrant क्या है?

उत्तर. INS Vikrant भारत का प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत है। यह भारतीय नौसेना के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है तथा भारत की सामुद्रिक क्षमताओं के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

 

प्र. आईएनएस विक्रांत का निर्माण किसने किया था?

उत्तर. INS विक्रांत को भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया है तथा इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित किया गया है।

 

प्र. आईएनएस विक्रांत की वर्तमान स्थिति क्या है?

उत्तर. आईएनएस विक्रांत विमान वाहक पोत शीघ्र-अति-शीघ्र ‘युद्ध हेतु तैयार’ स्थिति हासिल करने के लिए हवाई प्रमाणन एवं उड़ान एकीकरण परीक्षणों से गुजर रहा है। इसकी परिचालन तत्परता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न जांच एवं परीक्षण किए जा रहे हैं।

 

प्र. आईएनएस विक्रांत से किस प्रकार के विमान संचालित हो सकते हैं?

उत्तर. आईएनएस विक्रांत रोटरी विंग (हेलीकॉप्टर) एवं फिक्स्ड विंग विमान दोनों को संचालित करने में सक्षम है। यह नौसेना की फेहरिश्त में मिग-29 K, हल्के युद्धक विमान (नौसेना) तथा अन्य हेलीकाप्टरों सहित विभिन्न प्रकार के विमानों को समायोजित कर सकता है।

 

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