Home   »   INS Vikrant inducted into Indian Navy   »   INS Vikrant inducted into Indian Navy
Top Performing

आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना में सम्मिलित किया गया

आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना में सम्मिलित किया गया- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

सामान्य अध्ययन III- विभिन्न सुरक्षा बल एवं एजेंसियां तथा उनका अधिदेश

हिंदी

चर्चा में क्यों है

नौसेना ने भारतीय विमानवाहक पोत (इंडियन एयरक्राफ्ट कैरियर/IAC-1) की डिलीवरी ले ली है, जिसे क्रियाशील करने के पश्चात भारत के प्रिय प्रथम विमानवाहक पोत के नाम पर आईएनएस विक्रांत नाम दिया जाएगा।

 

आईएनएस विक्रांत

  • कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा देश का प्रथम स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत।
  • आईएसी (IAC)-1 – जैसा कि वर्तमान में वाहक का कूट नाम है – भारतीय नौसेना के नौसेना डिजाइन निदेशालय (डायरेक्टरेट ऑफ नेवल डिजाइन/DND) द्वारा डिजाइन किया गया है एवं कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), शिपिंग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड में निर्मित किया गया है।
  • संभवत: स्वतंत्रता दिवस पर क्रियाशील होने के पश्चात, इसे भारत के प्रथम विमानवाहक पोत, विक्रांत (R11) को श्रद्धांजलि के रूप मेंविक्रांतकहा जाएगा, जिसका संस्कृत में अर्थ “साहसी” होता है।

 

मूलविक्रांत

  • 19,500-टन के एक मैजेस्टिक-क्लास युद्धपोत, जिसे 1961 में ब्रिटेन से प्राप्त किया गया था, ने 1971 में पाकिस्तान के साथ युद्ध में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • बंगाल की खाड़ी में तैनात, ‘विक्रांत’ एवं सी हॉक लड़ाकू जेट के दो हवाई स्क्वाड्रन तथा अलिज़े निगरानी विमान का उपयोग बंदरगाहों, व्यापारिक जलयानों  एवं अन्य लक्ष्यों पर हमलों में किया गया था एवं पाकिस्तानी सेना को समुद्री मार्गों से भागने से रोकने के लिए उपयोग किया गया था।
  • अनेक दशकों से अपार राष्ट्रीय गौरव का स्रोत, इसे 1997 में सेवामुक्त कर दिया गया था।

 

आधुनिक युद्ध के लिए युद्धपोत

  • यह लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (लॉन्ग रेंज  सर्फेस टू एयर मिसाइल/LR SAM) एवं क्लोज-इन वेपन सिस्टम (CIWS) सहित आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस होगा।
  • स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट/एलसीए), मिग-29 के लड़ाकू जेट एवं कमनोव-31 सहित कई हेलीकॉप्टरों सहित तीस से अधिक विमानों को वाहक पर तैनात किया जा सकता है।
  • नौसेना ने कहा कि एक बार कमीशन हो जाने के पश्चात, IAC-1 “सर्वाधिक शक्तिशाली समुद्र-आधारित  परिसंपत्ति” होगी, जो रूस निर्मित मिग-29 के लड़ाकू विमान एवं कामोव-31 एयर अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टरों का संचालन करेगी।
  • यह अमेरिकी एयरोस्पेस एवं रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन द्वारा निर्मित एमएच-60 आर सीहॉक मल्टीरोल हेलीकॉप्टर एवं बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित उन्नत हल्के (एडवांस्ड लाइट) हेलीकॉप्टर (ALH) का भी संचालन करेगा।
  • युद्धपोत लंबी दूरी पर वायु शक्ति को प्रक्षेपित करने की अपनी क्षमता के साथ एक अतुलनीय सैन्य उपकरण की पेशकश करेगा, जिसमें एयर इंटरडिक्शन, एंटी-सरफेस वारफेयर, आक्रामक एवं रक्षात्मक काउंटर-एयर, एयरबोर्न एंटी-सबमरीन वारफेयर तथा एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सम्मिलित हैं।

हिंदी

एक राष्ट्र के लिए एक विमान वाहक का महत्व 

  • एक विमानवाहक पोत किसी भी राष्ट्र के लिए सर्वाधिक शक्तिशाली समुद्री परिसंपत्तियों में से एक है, जो हवाई वर्चस्व संचालन करने के लिए अपने घरेलू तटों से दूर यात्रा करने की नौसेना की क्षमता को संवर्धित करता है।
  • एक “ब्लू वाटर” नौसेना माने जाने के लिए, अर्थात, एक ऐसी नौसेना जो खुले समुद्रों में एक राष्ट्र की  क्षमता एवं शक्ति को प्रक्षेपित करने की क्षमता रखती है, उसके पास एक विमानवाहक पोत होना आवश्यक है।
  • चूंकि यह एक वाहक आक्रमण / युद्ध समूह के प्रमुख जहाज के रूप में एक बहुमूल्य एवं कभी-कभी कमजोर लक्ष्य बन जाता है एवं इसलिए, इसे आमतौर पर विध्वंसक, मिसाइल क्रूजर, फ्रिगेट, पनडुब्बी तथा आपूर्ति जहाजों द्वारा मार्गरक्षित ले जाया जाता है।

हिंदी

वृद्धिमान भारतीय रक्षा क्षेत्र

  • भारत उन देशों के प्रतिष्ठित समूह (क्लब) में सम्मिलित हो गया है जिनके पास विनिर्माण एवं विमान वाहक क्षमता है।
  • विश्व में सर्वाधिक उन्नत एवं जटिल युद्धपोतों में से एक माने जाने वाले निर्माण की क्षमता एवं आत्मनिर्भरता के प्रदर्शन ने भारत को वैश्विक शक्ति के नक्शे पर ला खड़ा किया है।

 

समुद्रयान मिशन संपादकीय विश्लेषण- व्हाट नंबर्स डोंट रिवील अबाउट  टाइगर कंजर्वेशन? नीली अर्थव्यवस्था पर राष्ट्रीय नीति वन अधिकार अधिनियम 2006
राष्ट्रीय परिवार नियोजन सम्मेलन 2022- भारत ने प्रतिस्थापन स्तर टीएफआर हासिल किया विश्व हेपेटाइटिस दिवस-हेपेटाइटिस से मुक्त भविष्य अंतर्राष्ट्रीय भूमि सीमाओं पर एकीकृत चेक पोस्ट (आईसीपी) की सूची 5 नई भारतीय आर्द्रभूमि को रामसर स्थलों के रूप में मान्यता
संपादकीय विश्लेषण- वैश्विक संपर्क का एक मार्ग  सहकारिता पर राष्ट्रीय नीति एशियाई सिंह संरक्षण परियोजना लाइट मैन्टल्ड अल्बाट्रॉस

Sharing is caring!

आईएनएस विक्रांत को भारतीय नौसेना में सम्मिलित किया गया_3.1