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एससीओ के साथ भारत के सभ्यतागत संबंध पर ध्यान केंद्रित करते हुए “साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन: यह “साझा बौद्ध विरासत” पर चर्चा करने के उद्देश्य से एससीओ देशों का दो दिवसीय सम्मेलन है। “साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 1- कला एवं संस्कृति- भारत के भीतर तथा बाहर कला एवं संस्कृति को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार के प्रयास) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन चर्चा में क्यों है?

हाल ही में, विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 14-15 मार्च 2023 को “साझा बौद्ध विरासत” पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। सम्मेलन का फोकस शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन/एससीओ) राष्ट्रों 2023 के साथ भारत के सभ्यतागत जुड़ाव पर था।

साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

“साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अपनी तरह का प्रथम आयोजन है जो भारत के एससीओ नेतृत्व के तहत आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन “साझा बौद्ध विरासत” पर चर्चा करने के लिए मध्य एशियाई, पूर्वी एशियाई, दक्षिण एशियाई एवं अरब देशों को एक साझा मंच पर लाएगा।

  • अधिदेश: सम्मेलन का उद्देश्य ट्रांस-सांस्कृतिक लिंक को पुनःस्थापित करना है, मध्य एशिया की बौद्ध कला, कला शैलियों, पुरातात्विक स्थलों एवं एससीओ देशों के विभिन्न संग्रहालयों के संग्रह में पुरातनता के मध्य समानताओं की तलाश करना है।
  • आयोजक: साझा बौद्ध विरासत 2023 सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, विदेश मंत्रालय एवं अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC-संस्कृति मंत्रालय के एक अनुदेयी निकाय के रूप में) द्वारा किया जा रहा है।

साझा बौद्ध विरासत सम्मेलन 2023 में भागीदारी

“साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में एससीओ के सभी सदस्य देशों की भागीदारी देखी गई जिसमें चीन, रूस एवं मंगोलिया सहित सदस्य राज्य, पर्यवेक्षक राज्य एवं संवाद भागीदार शामिल हैं। 15 से अधिक विद्वानों-प्रतिनिधियों ने साझा विरासत के रूप में बौद्ध धर्म विषय पर शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।

  • इस कार्यक्रम में बौद्ध धर्म के कई भारतीय विद्वान भी भाग लेंगे।
  • सम्मेलन में भाग लेने वालों को दिल्ली के कुछ ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण करने का अवसर भी प्राप्त होगा।

साझा बौद्ध विरासत 2023 का महत्व

सम्मेलन एससीओ देशों में रुचि रखने वाले लोगों के मस्तिष्क की एक विशिष्ट बैठक है। एससीओ देश विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों से हैं किंतु एक साझा सभ्यता विरासत के एक सामान्य सूत्र से जुड़े हुए हैं।

  • इसे बौद्ध मिशनरियों द्वारा और मजबूत किया गया है जिन्होंने पूरे भारतीय उपमहाद्वीप एवं एशिया में विभिन्न संस्कृतियों, समुदायों तथा क्षेत्रों को एकीकृत करने में प्रमुख भूमिका निभाई।
  • सम्मेलन में, प्रतिभागी दो दिनों के विभिन्न थीम्स पर चर्चा करेंगे, भविष्य में सदियों पुराने बंधनों को जारी रखने के तरीकों को चाक-चौबंद करेंगे।

साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन क्या है?

उत्तर. “साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारत के एससीओ नेतृत्व के तहत शंघाई सहयोग संगठन (शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन/एससीओ) राष्ट्रों 2023 के साथ भारत के सभ्यतागत जुड़ाव पर ध्यान देने के साथ आयोजित एक कार्यक्रम है।

  1. साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कौन कर रहा है?

उत्तर. साझा बौद्ध विरासत 2023 सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, विदेश मंत्रालय एवं अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (IBC-संस्कृति मंत्रालय के एक अनुदेयी निकाय के रूप में) द्वारा किया जा रहा है।

  1. साझा बौद्ध विरासत” 2023 पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य क्या है?

उत्तर. सम्मेलन का उद्देश्य ट्रांस-सांस्कृतिक लिंक को पुनः स्थापित करना है, मध्य एशिया की बौद्ध कला, कला शैलियों, पुरातात्विक स्थलों एवं एससीओ देशों के विभिन्न संग्रहालयों के संग्रह में पुरातनता के मध्य समानताओं की तलाश करना है।

 

FAQs

What is International conference on “Shared Buddhist Heritage” 2023?

International conference on “Shared Buddhist Heritage” 2023 is an event organized under India’s SCO leadership with a focus on India’s civilizational connect with the Shanghai Cooperation Organization (SCO) nations 2023.

Who is organizing the International conference on “Shared Buddhist Heritage” 2023?

The Shared Buddhist Heritage 2023 conference is being organized by the Ministry of Culture, the Ministry of External Affairs and the International Buddhist Confederation (IBC-as a grantee body of the Ministry of Culture).

What is the objective of International conference on “Shared Buddhist Heritage” 2023?

The Conference aims to re-establish trans-cultural links, seek out commonalities, between Buddhist art of Central Asia, art styles, archaeological sites and antiquity in various museums’ collections of the SCO countries.

manish

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