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अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2022: इतिहास, विषय एवं महत्व

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस- यूपीएससी परीक्षा  के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन और चुनौतियां- विकास प्रक्रियाएं एवं विकासात्मक उद्योग- गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों तथा संघों, दाताओं, न्यासों, संस्थागत एवं अन्य हितधारकों की भूमिका।

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 समाचारों में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2022 

  • हाल ही में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह 100वें अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।

 

भारत में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2022

  • सहकारी समितियों के बारे में: सहकारी समितियों को जन-नेतृत्व वाले उद्यमों के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जिनका स्वामित्व, नियंत्रण तथा संचालन उनके सदस्यों द्वारा एक सामान्य आर्थिक, सामाजिक  एवं सांस्कृतिक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  • संगठन: सहकारिता मंत्रालय  एवं भारत के राष्ट्रीय सहकारी संघ (नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया/NCUI) द्वारा भारत में सहकारिता 2022 के 100 वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस का आयोजन किया जा रहा है।
  • थीम: अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2022 कार्यक्रम का मुख्य विषय “सहकारिता के माध्यम से एक आत्मनिर्भर भारत तथा एक बेहतर विश्व का निर्माण” (बिल्डिंग ऑफ सेल्फ रिलायंट इंडिया एंड ए बेटर वर्ल्ड थ्रू कोऑपरेटिव) था।
  • सहकारिता दिवस की भूमिका: अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस निम्नलिखित दे दो आयोजित किया जाता है-
    • सहकारिता क्षेत्र का आधुनिकीकरण,
    • लोगों के मध्य सहयोग एवं योगदान की भावना को दिशा प्रदान करना,
    • समुदायों के मध्य समानता स्थापित करना एवं
    • उन्हें सह-समृद्धि का मार्ग प्रदर्शित करना।

 

अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 

  • अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के बारे में: अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 1923 से जुलाई के प्रथम शनिवार को प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
    • 1995 में अंतर्राष्ट्रीय सहकारी गठबंधन (इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस/ICA) की शताब्दी पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली/UNGA) द्वारा आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा की गई थी।
  • अधिदेश: सहकारिता के बारे में जागरूकता बढ़ाने एवं अंतर्राष्ट्रीय ऐक्यभाव, आर्थिक दक्षता, समानता एवं विश्व शांति के आंदोलन के विचारों को प्रोत्साहित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस मनाया जाता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस 2022 की थीम: 2022 के लिए थीम है – “सहकारिता एक बेहतर विश्व का निर्माण करती है।” (कोऑपरेटिव बिल्ड ए बेटर वर्ल्ड)।

 

विश्व में सहकारिता का इतिहास

  • 1761: स्कॉटलैंड को उस स्थान के रूप में जाना जाता है जहां सर्वप्रथम दर्ज सहकारी समिति का गठन किया गया था।
  • 1844: 1844 में इंग्लैंड के उत्तर में सूती मिलों में काम करने वाले 28 कारीगरों के एक समूह ने पहला आधुनिक सहकारी व्यवसाय स्थापित किया।
  • 1995: ICA एवं संयुक्त राष्ट्र ने सहकारी समितियों के संवर्धन तथा उन्नति के लिए समिति (कमेटी फॉर द प्रमोशन एंड एडवांसमेंट ऑफ कोऑपरेटिव/COPAC) के माध्यम से संयुक्त रूप से IDC के उत्सव के लिए विषय वस्तु (थीम)निर्धारित किया है।
  • 2012: संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2012 में मनाया गया।

 

भारत में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय 

  • सहकारिता मंत्रालय के बारे में: ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए भारत सरकार द्वारा जुलाई 2021 में पृथक रूप से एक सहकारिता मंत्रालय का निर्माण गया था।
    • इस तरह के कदम की घोषणा केंद्रीय बजट 2021 में की गई थी जिसमें सहकारी समितियों के लिए एक  पृथक प्रशासनिक ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव था।
  • मुख्य उद्देश्य: सहकारिता मंत्रालय के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
    • देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए एक अलग प्रशासनिक, विधिक एवं नीतिगत ढांचा प्रदान करना।
    • सहकारिता आंदोलन को जमीनी स्तर तक पहुँचाने में सहायता करके एक वास्तविक जन-आन्दोलन निर्मित करना।
    • सहकारिताओं के लिए व्यापारिक सुगमता के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना एवं बहु-राज्य सहकारी समितियों (मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव/एमएससीएस) के विकास को सक्षम बनाना।

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सहकारिता से संबंधित संवैधानिक प्रावधान

  • संविधान (97वां संशोधन) अधिनियम, 2011 ने भारत में कार्यरत सहकारी समितियों के संबंध में भाग IXA (नगर पालिकाओं) के ठीक पश्चात एक नया “भाग IXB” जोड़ा।
  • अनुच्छेद 19(1)(c) संविधान के भाग III के तहत: “सहकारिता” का प्रावधान करता है, जिससे समस्त नागरिकों को मौलिक अधिकार का दर्जा देकर सहकारी समितियों को  स्थापित करने की अनुमति प्राप्त होती है।
  • “सहकारी समितियों के प्रसार” के संबंध में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों (भाग IV) में अनुच्छेद 43 बी जोड़ा गया था।

 

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