Table of Contents
इंटरसोलर यूरोप 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े समझौते एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
समाचारों में इंटरसोलर यूरोप 2022
- हाल ही में, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के लिए भारतीय केंद्रीय राज्य मंत्री ने म्यूनिख, जर्मनी में आयोजित इंटरसोलर यूरोप 2022 में भाग लिया।
- मंत्री ने “भारत के सौर ऊर्जा बाजार” पर निवेश प्रोत्साहन कार्यक्रम में मुख्य भाषण दिया।
इंटरसोलर यूरोप 2022- इंटरसोलर यूरोप क्या है?
- इंटरसोलर यूरोप के बारे में: इंटरसोलर यूरोप सौर उद्योग के लिए विश्व की अग्रणी प्रदर्शनी है तथा मेस्से मुन्चेन प्रदर्शनी केंद्र में प्रतिवर्ष आयोजित होता है।
- इंटरसोलर 2022 11-13 मई तक जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित होगा।
- इंटरसोलर यूरोप तीन ऊर्जा प्रदर्शनियों जैसे यूरोप, पावर2ड्राइव यूरोप तथा ईएम-पावर यूरोप के समानांतर स्मार्ट ई यूरोप के हिस्से के रूप में आयोजित होता है।
- भागीदारी: “कनेक्टिंग सोलर बिजनेस” के आदर्श वाक्य के तहत, दुनिया भर के निर्माता, आपूर्तिकर्ता, वितरक, सेवा प्रदाता तथा परियोजना योजनाकार एवं डेवलपर्स प्रत्येक वर्ष म्यूनिख में मिलते हैं।
- अधिदेश: इंटरसोलर यूरोप का उद्देश्य नवीनतम विकास एवं रुझानों पर चर्चा करना, नवाचारों का प्रत्यक्ष रूप से पता लगाना तथा संभावित नए ग्राहकों से मिलना है।
सतत ऊर्जा के माध्यम से सतत भविष्य- भारत की प्रतिबद्धता
- महत्वाकांक्षी पंचामृत लक्ष्य: ये लक्ष्य भारत द्वारा कॉप-26 के दौरान निर्धारित किए गए थे। भारत 2070 तक निवल शून्य प्राप्त करने एवं 2030 तक 500 गीगा वाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता स्थापित करने हेतु पूर्ण रूप से तैयार है।
- भारत की विशाल अक्षय ऊर्जा संसाधन क्षमता तथा सुदृढ़ नीति समर्थन इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है।
- नवीकरणीय/अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों की आरंभिक उपलब्धि: भारत ने विगत 7 वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता की अविश्वसनीय वृद्धि देखी है तथा 2030 के निर्धारित लक्ष्य से 9 वर्ष पूर्व 2021 में गैर-जीवाश्म ईंधन से 40% संचयी विद्युत क्षमता का लक्ष्य प्राप्त किया है।
- सोलर पीवी सेक्टर को प्रोत्साहन देना: भारत सरकार अपने महत्वाकांक्षी परिनियोजन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सोलर पीवी सेक्टर में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने हेतु प्रतिबद्ध है।
- घरेलू पीवी विनिर्माण क्षेत्र को समर्थन देने के लिए कई नीतिगत उपाय किए गए हैं।
- भारत उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए कुल 24,000 करोड़ रुपये का बजट परिव्यय निर्धारित किया गया है।
- हरित हाइड्रोजन को बढ़ावा देना: हरित हाइड्रोजन मिशन से 4.1 मिलियन टन वार्षिक हरित हाइड्रोजन उत्पादन का अपेक्षित परिणाम प्राप्त हुआ है।
- हरित हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने हेतु, भारत ने 25,425 करोड़ रुपये के परिव्यय का अनुमान लगाया है।