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निवेश प्रोत्साहन समझौता: प्रासंगिकता
- जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
निवेश प्रोत्साहन समझौता: प्रसंग
- हाल ही में, अमेरिका ने भारत में निवेश सहायता प्रदान करना जारी रखने के लिए भारत के साथ एक निवेश प्रोत्साहन समझौते (इन्वेस्टमेंट इंसेंटिव एग्रीमेंट/IIA) पर हस्ताक्षर किए हैं।
निवेश प्रोत्साहन समझौता: प्रमुख बिंदु
- यह IIA वर्ष 1997 में भारत सरकार तथा संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार के मध्य हस्ताक्षरित निवेश प्रोत्साहन समझौते का स्थान लेता है।
- 1997 में पूर्ववर्ती आईआईए पर हस्ताक्षर करने के बाद से महत्वपूर्ण विकास हुए हैं, जिसमें डीएफसी नामक एक नवीन अभिकरण का निर्माण सम्मिलित है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार की एक विकास वित्त एजेंसी है।
- आईआईए को डीएफसी द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त निवेश सहायता कार्यक्रमों जैसे कि ऋण, इक्विटी निवेश, निवेश गारंटी, निवेश बीमा या पुनर्बीमा, संभावित परियोजनाओं एवं अनुदानों के लिए व्यवहार्यता अध्ययन के साथ सामंजस्य स्थापित रखने के लिए हस्ताक्षर किए गए हैं।
डीएसए क्या है?
- डीएसए संयुक्त राज्य अमेरिका के एक हालिया कानून, बिल्ड एक्ट 2018 के अधिनियमन के अच्छा पूर्ववर्ती ओवरसीज प्राइवेट इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (ओपीआईसी) की एक उत्तरवर्ती एजेंसी है।
- भारत में निवेश सहायता प्रदान करना जारी रखने के लिए समझौता डीएफसी के लिए विधिक अनिवार्यता है।
- डीएफसी या उनकी पूर्ववर्ती एजेंसियां 1974 से भारत में सक्रिय हैं एवं अब तक 5.8 बिलियन डॉलर की निवेश सहायता प्रदान कर चुकी हैं, जिसमें से 2.9 बिलियन डॉलर अभी भी बकाया हैं।
- भारत में निवेश सहायता प्रदान करने के लिए डीएफसी द्वारा 4 बिलियन डॉलर के प्रस्तावों पर विचार किया जा रहा है।
- DFC ने उन क्षेत्रों में निवेश सहायता प्रदान की है जो विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं जैसे कि कोविड-19 वैक्सीन निर्माण, स्वास्थ्य संबंधी वित्तपोषण, नवीकरणीय ऊर्जा, लघु एवं मध्यम वित्तपोषण, वित्तीय समावेशन, आधारिक अवसंरचना इत्यादि।