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निवेशक चार्टर

निवेशक चार्टर: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही एवं संस्थागत तथा अन्य उपाय।

 

निवेशक चार्टर: प्रसंग

  • सेबी ने निवेशक चार्टर का अनावरण किया है एवं भारतीय प्रतिभूति बाजार में निवेश करने के लिए ‘क्या कीजिए’ एवं ‘क्या न कीजिए’, निर्धारित किया है।

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निवेशक चार्टर: मुख्य बिंदु

  • निवेशकों को वित्तीय उत्पादों की गलत विक्रय (मिससेलिंग) से सुरक्षित करने हेतु सर्वप्रथम केंद्रीय बजट 2021-22 में इन्वेस्टर चार्टर प्रस्तावित किया गया था।
  • इस चार्टर में निवेशकों के अधिकार एवं जिम्मेदारियां तथा प्रतिभूति बाजार में निवेश करने के क्या करेंएवंक्या न करेंसम्मिलित हैं।
  • इसमें शामिल जोखिमों को समझने एवं निष्पक्ष, पारदर्शी, सुरक्षित बाजार में निवेश करने एवं समय पर एवं कुशल रूप से सेवाएं प्राप्त करने के लिए निवेशकों के हितों की रक्षा हेतु चार्टर प्रकाशित किया गया है।
  • यह यह भी सुनिश्चित करेगा कि सेबी-पंजीकृत मध्यस्थ/विनियमित संस्थाएं परिवाद निवारण तंत्र सहित अपने निवेशक चार्टर का पालन करें।

 

निवेशक चार्टर: निवेशक के अधिकार

  • निष्पक्ष एवं न्यायसंगत उपचार प्राप्त करना।
  • एससीओआरईएस (सेबी कंप्लेंट्स रिड्रेसल सिस्टम/सेबी परिवाद निवारण तंत्र) में दायर निवेशक शिकायतों के समयबद्ध तरीके से निवारण की अपेक्षा करना।
  • सेबी-मान्यता प्राप्त बाजार अवसंरचना संस्थानों एवं सेबी-पंजीकृत मध्यस्थों/विनियमित संस्थाओं/परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों से गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्राप्त करना।

 

निवेशक चार्टर: निवेशक की जिम्मेदारियां

  • केवल सेबी-मान्यता प्राप्त बाजार अवसंरचना संस्थानों एवं सेबी-पंजीकृत मध्यस्थों/विनियमित संस्थाओं के साथ व्यवहार करना।
  • किसी भी परिवर्तन के संबंध में उनके संपर्क विवरण जैसे पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, नामांकन एवं अन्य केवाईसी विवरण अद्यतन करना
  • सुनिश्चित करना कि संबंधित संस्थाओं द्वारा एक निर्धारित अवधि के भीतर शिकायतों को लिया जाता है।
  • सुनिश्चित करना कि उनके खाते केवल उनके लाभ के लिए संचालित किए जा रहे हैं।

 

निवेशक चार्टर: निवेशकों के लिए ‘क्या करें’:

  • निवेश करने से पूर्व दस्तावेजों को ध्यान से पढ़ें एवं समझें।
  • निवेशक परिवाद निवारण तंत्र के बारे में जानें।
  • निवेश करने से पूर्व अंतर्निहित जोखिमों को जानें
  • खाता विवरण (अकाउंट स्टेटमेंट) पर नज़र रखें एवं किसी भी विसंगति को ध्यान में रखते हुए संबंधित स्टॉक एक्सचेंज/मध्यस्थ/एएमसी के ध्यान में लाएं।
  • लेनदेन में शामिल विभिन्न शुल्क, प्रभार, उपांत, अधिमूल्य इत्यादि के बारे में जानें
  • प्रासंगिक लेनदेन से संबंधित दस्तावेजों को सुरक्षित रखें।

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निवेशक चार्टर: निवेशकों के लिए ‘क्या न करें’:

  • प्रतिभूति बाजार में निर्धारित सीमा से अधिक निवेश करते समय नकद भुगतान न करें
  • महत्वपूर्ण जानकारी जैसे खाता विवरण एवं पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें

 

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