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इसरो का पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (आरएलवी लेक्स) सफलतापूर्वक आयोजित किया गया

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (आरएलवी लेक्स): इसरो का आरएलवी-एलईएक्स आरएलवी, या अंतरिक्ष विमान/शटल विकसित करने के लिए इसरो के प्रयासों का एक हिस्सा है, जो नीतभार प्रदान करने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षाओं की यात्रा कर सकता है एवं पुनः उपयोग हेतु पृथ्वी पर लौट सकता है। पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (आरएलवी लेक्स) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास; प्रौद्योगिकियों का स्वदेशीकरण) के लिए भी महत्वपूर्ण है। 

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनॉमस लैंडिंग मिशन/आरएलवी लेक्स)  चर्चा में क्यों है

हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (RLV LEX) के सफल निष्पादन पर संतोष व्यक्त किया है।

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (आरएलवी लेक्स)

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (आरएलवी लेक्स) आरएलवी अथवा अंतरिक्ष विमानों/शटल विकसित करने के इसरो के प्रयासों का एक हिस्सा है, जो  नीतभार प्रदान करने के लिए पृथ्वी की निचली कक्षाओं की यात्रा कर सकता है तथा पुनः उपयोग के लिए पृथ्वी पर लौट सकता है।

  • पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (RLV LEX) का सफल निष्पादन कर्नाटक के चित्रदुर्ग में वैमानिकी परीक्षण रेंज (एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज/ATR) में हुआ।
  • इसरो ने डीआरडीओ एवं भारतीय वायु सेना की सक्रिय भागीदारी के साथ पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहन स्वायत्त लैंडिंग मिशन (आरएलवी लेक्स) परीक्षण सफलतापूर्वक आयोजित किया।
  • आरएलवी-टीडी (एचईएक्स) मिशन के सफल प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लगभग सात वर्ष पश्चात आरएलवी के साथ इसरो का हालिया प्रयोग इस तरह के परीक्षण का दूसरा उदाहरण है, जो इसरो द्वारा 23 मई, 2016 को भी आयोजित किया गया था।
  • आरएलवी ने एकीकृत नौवहन, मार्गदर्शन एवं नियंत्रण प्रणाली का उपयोग करते हुए एप्रोच तथा लैंडिंग युद्धाभ्यास को सफलतापूर्वक पूर्ण किया, अंततः एटीआर हवाई पट्टी पर एक स्वायत्त लैंडिंग प्राप्त की। इसरो द्वारा यह उपलब्धि एक अंतरिक्ष यान की सफल स्वायत्त लैंडिंग का प्रतीक है।

इसरो का आरएलवी टीडी परियोजना विवरण

इसरो ने कहा है कि द्रुतगामी आरएलवी-टीडी प्रयोगों का उद्देश्य पूर्ण रूप से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान निर्मित करने हेतु आवश्यक मूलभूत तकनीकों को विकसित करना है, जो अंतरिक्ष की पहुंच को और अधिक किफायती बना देगा।

  • प्रयोग निम्नलिखित सदृश क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे-
    • अतिध्वनिक उड़ान (हाइपरसोनिक फ्लाइट/हेक्स),
    • स्वायत्त लैंडिंग (ऑटोनॉमस लैंडिंग/लेक्स),
    • वापसी उड़ान प्रयोग (रिटर्न फ्लाइट एक्सपेरिमेंट/आरईएक्स),
    • संचालित क्रूज उड़ान, एवं
    • स्क्रैमजेट प्रणोदन प्रयोग प्रोपल्शन एक्सपेरिमेंट (स्क्रैमजेट प्रोपल्शन एक्सपेरिमेंट/SPEX) इन तकनीकों के विकास को सुविधाजनक बनाने हेतु।
  • इसरो द्वारा विकसित आरएलवी-टीडी एक वायुयान के समान प्रतीत होता है, जिसमें एक धड़, नोज कैप, डबल डेल्टा  विंग्स तथा ऊर्ध्वाधर जुड़वां पूंछ होती है।
  • 2016 में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन/ISRO) ने एक पारंपरिक ठोस बूस्टर इंजन (HS9) का उपयोग करके एक पंख वाले अंतरिक्ष यान को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने से जुड़ा एक प्रयोग किया।
  • पृथ्वी की कक्षा में पुनः: प्रवेश के दौरान अंतरिक्ष यान 5 मैक की गति (ध्वनि की गति के पांच गुना के बराबर) तक पहुंच गया एवं बंगाल की खाड़ी में सफलतापूर्वक गिरने से पहले 450 किमी की दूरी तय की।

इसरो की आरएलवी परियोजना की यात्रा का अनुरेखण

इसरो ने 2010 में आरएलवी के आरंभिक परीक्षणों में से एक की घोषणा की थी,  किंतु तकनीकी कठिनाइयों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। 2015 में इसरो ने एक अन्य आरएलवी परीक्षण का भी संकेत दिया था, किंतु तकनीकी मुद्दों के कारण इसमें भी विलंब हुआ।

  • जीएसएलवी एवं इसके उन्नत संस्करण, जीएसएलवी-एमके III के विकास के लिए एजेंसी का ध्यान निर्देशित होने के कारण इसरो में आरएलवी विकास कार्यक्रम हाल के वर्षों में प्राथमिक ध्यान नहीं था।
  • इसका उद्देश्य इसरो को 2,000 किलोग्राम से अधिक वजन वाले बड़े संचार उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए लाभदायक बाजार में अपनी उपस्थिति स्थापित करने में सक्षम बनाना था।
  • हालाँकि, 23 मई, 2016 को इसरो द्वारा RLV-TD का प्रथम परीक्षण किया गया था।
  • इसरो का आरएलवी लेक्स परीक्षण जो हाल ही में आयोजित किया गया था, आरएलवी परियोजना के तहत इस तरह का दूसरा परीक्षण था।

आरएलवी परियोजना का महत्व

इन शटल में पृथ्वी की निचली कक्षाओं में नीतभार (पेलोड) ले जाने तथा पृथ्वी पर लौटने की क्षमता होगी एवं इस मिशन की सफलता इसरो को इस लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब लाती है।

  • अंतरिक्ष अन्वेषण से जुड़ी उच्च लागत इसकी प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा रही है।
  • हालांकि, पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यानों को अंतरिक्ष पहुंच प्राप्त करने हेतु विश्वसनीय, लागत प्रभावी एवं  सरलता से उपलब्ध साधन माना जाता है।
  • एक अंतरिक्ष प्रक्षेपण यान की संरचना इसकी कुल लागत का लगभग 80 से 87 प्रतिशत है, जिसमें प्रणोदक लागत तुलनात्मक रूप से नगण्य है।
  • आरएलवी के उपयोग से वर्तमान प्रक्षेपण लागत की तुलना में लागत में लगभग 80 प्रतिशत की कमी हो सकती है।

 

पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग मिशन (रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल ऑटोनॉमस लैंडिंग मिशन/आरएलवी लेक्स) के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. आरएलवी लेक्स क्या है?

उत्तर. RLV LEX, पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग प्रयोग के लिए संदर्भित है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन/ISRO) द्वारा पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान के लिए स्वायत्त लैंडिंग क्षमताओं को विकसित करने हेतु प्रारंभ किया गया एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रम है।

प्र. आरएलवी लेक्स का उद्देश्य क्या है?

उत्तर. RLV LEX का उद्देश्य पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान की स्वायत्त लैंडिंग क्षमता का प्रदर्शन करना है। इस क्षमता का सफल प्रदर्शन पूर्ण रूप से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण वाहनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो अंतरिक्ष पहुंच की लागत को काफी कम कर सकता है।

प्र. RLV LEX अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में कैसे योगदान देता है?

उत्तर. RLV LEX एक पूर्ण रूप से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंतरिक्ष पहुंच की लागत को काफी कम कर सकता है।

 

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FAQs

आरएलवी लेक्स क्या है?

RLV LEX,पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान स्वायत्त लैंडिंग प्रयोग के लिए संदर्भित है। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन/ISRO) द्वारा पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान के लिए स्वायत्त लैंडिंग क्षमताओं को विकसित करने हेतु प्रारंभ किया गया एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शन कार्यक्रम है।

आरएलवी लेक्स का उद्देश्य क्या है?

RLV LEX का उद्देश्य पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान की स्वायत्त लैंडिंग क्षमता का प्रदर्शन करना है। इस क्षमता का सफल प्रदर्शन पूर्ण रूप से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण वाहनों के विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा, जो अंतरिक्ष पहुंच की लागत को काफी कम कर सकता है।

RLV LEX अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के विकास में कैसे योगदान देता है?

RLV LEX एक पूर्ण रूप से पुन: प्रयोज्य प्रक्षेपण यान विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अंतरिक्ष पहुंच की लागत को काफी कम कर सकता है।