Table of Contents
अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (स्टार्ट): इसरो के अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी अवेयरनेस ट्रेनिंग/START) कार्यक्रम का उद्देश्य भौतिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्नातकोत्तर तथा स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए है। स्नातक (अंडर ग्रेजुएट/यूजी) एवं परास्नातक (पोस्ट ग्रेजुएट/पीजी) छात्रों के लिए इसरो का स्टार्ट प्रोग्राम यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 3- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
यूजी एवं पीजी छात्रों के लिए इसरो का स्टार्ट कार्यक्रम चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, इसरो ने अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी अवेयरनेस ट्रेनिंग/START) नामक एक नया प्रारंभिक स्तर का ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया है।
इसरो का स्टार्ट कार्यक्रम से संबंधित विवरण
‘अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (START)’ भौतिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्नातकोत्तर तथा स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के उद्देश्य से इसरो की एक पहल है।
- दायरा: अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (START) कार्यक्रम में अंतरिक्ष विज्ञान के विभिन्न डोमेन शामिल होंगे, जिनमें शामिल हैं-
- खगोल विज्ञान तथा खगोल भौतिकी,
- सूर्य-भौतिकी (हेलियोफिजिक्स) एवं सूर्य-पृथ्वी अंतःक्रिया (सन-अर्थ इंटरेक्शन),
- यंत्र विन्यास (इंस्ट्रूमेंटेशन), कथा
- वायविकी (एरोनॉमी)।
- कार्यान्वयन: अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (START) पहल के तहत विभिन्न कार्यक्रम भारतीय शिक्षाविदों एवं इसरो केंद्रों के वैज्ञानिकों द्वारा प्रस्तुत किए जाएंगे।
- पंजीकरण: शैक्षणिक संस्थान START कार्यक्रम के लिए जिज्ञासा पोर्टल के माध्यम से 20 मई, 2023 तक आवेदन जमा कर सकते हैं।
START कार्यक्रम के उद्देश्य
START कार्यक्रम इसरो के भारतीय छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में पेशेवर बनने में सक्षम बनाने के प्रयासों का हिस्सा है, क्योंकि संगठन का अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण कार्यक्रम नए डोमेन में विस्तार करना जारी रखता है।
- START कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में एक प्रारंभिक स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे उन्हें क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं, अनुसंधान के अवसरों तथा वृत्ति विकास (करियर) विकल्पों का अवलोकन किया जा सके।
- प्रशिक्षण अंतरिक्ष विज्ञान की पार- विधा (क्रॉस-डिसिप्लिनरी) प्रकृति पर भी बल देगा, जिससे छात्रों को इस बात की जानकारी मिलेगी कि कैसे उनकी व्यक्तिगत योग्यता को क्षेत्र में लागू किया जा सकता है।
- इसरो के START कार्यक्रम से मानव क्षमता के निर्माण में सहायता प्राप्त होने की संभावना है जो भविष्य में अंतरिक्ष विज्ञान एवं अनुसंधान का नेतृत्व करेगा।
इसरो के START कार्यक्रम का महत्व
इसरो के START कार्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान अन्वेषण कार्यक्रम तथा अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान के अवसरों पर व्याख्यान शामिल होंगे।
- प्रशिक्षण को अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न पहलुओं का अवलोकन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिससे छात्र इस क्षेत्र के लिए अपनी योग्यता को बेहतर ढंग से समझ सकें, इसकी क्रॉस-डिसिप्लिनरी प्रकृति की सराहना कर सकें एवं तदनुसार अपने वृत्ति विकास का मार्ग चुन सकें।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को विभिन्न भारतीय संस्थानों में चल रहे शोध से भी अवगत कराया जाएगा।
- START कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं, अनुसंधान के अवसरों तथा वृत्ति विकास (करियर) विकल्पों का एक सिंहावलोकन प्रदान करना है।
इसरो के स्टार्ट कार्यक्रम के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. इसरो का स्टार्ट कार्यक्रम क्या है?
उत्तर. ‘अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जागरूकता प्रशिक्षण (स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी अवेयरनेस ट्रेनिंग/START)’ भौतिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के स्नातकोत्तर तथा स्नातक अंतिम वर्ष के छात्रों के उद्देश्य से इसरो की एक पहल है।
प्र. इसरो के स्टार्ट प्रोग्राम के तहत आवेदन की अंतिम तिथि क्या है?
उत्तर. शैक्षणिक संस्थान START कार्यक्रम के लिए जिज्ञासा पोर्टल के माध्यम से 20 मई, 2023 तक आवेदन जमा कर सकते हैं।
प्र. इसरो के START कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर. START कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में एक प्रारंभिक स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिससे उन्हें क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं, अनुसंधान के अवसरों तथा वृत्ति विकास के विकल्पों का अवलोकन किया जा सके।