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जलियांवाला बाग हत्याकांड- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर1: आधुनिक भारतीय इतिहास- स्वतंत्रता संग्राम, इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न हिस्सों से महत्वपूर्ण योगदान।
जलियांवाला बाग हत्याकांड- प्रसंग
- हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने पुनर्निर्मित जलियांवाला बाग स्मारक का उद्घाटन किया है।
- अमृतसर में जलियांवाला बाग स्मारक अब एक राष्ट्रीय स्मारक है।
जलियांवाला बाग स्मारक- प्रमुख बिंदु
- जलियांवाला बाग स्मारक के उन्नयन परियोजना को 2019 में राष्ट्रीय कार्यान्वयन समिति के अंतर्गत हत्याकांड के 100 वर्ष पूर्ण करने की स्मृति में स्वीकृति प्रदान की गई थी।
- आधिकारिक स्मारक केवल 1961 में निर्मित किया गया था, जब तक कि भारत ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर ली थी। तब से, इस स्थल ने ने संपूर्ण विश्व से हजारों आगंतुकों को आकर्षित किया है।
1833 का चार्टर अधिनियम या सेंट हेलेना अधिनियम 1833
जलियांवाला बाग हत्याकांड- प्रमुख बिंदु
- घटना: जब ब्रिगेडियर-जनरल रेजिनाल्ड एडवर्ड हैरी डायर ने अपने सैनिकों को निहत्थे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने का आदेश दिया, तब जलियांवाला बाग के परिसर में डॉ. सत्यपाल एवं सैफुद्दीन किचलू के कारावास के विरुद्ध स्थानीय लोगों द्वारा एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।
- सत्यपाल एवं सैफुद्दीन किचलू दो नेता थे जो स्वतंत्रता हेतु लड़ रहे थे, एवं रॉलेट एक्ट 1919 के लागू किए जाने के विरुद्ध थे।
- 13 अप्रैल की दोपहर को, जलियांवाला बाग नामक एक पार्क में कम से कम 10,000 पुरुषों, महिलाओं एवं बच्चों की भीड़ इकट्ठी हो गई, जो अंग्रेजों के आदेश के विरुद्ध, कुछ छोटे प्रवेश मार्गों के साथ, चारों तरफ से दीवार से घिरी हुई थी।
- उनमें से बहुत से लोग बसंत के त्योहार बैसाखी मनाने के लिए आसपास के क्षेत्र से शहर आए थे।
- जनरल डायर ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों को सबक सिखाने के लिए उन पर अपने 90 सैनिकों को गोलियां चलाने का आदेश दिया।
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- अनेक व्यक्तियों की शीघ्र गोली मारकर हत्या कर दी गई, कई ने दीवार पर चढ़ने एवं भागने की कोशिश की किंतु प्रयास व्यर्थ रहा। कई लोग पार्क के अंदर स्थित कुएं में कूद गए।
जलियांवाला बाग हत्याकांड- बाद के घटनाक्रम
- पंजाब में मार्शल लॉ की घोषणा: जिसमें व्यक्तियों को सार्वजनिक रूप से कोड़े मारना एवं अन्य अपमान शामिल थे।
- उपाधियों का परित्याग:
- बंगाली कवि एवं नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने नाइटहुड का त्याग कर दिया (जो उन्हें 1915 में प्राप्त हुआ था)।
- महात्मा गांधी ने बोअर युद्ध के दौरान अपने योगदान के लिए अंग्रेजों द्वारा दी गई अपनी ‘कैसर-ए-हिंद’ की उपाधि को त्याग दिया।
- हंटर आयोग: ‘अव्यवस्था जांच समिति’ के रूप में भी जाना जाता है, हत्याकांड के बारे में जांच करने हेतु गठित किया गया था।
- इसने जनरल डायर को उसके कार्यों के लिए निंदा की एवं उसे ब्रिगेड कमांडर के रूप में अपनी नियुक्ति से त्यागपत्र देने का निर्देश दिया गया।