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जेम्स वेब टेलीस्कोप

जेम्स वेब टेलीस्कोप: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दों के क्षेत्र में जागरूकता।

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जेम्स वेब टेलीस्कोप: प्रसंग

  • नासा ने हाल ही में दक्षिण अमेरिका के फ्रेंच गुयाना में यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के स्पेसपोर्ट से एरियन 5 रॉकेट द्वारा अब तक का सबसे बड़ा अंतरिक्ष दूरबीन प्रक्षेपित किया है।

 

जेम्स वेब टेलीस्कोप: प्रमुख बिंदु

  • यह नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा), ईएसए (यूरोपीय स्पेस एजेंसी) एवं कैनेडियन स्पेस एजेंसी की एक संयुक्त परियोजना है।
  • यह एक अवरक्त दूरबीन (इन्फ्रारेड टेलीस्कोप) है एवं हबल स्पेस टेलीस्कोप तथा स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप के उत्तरवर्ती के रूप में घोषित किया जा रहा है।
  • इसे अब तक का सर्वाधिक शक्तिशाली अंतरिक्ष दूरबीन भी कहा जाता है।
  • जेम्स वेब सैटेलाइट टेलीस्कोप (जेडब्ल्यूएसटी) को L2 के नाम से जाने जाने वाले स्थान पर अंतरिक्ष में अधिक दूरी पर स्थापित किया जाएगा।
    • L2 पृथ्वी एवं सूर्य जैसे किसी भी घूर्णमान (घूमने वाले) द्वि-निकाय प्रणाली में पांच बिंदुओं में से एक है, जिसे लैग्रेंज बिंदुओं (लैग्रेंज पॉइंट्स) के रूप में जाना जाता है, जहां दो बड़े निकायों के गुरुत्वाकर्षण बल एक दूसरे के गुरुत्वाकर्षण बल को काट देते हैं।
    • इन बिंदुओं पर रखी गई वस्तुएं अपेक्षाकृत स्थिर होती हैं और उन्हें वहां रखने के लिए न्यूनतम बाह्य ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
    • L2 सूर्य एवं पृथ्वी को मिलाने वाली रेखा में पृथ्वी के ठीक पीछे की स्थिति है।
    • जब यह पृथ्वी के साथ सामंजस्य स्थापित कर सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाता है तो इसे पृथ्वी द्वारा सूर्य से परिरक्षित किया जाएगा।

 

जेम्स वेब टेलीस्कोप: महत्व

  • इसके द्वारा ब्रह्मांड के अनेक रहस्यों के रहस्योद्घाटन करने की अपेक्षा है, विशेष रूप से वे जो बिग बैंग की घटना के पश्चात आरंभिक काल में तारों एवं आकाशगंगाओं के निर्माण से संबंधित हैं।
  • समय यंत्र/टाइम मशीन: अत्यंत दूरी पर स्थित पिण्डों को देखने की उनकी क्षमता के कारण इन दूरबीनों को अंतरिक्ष की टाइम मशीन के रूप में भी जाना जाता है।
  • दूरबीन द्वारा दिखाए गए तारों एवं आकाशगंगाओं के चित्र, तारों या आकाशगंगाओं के ऐसे चित्र हैं जैसे वे लाखों वर्ष पूर्व थे।
    • ऐसा इसलिए है क्योंकि उन पिण्डों, तारों या आकाशगंगाओं से आने वाले प्रकाश, जिन्हें इन दूरबीनों द्वारा प्रग्रहित किया जाता है, ने लाखों वर्ष पूर्व अपनी यात्रा प्रारंभ की थी।
  • हबल द्वारा भेजी गई छवियां आरंभिक ब्रह्मांड की हमारी वर्तमान समझ एवं ग्रहों, तारों तथा आकाशगंगाओं के निर्माण एवं विनाश के लिए आधार निर्मित करती हैं।
  • जेम्स वेब टेलीस्कोप में अवरक्त वर्णक्रम (इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रम) में देखने की क्षमता है, जो इसे ब्रह्मांड में अत्यंत दूरी से देखने एवं गैस के बादलों जैसे अवरोधों के पार देखने की अनुमति प्रदान करेगा।

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जेम्स वेब टेलीस्कोप: कार्य

  • इन्फ्रारेड कैमरा खगोलीय पिंडों की तस्वीरें लेगा।
  • स्पेक्ट्रोमीटर विश्लेषण के लिए आने वाले अवरक्त प्रकाश (इन्फ्रारेड लाइट) को अलग-अलग रंगों में तोड़ देगा।
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