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जापान भारत समुद्री अभ्यास 2022- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
जापान भारत समुद्री अभ्यास 2022 चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, जापान भारत समुद्री अभ्यास 2022 के छठे संस्करण, JIMEX 22 को भारतीय नौसेना द्वारा आयोजित किया गया था।
- JIMEX 2022 का समापन पारंपरिक प्रवाष्प प्रयाण के साथ दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को विदाई देने के साथ किया।
जापान भारत समुद्री अभ्यास (JIMEX)
- पृष्ठभूमि: जापान एवं भारत के मध्य समुद्री सुरक्षा सहयोग पर विशेष ध्यान देने के साथ जनवरी 2012 में नौसैनिक अभ्यासों की JIMEX श्रृंखला प्रारंभ हुई।
- पहला जापान-भारत समुद्री अभ्यास (JIMEX) 19 दिसंबर से 22 दिसंबर 2013 तक बंगाल की खाड़ी (भारत) में आयोजित किया गया था।
- जापान भारत समुद्री अभ्यास 2022 (JIMEX 22) के बारे में: जापान भारत समुद्री अभ्यास 2022 (JIMEX 22) भारत एवं जापान के मध्य नौसेना सहयोग को सुदृढ़ करने तथा भारत एवं जापान की नौसेनाओं के मध्य साख एवं विश्वास निर्मित करने हेतु एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है।
- अधिदेश: JIMEX का उद्देश्य कार्रवाई (परिचालन) प्रक्रियाओं की एक सामान्य समझ विकसित करना एवं भारत तथा जापान की नौसेनाओं के मध्य अंतःक्रियाशीलता को बढ़ाना है।
- यह सतह, उप-सतह एवं वायु क्षेत्र में सामुद्रिक कार्रवाईयों के पूरे स्पेक्ट्रम में अभ्यास के संचालन के माध्यम से प्राप्त किया जाना है।
- महत्व: समय के साथ, जापान भारत समुद्री अभ्यास 2022 (JIMEX 22) ने दोनों नौसेनाओं के मध्य आपसी समझ एवं अंतःक्रियाशीलता को समेकित किया है।
JIMEX 22
- भागीदारी: निम्नलिखित अधिकारियों के नेतृत्व में दोनों देशों ने सप्ताह भर चलने वाले JIMEX अभ्यास 2022 में भाग लिया।
- भारतीय नौसेना के जहाज रियर एडमिन संजय भल्ला, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट के नेतृत्व में एवं
- जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) के जहाज इजुमो और ताकानामी, रियर एडमिरल हिरता तोषीयुकी, कमांडर एस्कॉर्ट फ्लोटिला फोर के नेतृत्व में।
- प्रमुख गतिविधियां:
- JIMEX 22 ने दोनों नौसेनाओं द्वारा संयुक्त रूप से किए गए कुछ सर्वाधिक जटिल अभ्यासों का साक्षी बना।
- दोनों पक्ष उन्नत स्तर के पनडुब्बी रोधी युद्ध, अस्त्रों से फायरिंग एवं वायु रक्षा अभ्यास में संलग्न हुए।
- इस अभ्यास में पोत जनित (शिप बोर्न) हेलीकॉप्टर, लड़ाकू विमान एवं पनडुब्बियों ने भी भाग लिया।
- आपूर्ति एवं सेवाओं के पारस्परिक प्रावधान (रिसिप्रोकल प्रोविजन फॉर सप्लाई एंड सर्विसेज/RPSS) के समझौते के तहत भारतीय नौसेना एवं जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स के जहाजों ने समुद्र में एक-दूसरे की पुनः पूर्ति की।