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काशी विश्वनाथ गलियारा- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास- भारतीय संस्कृति प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य एवं वास्तुकला के मुख्य पहलुओं को समाहित करेगी।
काशी विश्वनाथ गलियारा- संदर्भ
- हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने वाराणसी, उत्तर प्रदेश में श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन किया।
- काशी से चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को भी अब एक शताब्दी की प्रतीक्षा के पश्चात काशी में पुनः स्थापित किया गया है।
काशी विश्वनाथ गलियारा- प्रमुख बिंदु
- काशी विश्वनाथ गलियारा के बारे में: काशी विश्वनाथ गलियारा परियोजना की परिकल्पना तीर्थयात्रियों के लिए सुगमता से सुलभ मार्ग निर्मित करने हेतु की गई थी, जिन्हें गंगा में डुबकी लगाने एवं काशी विश्वनाथ मंदिर में पवित्र नदी के जल को अर्पित करने हेतु भीड़भाड़ वाली सड़कों से गुजरना पड़ता था।
- वित्त पोषण: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर 339 करोड़ रुपये की परियोजना है, जिसकी नींव 8 मार्च, 2019 को रखी गई थी, जो कोविड महामारी के बावजूद तीन वर्ष से भी कम अवधि में पूर्ण हुई है।
काशी विश्वनाथ गलियारा- प्रमुख परिवर्तन
- 23 भवनों- पर्यटक सुविधा केंद्र, वैदिक केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोगशाला, नगर संग्रहालय, दर्शक दीर्घा (व्यूइंग गैलरी), फूड कोर्ट सहित अन्य सुविधाओं का उद्घाटन काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना के हिस्से के रूप में किया गया।
- पुरानी संपत्तियों के ध्वंस की प्रक्रिया के दौरान, 40 से अधिक प्राचीन मंदिरों की फिर से खोज की गई थी।
- मूल संरचना में कोई परिवर्तन न हो, यह सुनिश्चित करते हुए इन मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण किया गया है।
- मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों पर स्थित भवनों के अग्रभाग को एक समान हल्के गुलाबी रंग में रंगा गया है।
- पूर्व में काशी विश्वनाथ मंदिर का क्षेत्रफल मात्र 3000 वर्ग फुट था जिसे अब बढ़ाकर लगभग 5 लाख वर्ग फुट कर दिया गया है।
- अब 50000 – 75000 श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर एवं काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर के दर्शन कर सकते हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर- प्रमुख बिंदु
- काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में: काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी के सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है, जिसे भगवान शिव को समर्पित स्वर्ण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है।
- अवस्थिति: काशी विश्वनाथ मंदिर पवित्र गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है।
- काशी विश्वनाथ मंदिर भी बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो शिव मंदिरों में सर्वाधिक पवित्र है।
- उत्पत्ति: काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण 1780 में मराठा सम्राट, इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा किया गया था।