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भारत में हाथियों की मृत्यु

भारत में हाथियों की मृत्यु- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: पर्यावरण- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।

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भारत में हाथियों की मृत्यु- संदर्भ

  • केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अनुसार,  विगत 10 वर्षों में 31 दिसंबर, 2020 तक प्राकृतिक कारणों के अतिरिक्त अन्य कारणों से देश में 1,160 हाथियों की मृत्यु हो गई।

 

भारत में हाथियों की मृत्यु- प्रमुख निष्कर्ष

  • हाथियों की मृत्यु के कारण: जहां विद्युत आघात (इलेक्ट्रोक्यूशन) के कारण 741 हाथियों की मृत्यु हुई, ट्रेन की चपेट में आने से 186 , तत्पश्चात अवैध शिकार – 169, एवं जहर से – इन 64 दृढ़ त्वचीय प्राणियों की मृत्यु हो गई।
  • विद्युत आघात (इलेक्ट्रोक्यूशन) के कारण राज्यवार हाथियों की मृत्यु: कर्नाटक एवं ओडिशा ने इस अवधि के दौरान विद्युत आघात के कारण 133 हाथियों को खो दिया एवं असम में 129 हाथियों की मृत्यु हो गई।
  • ट्रेन की चपेट में आने से राज्य-वार हाथियों की मृत्यु: ट्रेन की चपेट में आने से हताहत हुए हाथियों की संख्या में असम 62 मौतों के साथ प्रथम स्थान पर है, उसके बाद पश्चिम बंगाल 57 पर है।
  • शिकार के कारण राज्यवार हाथियों की मृत्यु: 10 वर्षों में शिकारियों द्वारा कुल 169 स्तनधारी ( हाथी) मारे गए एवं ओडिशा ने सर्वाधिक – 49 मौतों की सूचना दी, इसके बाद केरल में 23 मौतें हुईं।
  • राज्य-वार हाथियों की जहर से मृत्यु: असम में सर्वाधिक संख्या में – 32 हाथियों को जहर दिए जाने की सूचना प्राप्त हुई एवं ओडिशा 15 मौतों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।

 

भारत में हाथियों की मृत्यु- हाथियों की आबादी

  • भारत में हाथियों की क्षेत्रवार आबादी:
    • तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, आंध्र प्रदेश तथा महाराष्ट्र के दक्षिणी क्षेत्र में सर्वाधिक 14,612 हाथियों की आबादी है।
    • अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, त्रिपुरा, नागालैंड, पश्चिम बंगाल के उत्तरी क्षेत्र, मणिपुर एवं मिजोरम सहित उत्तर-पूर्व क्षेत्र 10,139 हाथियों के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
  • भारत में हाथियों का राज्य-वार वितरण: कर्नाटक – 6,049, असम – 5,719, केरल – 5,706, एवं तमिलनाडु – 2,761 शीर्ष चार राज्य थे जहां हाथियों की संख्या सबसे अधिक थी।

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भारत में हाथी- सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • ट्रेन की चपेट में आने से हाथियों की होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए रेल मंत्रालय एवं एमओईएफसीसी के मध्य स्थायी समन्वय समिति का गठन किया गया है।
  • महत्वपूर्ण हाथी पर्यावास: हाथियों के संरक्षण के लिए ध्यान एवं सामंजस्य हेतु एवं संघर्ष को कम करने के लिए ‘हाथी रिजर्व’ के रूप में अधिसूचित किया गया है।
    • 14 प्रमुख हाथी राज्यों में कुल 30 हाथी अभ्यारण्य स्थापित किए गए हैं।
  • क्षतिपूर्ति का प्रावधान: स्थानीय समुदायों को मानव-हाथी संघर्ष को कम करने एवं हाथियों की प्रतिशोधात्मक हत्या से बचने के उद्देश्य से जंगली हाथियों के कारण संपत्ति एवं जीवन की हानि हेतु क्षतिपूर्ति प्रदान की जाती है।
  • मानव-हाथी संघर्ष के प्रबंधन हेतु दिशा निर्देश, 2017: यह मंत्रालय द्वारा जारी किया गया था एवं हाथी रेंज राज्यों से इसे क्रियान्वित करने का अनुरोध किया गया था।
  • प्रोजेक्ट एलीफेंटयोजना: हाथी रेंज वाले राज्यों को हाथियों, उनके पर्यावास एवं गलियारों की रक्षा के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करती है ताकि मानव-हाथी संघर्ष एवं बंदी हाथियों के कल्याण के मुद्दों का समाधान किया जा सके।
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