Table of Contents
लाला लाजपत राय- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास- अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे।
लाला लाजपत राय- प्रसंग
- 28 जनवरी को राजनीतिक स्पेक्ट्रम के नेताओं ने क्रांतिकारी, लेखक एवं राजनेता लाला लाजपत राय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
- लाला लाजपत राय की जयंती प्रत्येक वर्ष 28 जनवरी को मनाई जाती है।
- पंजाब केसरी लाला लाजपत राय ने ब्रिटिश राज के विरुद्ध देश के स्वतंत्रता संग्राम में केंद्रीय भूमिका निभाई थी।
लाला लाजपत राय- प्रमुख बिंदु
- लाला लाजपत राय के बारे में: लाला लाजपत राय एक गरमपंथी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- लाला लाजपत राय को ‘पंजाब केसरी’ और ‘पंजाब के सिंह’ के नाम से भी जाना जाता है।
- लाला लाजपत राय ने बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ गरमपंथी नेताओं की लाल-बाल-पाल तिकड़ी का गठन किया।
- जन्म: लाला लाजपत राय का जन्म 28 जनवरी, 1865 को पंजाब के फिरोजपुर जिले के धूडिके नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था।
- शिक्षा: लाला लाजपत राय ने लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज से विधि की पढ़ाई की।
- विश्वास: लाला लाजपत राय स्वामी दयानंद सरस्वती से प्रभावित थे तथा लाहौर में आर्य समाज में जुड़ गए थे।
- लाला लाजपत राय राष्ट्रवाद के साथ संयुक्त हिंदू धर्म में आदर्शों पर स्थापित एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना में विश्वास करते थे।
- धार्मिक रुझान: लाला लाजपत राय ने हिंदू धर्म का पालन किया और इसके प्रचार तथा प्रसार के लिए काम किया। लाला लाजपत राय हिन्दू महासभा से भी जुड़े थे।
लाला लाजपत राय- राजनीतिक योगदान
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इंडियन नेशनल कांग्रेस) के साथ जुड़ाव: 16 वर्ष की आयु में, लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। वह कांग्रेस के भीतर गरमपंथी वर्ग के एक प्रमुख नेता थे।
- लाला लाजपत राय 1920 में कलकत्ता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विशेष अधिवेशन के दौरान इसके अध्यक्ष निर्वाचित किए गए थे।
- कलकत्ता अधिवेशन में महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई।
- बंगाल के विभाजन के विरुद्ध: लाला लाजपत राय ने बंगाल के विभाजन का विरोध किया और विभाजन के विरोध में स्वदेशी आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया।
- लाला लाजपत राय को 1907 में उनके राजनीतिक आंदोलन के लिए बिना मुकदमा चलाए बर्मा में जेल भेज दिया गया था, लेकिन सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया था।
- संयुक्त राज्य अमेरिका में लाला लाजपत राय: उन्होंने 1917 में अमेरिका के न्यूयॉर्क में होमरूल लीग ऑफ अमेरिका की स्थापना की।
- वहां, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिए नैतिक समर्थन प्राप्त करने हेतु भी कार्य किया।
- रॉलेट एक्ट का विरोध: लाला लाजपत राय ने रॉलेट एक्ट के पारित होने का जोरदार रूप से विरोध किया और उसके बाद हुई जलियांवाला बाग घटना का विरोध किया।
- असहयोग आंदोलन (नॉन कोऑपरेशन मूवमेंट) में भागीदारी: लाला लाजपत राय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1920 के कलकत्ता अधिवेशन के अध्यक्ष थे, जिसमें महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी।
- साइमन कमीशन के विरुद्ध विरोध: लाला लाजपत राय ने लाहौर में साइमन कमीशन (जिसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था) के विरुद्ध शांतिपूर्ण मौन विरोध का नेतृत्व किया। इसमें लाठीचार्ज में घायल होने के कारण उनकी मृत्यु हो गई थी।
लाला लाजपत राय- सामाजिक योगदान
- शिक्षा: 1885 में, राय ने लाहौर में दयानंद एंग्लो-वैदिक स्कूल की स्थापना की और जीवन भर एक प्रतिबद्ध शिक्षाविद बने रहे।
- हिंदू राहत आंदोलन: इसकी स्थापना 1987 में लाला लाजपत राय ने अकाल पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करने और इस प्रकार उन्हें मिशनरियों के चंगुल में पड़ने से बचाने के लिए की थी।
- सर्वेन्ट्स ऑफ पीपुल सोसायटी: लाला लाजपत राय ने 1921 में सर्वेन्ट्स ऑफ पीपुल सोसायटी की स्थापना की थी।
- अस्पृश्यता के विरुद्ध: लाला लाजपत राय ने छुआछूत के विरुद्ध लड़ाई लड़ी और व्यक्तियों की समानता में विश्वास करते थे।
लाला लाजपत राय-साहित्यिक योगदान
लाला लाजपत राय को अनेक साहित्यिक कृतियों की रचना का श्रेय दिया जाता है, उनकी कुछ महत्वपूर्ण साहित्यिक कृतियाँ नीचे सूचीबद्ध हैं-
- आर्य समाज
- यंग इंडिया
- इंग्लैंड्स डेट टू इंडिया
- इवोल्यूशन ऑफ जापान
- इंडियाज विल टू फ्रीडम
- भगवद गीता का संदेश
- पॉलिटिकल फ्यूचर ऑफ इंडिया
- प्रॉब्लम ऑफ नेशनल एजुकेशन इन इंडिया
- द डिप्रेस्ड क्लासेस’, एवं
- ट्रैवेलॉग ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका’ ( यात्रा वृत्तांत ‘संयुक्त राज्य अमेरिका’)