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विश्व के वृहद मरुस्थल: परिभाषा, सूची, प्रकार एवं प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा हेतु विश्व के वृहद मरुस्थल कैसे महत्वपूर्ण हैं?

  • मरुस्थलीय बायोम यूपीएससी जीएस 1 पाठ्यक्रम का हिस्सा है।अतः, अवधारणा को समझना  एवं विश्व के वृहद मरुस्थलों के नामों को याद रखना यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के सबसे आवश्यक भागों में से एक है।
  • मरुस्थलीकरण एवं मृदा क्षरण आज विश्व के समक्ष सबसे बड़े खतरों में से एक है। अतः, यूपीएससी  सिविल सेवा परीक्षा में पूछे जाने वाले समसामयिकी के दृष्टिकोण से भी  विश्व के वृहद मरुस्थलों की गहन समझ महत्वपूर्ण है।

 

मरुस्थल क्या है?

  • एक मरुस्थल एक परिदृश्य या क्षेत्र है जो बहुत कम – प्रति वर्ष 250 मिमी से कम (लगभग दस इंच) वर्षा प्राप्त करता है। पृथ्वी की भूमि की सतह का लगभग 1/3 भाग मरुस्थल है। उनकी भौगोलिक स्थिति के आधार पर चार अलग-अलग प्रकार के मरुस्थल हैं: 1) ध्रुवीय मरुस्थल, 2) उपोष्णकटिबंधीय मरुस्थल, 3) शीत ऋतु के मरुस्थल, और 4) शीतल तटीय मरुस्थल। पृथ्वी के सभी महाद्वीपों पर मरुस्थल पाए जाते हैं।

पृथ्वी के प्रमुख मरुस्थलों की सूची

 

नाम प्रकार अवस्थिति क्षेत्र (किमी2)
अंटार्कटिका मरुस्थल ध्रुवीय हिम एवं टुंड्रा अंटार्कटिका 14,200,000
आर्कटिक मरुस्थल ध्रुवीय हिम एवं टुंड्रा पूर्वी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, उत्तरी एशिया, उत्तरी यूरोप 13,900,000
सहारा मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पूर्वी अफ्रीका, मध्य अफ्रीका, उत्तरी अफ्रीका, पश्चिमी अफ्रीका 9,200,000
ग्रेट ऑस्ट्रेलियाई उपोष्णकटिबंधीय ऑस्ट्रेलिया 2,700,000
अरब मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी एशिया 2,330,000
गोबी मरुस्थल शीत शिशिर पूर्वी एशिया 1,295,000
कालाहारी मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय दक्षिणी अफ्रीका 900,000
पेटागोनियन मरुस्थल शीत शिशिर दक्षिण अमेरिका 673,000
सीरियाई मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पश्चिमी एशिया 500,000
ग्रेट बेसिन शीत शिशिर उत्तरी अमेरिकी 492,098
चिहुआहुआन मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय उत्तरी अमेरिकी 453
कराकुम मरुस्थल शीत शिशिर मध्य एशिया 350,000
कोलोराडो विक्टोरिया शीत शिशिर उत्तरी एशिया 337,000
सोनोरन मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय मध्य अमेरिका उत्तरी अमेरिका 310,000
किजिलकुम मरुस्थल शीत शिशिर मध्य एशिया 300,000
टकलामकान मरुस्थल शीत शिशिर पूर्वी एशिया 270,000
ओग्डन मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पूर्वी एशिया 256,000
पुंटलैंड मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पूर्वी एशिया 200,000
थार मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय दक्षिणी एशिया 200,000
उस्त्युर्ट पठार समशीतोष्ण मध्य एशिया 200,000
गुबन मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पूर्वी एशिया 175,000
नामीब मरुस्थल शीतल तटीय मध्य अफ्रीका, दक्षिणी अफ्रीका 160,000
दस्त-ए-मार्गो उपोष्णकटिबंधीय दक्षिणी एशिया 150,000
रेगिस्तान मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय दक्षिणी एशिया 146,000
अटाकामा मरुस्थल मंद तटीय दक्षिण अमेरिका 140,000
डानाकिल मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पूर्वी अफ्रीका 137,000
मोजावे मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय उत्तरी अमेरिकी 124,000
चल्बी मरुस्थल उपोष्णकटिबंधीय पूर्वी अफ्रीका 100,000
कोलंबिया बेसिन शीत शिशिर उत्तरी अमेरिका 83,139
दस्त-ए-कबीर उपोष्णकटिबंधीय दक्षिणी एशिया 77,000

 

थार मरुस्थल के बारे में जानिए

  • थार नाम, थुल से लिया गया है, जो क्षेत्र की रेत के टीलों के लिए सामान्य शब्द है।
  • यह आंशिक रूप से राजस्थान राज्य, उत्तर-पश्चिमी भारत में एवं आंशिक रूप से पंजाब एवं सिंध प्रांत, पूर्वी पाकिस्तान में अवस्थित है।
  • थार मरुस्थल एक शुष्क क्षेत्र है जो 2,00,000 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र में विस्तृत है। यह भारत और पाकिस्तान के मध्य की सीमा के साथ एक प्राकृतिक सीमा निर्मित करती है।
  • रेतीले मैदानों  एवं कम बंजर पहाड़ियों, या भाकरों द्वारा अलग किए गए उच्च एवं निम्न रेत के टीलों के साथ मरुस्थल एक तरंगित सतह प्रस्तुत करता है, जो आसपास के मैदानों से अचानक उत्थित होते हैं।
  • टीले निरंतर गति में हैं  एवं पृथक पृथक आकृति एवं आकार ग्रहण करते हैं।
  • बरखान मुख्य रूप से एक दिशा से हवा की क्रिया द्वारा निर्मित अर्धचंद्राकार रेत के टीले हैं। सर्वाधिक सामान्य प्रकार के टीलों में से एक, यह संपूर्ण विश्व में रेतीले मरुस्थल में पाए जाते है।
  • थार मरुस्थल की सीमा पश्चिम में सिंधु नदी के सिंचित मैदान, उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में पंजाब के मैदान, दक्षिण-पूर्व में अरावली पर्वतमाला एवं दक्षिण में कच्छ के रण से लगती है।
  • थार मरुस्थल की जलवायु उस अक्षांश पर लगातार उच्च दबाव तथा अवतलन के कारण एक उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलीय जलवायु है।
  • उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में ग्रीष्म ऋतु में वर्षा लाने वाली प्रचलित दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाएं थार को पूर्व की ओर बायपास कर देती हैं

 

क्या मरुस्थल सदैव गर्म होते हैं?

  • मरुस्थल वे क्षेत्र होते हैं जहां बहुत कम वर्षा होती है। मरुस्थल का वर्णन करने के लिए लोग प्रायः “गर्म”, “शुष्क” एवं “खाली” विशेषणों का उपयोग करते हैं, किंतु ये शब्द पूरी कहानी वर्णित नहीं करते हैं।
  • यद्यपि कुछ मरुस्थल अत्यधिक गर्म होते हैं, जहां दिन का तापमान 54 डिग्री सेल्सियस (130 डिग्री फारेनहाइट) तक होता है, अन्य मरुस्थलों में ठंडी शीत ऋतु होती हैं अथवा वर्ष भर ठंड रहती है।
  • और अधिकांश मरुस्थल, खाली तथा निर्जीव होने से बहुत दूर, विभिन्न प्रकार के पौधों, पशुओं एवं अन्य जीवों के आवास हैं।
  • सभी मरुस्थलों में एक बात समान है कि वे शुष्क अथवा सूखे हैं।
  • हजारों वर्षों से लोगों ने मरुस्थल में जीवन को अनुकूलित कर लिया है।

मरुस्थल के प्रकार

  • विश्व के मरुस्थलों को पांच प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है- उपोष्ण कटिबंधीय, तटीय,  वृष्टि छाया, आंतरिक एवं ध्रुवीय। शुष्कता के कारणों के अनुसार मरुस्थलों को इन प्रकारों में विभाजित किया गया है।

उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल

    • उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल वायु द्रव्यमान के संचलन पैटर्न के कारण होते हैं। वे भूमध्य रेखा के 15 से 30 डिग्री उत्तर में अथवा मकर रेखा के साथ, भूमध्य रेखा के 15 से 30 डिग्री दक्षिण के मध्य कर्क रेखा के साथ पाए जाते हैं।
    • भूमध्य रेखा के पास गर्म, नम वायु वायुमंडल में ऊपर उठती है। जैसे ही वायु ऊपर उठती है, वह  शीतल हो जाती है तथा भारी उष्णकटिबंधीय वर्षा के रूप में अपनी नमी को गिरा देती है। परिणामी शीतल, शुष्क वायु द्रव्यमान भूमध्य रेखा से दूर गमन कर जाती है। जैसे-जैसे यह कटिबंधों के पास पहुंचता है, हवा नीचे उतरती है तथा पुनः गर्म हो जाती है। अवरोही हवा बादलों के निर्माण में बाधा डालती है, अतः नीचे की भूमि पर बहुत कम वर्षा होती है।
    • विश्व का सर्वाधिक वृहद गर्म मरुस्थल, सहारा, उत्तरी अफ्रीका में एक उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल है। सहारा मरुस्थल लगभग पूरे महाद्वीपीय संयुक्त राज्य अमेरिका के आकार का है। अन्य उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलों में दक्षिणी अफ्रीका में कालाहारी मरुस्थल एवं उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में तनामी मरुस्थल शामिल हैं।

तटीय मरुस्थल

    • शीत महासागरीय धाराएँ तटीय मरुस्थलों के निर्माण में योगदान करती हैं। तट की ओर प्रवाहित होने वाली वायु, शीतल महासागरीय जल के संपर्क से ठंडी होकर, कोहरे की एक परत उत्पन्न करती है। यह घना कोहरा भूमि पर प्रवाहित होता है। यद्यपि आर्द्रता उच्च होती है, वायुमंडलीय परिवर्तन जो सामान्य रूप से वर्षा का कारण बनते हैं, मौजूद नहीं हैं। एक तटीय मरुस्थल लगभग पूरी तरह से वर्षा रहित हो सकता है, फिर भी कोहरे से आद्र हो सकता है।
    • चिली के प्रशांत तट पर अटाकामा मरुस्थल एक तटीय मरुस्थल है। अटाकामा के कुछ क्षेत्र  प्रायः  कोहरे से आवरित रहते हैं। किंतु यह क्षेत्र बिना वर्षा के दशकों तक रह सकता है। वास्तव में अटाकामा मरुस्थल पृथ्वी का सर्वाधिक शुष्क स्थान है। अटाकामा के कुछ मौसम स्टेशनों ने कभी वर्षा की एक बूंद भी रिकॉर्ड नहीं की।

वृष्टि छाया मरुस्थल

    • वृष्टि छाया मरुस्थल कुछ पर्वत श्रृंखलाओं के पवनविमुख ढालों के पास मौजूद होते हैं। प्रतिपवन (लेवार्ड) ढलान प्रचलित हवाओं से दूर हैं।
    • जब आद्रता से युक्त वायु एक पर्वत श्रृंखला से टकराती है, तो उसे ऊपर उठने हेतु बाध्य होना पड़ता है। वायु तब शीतल होती है एवं बादलों का निर्माण करती है जो पवन की ओर (पवनाभिमुख) ढलानों पर आद्रता गिराते हैं। जब पवन पर्वत के ऊपर से गमन करती है एवं प्रतिपवन की ढलानों पर उतरना शुरू करती है, तो उसमें अल्प मात्रा में आद्रता शेष रहती है। अवरोही पवन गर्म हो जाती है, जिससे बादलों का निर्मित होना कठिन हो जाता है।
    • मृत घाटी (डेथ वैली), अमेरिकी राज्यों कैलिफोर्निया एवं नेवादा में, एक  वृष्टि छाया मरुस्थल है। डेथ वैली, उत्तरी अमेरिका का सर्वाधिक निम्नतम एवं सर्वाधिक शुष्क स्थान, सिएरा नेवादा  पर्वतों के वृष्टि छाया प्रदेश में अवस्थित है।

आंतरिक मरुस्थल

    • आंतरिक मरुस्थल, जो महाद्वीपों के मध्य में पाए जाते हैं, मौजूद हैं क्योंकि आद्रता से भरी पवने  उन तक नहीं पहुँचती हैं। जब तक तटीय क्षेत्रों से वायु राशियाँ अंतरिक्ष भाग में पहुंचती हैं, तब तक वे अपनी सारी आद्रता खो चुकी होती हैं। आंतरिक मरुस्थलों को कभी-कभी अंतर्देशीय मरुस्थल कहा जाता है।
    • गोबी मरुस्थल, चीन एवं मंगोलिया में, महासागर से सैकड़ों किलोमीटर दूर अवस्थित है। गोबी तक पहुँचने वाली पवनें लंबे समय से अपनी आद्रता खो चुकी होती हैं। गोबी दक्षिण में हिमालय पर्वत की वृष्टि छाया प्रदेश में अवस्थित है।

ध्रुवीय मरुस्थल

      • आर्कटिक एवं अंटार्कटिक के कुछ हिस्सों को मरुस्थल के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन ध्रुवीय मरुस्थलों में अत्यधिक मात्रा में जल उपस्थित होता है, किंतु इसका अधिकांश हिस्सा वर्ष भर ग्लेशियरों तथा हिम की चादरों से घिरा रहता है।अतः, लाखों लीटर जल की उपस्थिति के बावजूद, वास्तव में पौधों एवं पशुओं के लिए बहुत कम मात्रा में जल उपलब्ध है।
      • विश्व का सर्वाधिक वृहद मरुस्थल सर्वाधिक शीतल भी है। अंटार्कटिका का लगभग पूरा महाद्वीप एक ध्रुवीय मरुस्थल है, जिसमें कम वर्षा प्राप्त होती है। कुछ जीव अंटार्कटिका की शीतल, शुष्क जलवायु को सहन कर सकते हैं।

 

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. विश्व का सर्वाधिक वृहद मरुस्थल कौन सा है?

उत्तर. अंटार्कटिका मरुस्थल

प्र. विश्व का सर्वाधिक वृहद गर्म मरुस्थल कौन सा है?

उत्तर. विश्व का सर्वाधिक वृहद गर्म मरुस्थल सहारा है, जो 9 मिलियन वर्ग किलोमीटर (3.5 मिलियन वर्ग मील) के क्षेत्र में विस्तृत है। यद्यपि यह पृथ्वी पर सर्वाधिक गर्म स्थल नहीं है।

प्र. विश्व के पांच सर्वाधिक वृहद मरुस्थल कौन से हैं?

उत्तर.  विश्व के पांच सर्वाधिक वृहद मरुस्थल सहारा, अंटार्कटिका मरुस्थल, आर्कटिक मरुस्थल, महान ऑस्ट्रेलियाई तथा अरब मरुस्थल हैं।

प्र. विश्व के उपोष्णकटिबंधीय मरुस्थल कौन से हैं?

उत्तर. विश्व के उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थल सहारा मरुस्थल, अरब मरुस्थल, कालाहारी मरुस्थल, थार मरुस्थल, सोनोरन मरुस्थल एवं चिहुआहुआन मरुस्थल हैं।

 

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