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लीथ के मृदु कवच वाले कछुओं का यूपीएससी के लिए महत्व
यूपीएससी सिविल सेवा के मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम के तहत, ”लीथ्स सॉफ्ट-शेल्ड टर्टल” सामान्य अध्ययन के पेपर 3: पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, संरक्षण में शामिल है।
”लीथ्स सॉफ्ट-शेल्ड टर्टल” चर्चा में क्यों है?
- वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल ट्रेड इन एंडेंजर्ड स्पीशीज ऑफ वाइल्ड फौना एंड फ्लोरा/सीआईटीईएस) के परिशिष्ट II से परिशिष्ट I में लीथ के मृदु कवच वाले कछुए (निल्सोनिया लेथि) को स्थानांतरित करने के भारत के प्रस्ताव को सीआईटीईएस के पक्षकारों के सम्मेलन (कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज/CoP) द्वारा पनामा में अपनी 19वीं बैठक में में अपनाया गया है।
- सीआईटीईएस के सीओपी की 19वीं बैठक पनामा में 14 से 25 नवंबर 2022 तक आयोजित हो रही है।
- जेपोर हिल गेको (साइरटोडैक्टाइलस जेपोरेंसिस) को परिशिष्ट II में सम्मिलित करने तथा सीआईटीईएस के परिशिष्ट II से परिशिष्ट I में रेड-क्राउन रूफ्ड टर्टल (बटागुर कचुगा) के हस्तांतरण के भारत के प्रस्ताव को भी इस बैठक में सीओपी द्वारा अपनाया गया है।
”लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल” के बारे में जानिए
लीथ का सॉफ्टसेल कछुआ एक बड़ा स्वच्छ जल में रहने वाला मृदु कवच वाला कछुआ है जो प्रायद्वीपीय भारत के लिए स्थानिक है एवं यह नदियों तथा जलाशयों में रहता है।
- खतरा: यह प्रजाति विगत 30 वर्षों में तीव्र शोषण के अधीन रही है। भारत के भीतर इसका अवैध रूप से शिकार किया गया एवं इसका सेवन किया गया। यह मांस के लिए तथा इसके कैलीपी के लिए विदेशों में भी अवैध रूप से कारोबार किया गया है।
- घटती जनसंख्या: कछुओं की इस प्रजाति की आबादी में पिछले 30 वर्षों में 90% की गिरावट का अनुमान है, जिससे कि अब इस प्रजाति को खोज पाना अत्यंत कठिन कार्य है।
- आईयूसीएन वर्गीकरण: इसे आईयूसीएन द्वारा ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त‘ (क्रिटिकली एंडेंजर्ड) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 वर्गीकरण: इसकी प्रजातियों को वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV में सूचीबद्ध किया गया है, जो इसे शिकार के साथ-साथ व्यापार से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
”लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल” के लिए जीवन रक्षा की प्रमुख चुनौतियाँ
- संरक्षित कछुओं की प्रजातियों का अवैध शिकार एवं अवैध व्यापार भारत में एक बड़ी चुनौती है, जहां प्रत्येक वर्ष हजारों नमूनों की बरामदगी होती है।
- जब्त नमूनों की प्रजाति स्तर की पहचान भी एक चुनौती है।
- कछुओं तथा स्वच्छ जल के कछुओं को अंतरराष्ट्रीय पालतू, मांस एवं कैलीपी व्यापार के साथ-साथ कुछ क्षेत्रों में अवैध घरेलू उपभोग के लिए लक्षित किया जाता है।
भारत के प्रस्ताव से ”लीथ्स सॉफ्टशेल टर्टल” की रक्षा की लड़ाई को कैसे लाभ होगा?
- वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय के परिशिष्ट II से परिशिष्ट I में लीथ के मृदु कवच वाले कछुए को स्थानांतरित करने के भारत के प्रस्ताव को पनामा में अपनी 19 वीं बैठक में सीआईटीईएस के पक्षकारों के सम्मेलन द्वारा अपनाया गया है।
- इस तरह, भारत ने लुप्तप्राय प्रजातियों, सीआईटीईएस में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय के तहत लीथ के मृदु कवच वाले कछुए की सुरक्षा को मजबूत किया है।
- यह सुनिश्चित करेगा कि वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए प्रजातियों में कानूनी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नहीं हो।
- यह ये भी सुनिश्चित करेगा कि कैप्टिव नस्ल के नमूनों का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार केवल पंजीकृत प्रतिष्ठानों के माध्यम से हो तथा प्रजातियों के अवैध व्यापार के लिए उच्च दंड प्रदान किए जाते हों।
- लीथ के मृदु कवच वाले कछुओं की सूची, जिससे इसकी सीआईटीईएस सुरक्षा स्थिति मजबूत होती है ताकि प्रजातियों के बेहतर अस्तित्व को सुनिश्चित किया जा सके।
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Protected areas: National Parks, Wildlife Sanctuaries, Biosphere Reserves
लीथ के मृदु कवच वाले कछुओं के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. सीआईटीईएस के पक्षकारों के सम्मेलन की 19वीं बैठक कहां आयोजित की गई थी?
उत्तर: सीआईटीईएस के सीओपी की 19वीं बैठक 14 से 25 नवंबर 2022 तक पनामा में आयोजित की जा रही है।
प्र. लीथ के मृदु कवच वाले कछुओं की आईयूसीएन स्थिति क्या है?
उत्तर: लीथ्स सॉफ्ट-शेल्ड टर्टल को आईयूसीएन द्वारा ‘गंभीर रूप से संकटग्रस्त‘ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।