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भारत में जैव मंडल आरक्षित केंद्र, जिन्हें बायोस्फीयर रिजर्व कहा जाता है, जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से संरक्षित क्षेत्र हैं। ये केंद्र अद्वितीय वनस्पतियों, जीवों और स्थानीय समुदायों को संरक्षण प्रदान करते हैं. इसके साथ ही पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में बायोस्फीयर रिजर्व महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत में विभिन्न जलवायु और भौगोलिक स्थितियों के अनुसार 18 जैव मंडल आरक्षित केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो वन्यजीव संरक्षण के साथ-साथ अनुसंधान और शिक्षा के अवसर भी प्रदान करते हैं।
यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा व मुख्य परीक्षा के लिए जैव मंडल आरक्षित केंद्र (बायोस्फीयर रिजर्व) एक महत्वपूर्ण विषय है। प्रत्येक वर्ष यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बायोस्फीयर रिजर्व पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। इस प्रकार के प्रश्नों के बारे में अच्छी बात यह है कि या तो आप जानते हैं या नहीं। यदि आप इस चिह्नित करते हैं, तो इसकी अत्यधिक संभावना है कि आप इसे सही चिह्नित करेंगे। हम आपको इस विषय पर अच्छी समझ रखने के लिए इस सूची को कई बार पढ़ने की सलाह देते हैं।
भारत में जैव मंडल आरक्षित केंद्रों/बायोस्फीयर रिजर्व
भारत में जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) वे क्षेत्र होते हैं जहाँ प्राकृतिक पारिस्थितिकीय तंत्रों को संरक्षित किया जाता है इसके साथ ही जैव मंडल आरक्षित केंद्र अनुसंधान के लिए उपयोग किया जाता है। बायोस्फीयर रिजर्व राष्ट्रीय सरकारों द्वारा नामित किए जाते हैं और उन राज्यों के संप्रभु अधिकार क्षेत्र में रहते हैं जहाँ वे स्थित हैं। जैव मंडल आरक्षित केंद्र लोगों एवं प्रकृति दोनों के लिए विशेष वातावरण हैं एवं इस बात के जीवंत उदाहरण हैं कि किस प्रकार मनुष्य एवं प्रकृति एक दूसरे की आवश्यकताओं का सम्मान करते हुए सह-अस्तित्व में रह सकते हैं।
जैव मंडल आरक्षित केंद्र/बायोस्फीयर रिजर्व क्या हैं?
जैवमंडल रिज़र्व क्षेत्र की अवधारणा का विकास वर्ष 1975 में यूनिस्को के ‘मानव एवं जैवमंडल कार्यक्रम’ के अंतर्गत हुआ था. इसका उद्देश्य पारितंत्र एवं इसके आनिवंशिक पदार्थो का संरक्षण करना है. जैव मंडल आरक्षित केंद्र (बीआर) यूनेस्को द्वारा प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक परिदृश्य के प्रतिनिधि भागों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय पदनाम है जो स्थलीय अथवा तटीय/समुद्री पारिस्थितिक तंत्र या स्थलीय एवं समुद्री पारिस्थितिक तंत्र के संयोजन के एक विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ है।
विश्व का प्रथम जैवमण्डल की स्थापना वर्ष 1979 में की गई थी. इसके साथ ही जैवमण्डल रिजर्व नेटवर्क की संख्या विश्व के 117 देशों में 610 तक पहुंच गयी है। वर्तमान में भारत में भी 18 जैवमण्डल रिजर्व हैं। जैव मंडल आरक्षित केंद्र को जैव विविधता के संरक्षण, आर्थिक एवं सामाजिक विकास की खोज एवं संबद्ध सांस्कृतिक मूल्यों के अनुरक्षण के सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रश्नों में से एक से निपटने के लिए अभिहित किया गया है।
बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित करने के लिए निम्नलिखित मानदंड
बायोस्फीयर रिज़र्व घोषित करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों का पालन किया जाता है। यह मानदंड पारिस्थितिकी तंत्र, जैव विविधता, और स्थानीय समुदायों के सतत विकास को संरक्षित करने के उद्देश्य से निर्धारित किए गए हैं:
1. जैव विविधता का संरक्षण (Biodiversity Conservation)
- क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के वनस्पति, जीव-जंतु, और पारिस्थितिक तंत्र होने चाहिए।
- संरक्षित क्षेत्र दुर्लभ, संकटग्रस्त, और स्थानिक प्रजातियों का घर होना चाहिए।
2. पारिस्थितिक तंत्र की विविधता (Ecosystem Diversity)
- क्षेत्र में प्राकृतिक पारिस्थितिकीय प्रक्रियाओं का संरक्षण हो और यह पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न प्रकारों जैसे वनों, घास के मैदानों, और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र को शामिल करना चाहिए।
3. स्थानीय समुदायों की सहभागिता (Involvement of Local Communities)
- स्थानीय समुदायों की भागीदारी और उनकी पारंपरिक ज्ञान प्रणाली का उपयोग सतत विकास और संरक्षण के लिए किया जाना चाहिए।
- बायोस्फीयर रिज़र्व के क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आजीविका को बिना नुकसान पहुँचाए प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जाता है।
4. अनुसंधान और शिक्षा (Research and Education)
- बायोस्फीयर रिज़र्व में अनुसंधान, शिक्षा, और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से वैज्ञानिक अध्ययन और डेटा संग्रहण की सुविधा होनी चाहिए।
- जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन, और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों पर अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाता है।
जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves)की संरचना:
जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves)को तीन जोन में विभाजित किया जाता है:
1. कोर जोन (Core Zone): यह पूरी तरह से संरक्षित क्षेत्र होता है, जहाँ मानव गतिविधियाँ प्रतिबंधित होती हैं।इसमें स्थानिक पौधे और जानवर हो सकते हैं।कोर क्षेत्र एक ऐसा संरक्षित क्षेत्र होता है, जिसमें ज्यादातर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित/विनियमित राष्ट्रीय उद्यान या अभयारण्य शामिल होते हैं। इस क्षेत्र में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों को छोड़करअन्य सभी का प्रव्रेश वर्जित है।
2. बफर जोन (Buffer Zone): बफर क्षेत्र, कोर क्षेत्र के चारों ओर का क्षेत्र है। इस क्षेत्र का प्रयोग ऐसे कार्यों के लिये किया जाता है जो पूर्णतया नियंत्रित व गैर-विध्वंशक हों। इस क्षेत्र में कुछ नियंत्रित मानव गतिविधियाँ जैसे अनुसंधान, शिक्षा, और संरक्षण परियोजनाएँ चलती हैं।
3. संक्रमण क्षेत्र (Transition Zone): यह बायोस्फीयर रिज़र्व का सबसे बाहरी हिस्सा होता है। यह सहयोग का क्षेत्र है जहाँ मानव उद्यम और संरक्षण सद्भाव से किये जाते हैं। यहाँ स्थानीय समुदायों द्वारा सतत उपयोग के लिए कुछ गतिविधियाँ संचालित होती हैं, जैसे कृषि, पर्यटन, और शिल्प कार्य।
भारत में जैव मंडल आरक्षित केंद्र
भारत के समस्त जैव मंडल आरक्षित केंद्रों की सूची नीचे दी गई है
क्रम संख्या | जैव मंडल आरक्षित केंद्र का नाम | स्थापना वर्ष | अवस्थिति( राज्य) |
1 | नीलगिरि | 1986 | वायनाड, नागरहोल, बांदीपुर एवं मुदुमलाई, नीलांबुर, साइलेंट वैली एवं सिरुवानी पहाड़ियों (तमिलनाडु, केरल एवं कर्नाटक) का हिस्सा। |
2 | नंदा देवी | 1988 | चमोली, पिथौरागढ़ एवं बागेश्वर जिलों (उत्तराखंड) का हिस्सा। |
3 | नोकरेक | 1988 | गारो हिल्स (मेघालय) का हिस्सा। |
4 | ग्रेट निकोबार | 1989 | अंडमान एवं निकोबार (अंडमान निकोबार द्वीप समूह) का दक्षिणतम द्वीप। |
5 | मन्नार की खाड़ी | 1989 | भारत एवं श्रीलंका (तमिलनाडु) के मध्य मन्नार की खाड़ी का भारतीय भाग। |
6 | मानस | 1989 | कोकराझार, बोंगाईगांव, बारपेटा, नलबाड़ी, कामरूप, और दारंग जिलों (असम) का हिस्सा। |
7 | सुंदरबन | 1989 | गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली के डेल्टा का हिस्सा
(पश्चिम बंगाल)। |
8 | सिमलीपाल | 1994 | मयूरभंज जिले (उड़ीसा) का हिस्सा। |
9 | डिब्रू-सैखोवा | 1997 | डिब्रूगढ़ एवं तिनसुकिया जिले (असम) का हिस्सा। |
10 | देहांग-दिबांग | 1998 | अरुणाचल प्रदेश में सियांग एवं दिबांग घाटी का हिस्सा। |
11 | पचमढ़ी | 1999 | मध्य प्रदेश के बैतूल, होशंगाबाद एवं छिंदवाड़ा जिलों के हिस्से। |
12 | कंचनजंगा | 2000 | कंचनजंगा पर्वत श्रृंखला एवं सिक्किम के भाग। |
13 | अगस्त्यमलाई | 2001 | केरल में नेय्यर, पेप्पारा, एवं शेंदुर्नी वन्य जीव अभ्यारण्य एवं उनके आसपास के क्षेत्र। |
14 | अचानकमार – अमरकंटक | 2005 | मध्य प्रदेश के अनूपपुर एवं डिंडोरी जिलों के कुछ हिस्सों एवं छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के कुछ हिस्सों को आच्छादित करता है। |
15 | कच्छ | 2008 | गुजरात राज्य के कच्छ, राजकोट, सुरेंद्रनगर एवं पाटन सिविल जिलों का हिस्सा। |
16 | कोल्ड डेजर्ट | 2009 | पिन वैली राष्ट्रीय उद्यान एवं आसपास; हिमाचल प्रदेश में चंद्रताल तथा सरचू एवं किब्बर वन्य जीव अभ्यारण्य। |
17 | शेषचलम हिल्स/पहाड़ियां | 2010 | शेषचलम पर्वत श्रृंखलाएं आंध्र प्रदेश के चित्तूर एवं कडप्पा जिलों के कुछ हिस्सों को आच्छादित करती हैं। |
18 | पन्ना | 2011 | मध्य प्रदेश में पन्ना एवं छतरपुर जिलों का हिस्सा। |
जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) का मानचित्र
भारत का पहला जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) कौन सा है?
भारत का पहला जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) नीलगिरी जैव मंडल हैं. इसकी स्थापना वर्ष 1986 में हुई थी। इसके साथ ही वर्ष 1986 में यूनेस्को के मैन एंड बायोस्फीयर (MAB) कार्यक्रम के तहत अंतरराष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में मान्यता मिली थी। नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व भारत के प्रमुख बायोस्फीयर रिजर्व में से एक है, जो पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट और नीलगिरी पहाड़ियों में फैला हुआ है। यह रिजर्व तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल राज्यों में स्थित है.
नीलगिरी जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) में प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभ्यारण्य शामिल हैं, जैसे:
- मुदुमलाई वन्यजीव अभ्यारण्य (तमिलनाडु)
- बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान (कर्नाटक)
- वायनाड वन्यजीव अभ्यारण्य (केरल)
- साइलेंट वैली नेशनल पार्क (केरल)
- नागरहोल नेशनल पार्क
इसके साथ ही नीलगिरी जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) में विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र पाए जाते हैं, जैसे उष्णकटिबंधीय वर्षावन, शुष्क पतझड़ी वन, पर्वतीय वन और घास के मैदान।
सबसे बड़ा जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) कौन सा है?
सबसे बड़ा जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) कच्छ (गुजरात) की खाड़ी है और सबसे छोटा डिब्रू-सैखोवा (असम) है।
कच्छ जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves)
कच्छ जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) जिसे कच्छ का रण भी कहा जाता है, गुजरात राज्य में स्थित है. कच्छ का रण दो मुख्य भागों में विभाजित है: बड़ा रण और छोटा रण।
कच्छ जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) में एक अनूठा पारिस्थितिकी तंत्र पाया जाता है, जिसमें नमक के दलदल, घास के मैदान, और रेगिस्तानी क्षेत्र शामिल हैं।
यह क्षेत्र मानसून के दौरान पानी से भर जाता है और शुष्क मौसम में एक विशाल सफेद नमक का मैदान बन जाता है। कच्छ का छोटा रण भारतीय वन्य गधे के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसे भारतीय वन्य गधा अभयारण्य (IWAS) के रूप में संरक्षित किया गया है।
डिब्रू-सैखोवा जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves)
डिब्रू-सैखोवा जैव मंडल आरक्षित केंद्र (Biosphere Reserves) असम राज्य में स्थित है और यह भारत के पूर्वोत्तर में स्थित है। इस जैव मंडल आरक्षित केंद्र को वर्ष 1997 में स्थापित किया गया था. डिब्रू-सैखोवा जैव मंडल आरक्षित केंद्र में विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र पाए जाते हैं, जैसे अर्ध-सदाबहार वन, नम पर्णपाती वन, दलदल, घास के मैदान, और बांस के जंगल। यह क्षेत्र ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियों के पास स्थित है
यूनेस्को के मानव एवं जैव मंडल आरक्षित केंद्र कार्यक्रम (मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व प्रोग्राम) के अंतर्गत जैव मंडल आरक्षित केंद्र
यूनेस्को ने विकास एवं संरक्षण के मध्य संघर्ष को कम करने हेतु प्राकृतिक क्षेत्रों के लिए पदनाम ‘ जैव मंडल आरक्षित केंद्र/बायोस्फीयर रिजर्व’ की शुरुआत की है।
जैव मंडल आरक्षित केंद्र को राष्ट्रीय (केंद्र) सरकार द्वारा अभिहित किया जाता है जो न्यूनतम मानदंडों को पूरा करते हैं एवं यूनेस्को के मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व कार्यक्रम के तहत बायोस्फीयर रिजर्व के विश्व नेटवर्क में सम्मिलित किए जाने हेतु न्यूनतम शर्तों का पालन करते हैं। विश्व स्तर पर, 122 देशों में 686 जैव मंडल आरक्षित केंद्र हैं, जिनमें 20 सीमा-पारीय स्थल (ट्रांस बाउंड्री साइट) शामिल हैं।
मैन एंड बायोस्फीयर रिजर्व प्रोग्राम के तहत जैव मंडल आरक्षित केंद्र
भारत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 12 मैन व जैव मंडल आरक्षित केंद्र हैं। वे इस प्रकार हैं।
क्रम सं | वर्ष | नाम | राज्य |
1 | 2000 | नीलगिरी जैव मंडल आरक्षित केंद्र | तमिलनाडु |
2 | 2001 | मन्नार की खाड़ी जैवमंडल आरक्षित केंद्र | तमिलनाडु |
3 | 2001 | सुंदरवन जैव मंडल आरक्षित केंद्र | पश्चिम बंगाल |
4 | 2004 | नंदा देवी जैव मंडल आरक्षित केंद्र | उत्तराखंड |
5 | 2009 | पचमढ़ी जैव मंडल आरक्षित केंद्र | मध्य प्रदेश |
6 | 2009 | नोकरेक जैव मंडल आरक्षित केंद्र | मेघालय |
7 | 2009 | सिमलीपाल जैव मंडल आरक्षित केंद्र | ओडिशा |
8 | 2012 | अचानकमार-अमरकंटक जैव मंडल आरक्षित केंद्र | छत्तीसगढ़ |
9 | 2013 | ग्रेट निकोबार जैव मंडल आरक्षित केंद्र | ग्रेट निकोबार |
10 | 2016 | अगस्त्यमाला जैवमंडल आरक्षित केंद्र | केरल एवं तमिलनाडु |
11 | 2018 | कंचनजंगा जैव मंडल आरक्षित केंद्र | उत्तर एवं पश्चिम सिक्किम जिलों का हिस्सा |
12 | 2020 | पन्ना जैव मंडल आरक्षित केंद्र | मध्य प्रदेश |
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पूछे गए प्रश्न
प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2013)
- नोकरेक बायोस्फीयर रिज़र्व: गारो पहाडि़याँ
- लोकटक झील: बरैल रेंज
- नामदफा राष्ट्रीय उद्यान : डफला हिल्स
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) कोई नहीं
उत्तर: (a)
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