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भारत में टाइगर रिजर्व की सूची in Hindi

बाघ अभयारण्य (Tiger Reserves) भारत में बाघों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा के उद्देश्य से स्थापित किए गए विशेष क्षेत्र होते हैं। ये अभयारण्य भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत आते हैं और “प्रोजेक्ट टाइगर” का हिस्सा हैं, जिसे वर्ष 1973 में बाघों की घटती संख्या को रोकने और उनके आवास को संरक्षित करने के लिए शुरू किया गया था। बाघ अभयारण्यों(टाइगर रिजर्व) का मुख्य उद्देश्य बाघों और अन्य वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास को संरक्षित करना है, साथ ही बाघों की संख्या में वृद्धि सुनिश्चित करना है।

अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2022 के 5वें चक्र के रिपोर्ट के अनुसार, भारत में न्यूनतम 3,167 बाघ है। कैमरा-ट्रैप्ड और गैर-कैमरा-ट्रैप्ड के माध्यम से डेटा विश्लेषण से बाघों की आबादी की 3,925 होने का अनुमान है, जिसमें औसतन 3,682 बाघ हैं, जो 6.1% की सराहनीय वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से की गई अग्रणी पहलों के कारण यह उल्लेखनीय संरक्षण उपलब्धि हासिल की गई है।

भारत में टाइगर रिजर्व की सूची

भारत में टाइगर रिजर्व की सूची- भारत के बाघ अभ्यारण्य प्रोजेक्ट टाइगर द्वारा शासित हैं, जिसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा प्रशासित किया जाता है। वर्ष 2024 तक, भारत में 55 संरक्षित क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व अभिहित किया गया है। भारत विश्व के 80% बाघों का आवास है। वर्ष 2006 में, भारत में लगभग 1,400 बाघ थे जो 2024 में बढ़कर 3,682 के करीब हो गए हैं। 1.5 वर्ष आयु वर्ग में 408 से अधिक बड़ी बिल्लियों (बाघों) के साथ मध्य प्रदेश में सबसे अधिक बाघ (785) हैं। महत्वपूर्ण आबादी वाले अन्य राज्यों में उत्तराखंड (560), कर्नाटक (563), महाराष्ट्र (444) शामिल हैं। टाइगर रिजर्व के भीतर बाघों की बहुतायत संख्या जिम कॉर्बेट (260) में सबसे अधिक है, इसके बाद बांदीपुर (150), नागरहोल (141), बांधवगढ़ (135), दुधवा (135), मुदुमलाई (114), कान्हा (105), काजीरंगा (104), सुंदरबन (100), ताडोबा (97), सत्यमंगलम (85) और पेंच-एमपी (77) हैं। भारत में टाइगर रिजर्व की सूची- भारत में बाघ अभ्यारण्यों की अद्यतन सूची निम्नलिखित है।

भारत में टाइगर रिजर्व की सूची

भारत में टाइगर रिजर्व की सूची देशभर में बाघों के संरक्षण के लिए स्थापित विभिन्न क्षेत्रों को दर्शाती है, जो बाघों के प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा और जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह सूची भारत की समृद्ध वन्यजीव विविधता को दर्शाती है और बाघों की आबादी को सुरक्षित रखने के प्रयासों को रेखांकित करती है।

क्रम संख्या

टाइगर रिजर्व के नाम 

राज्य

कुल क्षेत्रफल(वर्ग किमी. में)

1.

नागार्जुन सागर श्रीशैलम (भाग) * 

आंध्र प्रदेश

3296.31

2.

नमदाफा टाइगर रिज़र्व

अरुणाचल प्रदेश

2052.82

3.

कमलंग टाइगर रिजर्व

अरुणाचल प्रदेश

783

4.

पक्के

अरुणाचल प्रदेश

1198.45

5.

मानस

असम

3150.92

6.

नामेरी

असम

344

7.

ओरंग टाइगर रिजर्व           

असम 

492.46

8.

काजीरंगा

असम

1173.58

9.

वाल्मीकि 

बिहार

899.38

10.

उदंती-सीतानदी

छत्तीसगढ़

1842.54

11.

अचानकमार 

छत्तीसगढ़

914.01

12.

इंद्रावती

छत्तीसगढ़

2799.07

13.

पलामू

झारखंड

1129.93

14.

बांदीपुर

कर्नाटक

1456.3

15.

भद्रा

कर्नाटक

1064.29

16.

दांदेली-अंशी

कर्नाटक

1097.51

17.

नागरहोल

कर्नाटक

1205.76

18.

बिलिगिरी रंगनाथ मंदिर

कर्नाटक

574.82

19.

पेरियार

केरल

925

20.

परम्बिकुलम

केरल

643.66

21.

कान्हा

मध्य प्रदेश

2051.79

22.

पेंच

मध्य प्रदेश

1179.63

23.

बांधवगढ़

मध्य प्रदेश

1598.1

24.

पन्ना

मध्य प्रदेश

1578.55

25.

सतपुड़ा

मध्य प्रदेश

2133.30

26.

संजय-दुबरी

मध्य प्रदेश

1674.50

27.

मेलघाट

महाराष्ट्र

2768.52

28.

ताडोबा-अंधारी

महाराष्ट्र

1727.59

29.

पेंच

महा राष्ट्र

741.22

30.

सहयाद्रि 

महाराष्ट्र

1165.57

31.

नवेगाँव-नागज़ीरा

महाराष्ट्र

653.67

32.

बोर

महाराष्ट्र

138.12

33.

दम्पा

मिजोरम

988

34.

सिमलीपाल

ओडिशा

2750

35.

सतकोसिया

ओडिशा

963.87

36.

रणथंभौर

राजस्थान

1411.29

37.

सरिस्का

राजस्थान

1213.34

38.

मुकुंदरा हिल्स 

राजस्थान

759.99

39.

कलाकड़-मुंडनथुराई

तमिलनाडु

1601.54

40.

अन्नामलाई 

तमिलनाडु  

1479.87

41.

मुदुमलाई

तमिलनाडु

688.59

42.

सत्यमंगलम

तमिलनाडु

1408.4

43.

कवल 

तेलंगाना

201912

44.

अमराबाद

तेलंगाना

2611.39

45.

दुधवा 

उत्तर प्रदेश

2201.77

46.

पीलीभीत 

उत्तर प्रदेश

730.24

47.

अमानगढ़ (कॉर्बेट टाइगर रिजर्व का बफर)

उत्तर प्रदेश

80.6

कॉर्बेट

उत्तराखंड

1288.31

48.

राजाजी टाइगर रिजर्व

उत्तराखंड

1075

49.

सुंदरबन

पश्चिम बंगाल

2584.89

50.

बक्सा

पश्चिम बंगाल

757.90

51.

श्रीविलिपुथुर मेगामलाई

तमिलनाडु

1016.57

52.

रामगढ़ विषधारी वन्यजीव अभ्यारण्य

राजस्थान

252

53.

गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान एवं तमोर पिंगला वन्यजीव अभ्यारण्य

छत्तीसगढ़

466.67

54.

वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व

मध्य प्रदेश

 

2339.12

55.

धौलपुर- करौली टाइगर रिजर्व

राजस्थान

599.6406

भारत में टाइगर रिजर्व की सूची-in Map

भारत में बाघों के संरक्षण के लिए विभिन्न टाइगर रिजर्व स्थापित किए गए हैं, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं। ये रिजर्व बाघों के प्राकृतिक आवासों की रक्षा करते हुए जैव विविधता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस मानचित्र में भारत के प्रमुख टाइगर रिजर्वों को दर्शाया गया है, जो बाघों की आबादी को सुरक्षित करने और उनके संरक्षण के प्रयासों को सुदृढ़ करने में सहायक हैं।

हिंदी

 

भारत में बाघ संरक्षण का ऐतिहासिक सफर

20वीं सदी के मध्य तक, भारत के बाघों का शिकार, आवास के नुकसान और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण बाघों की जनसंख्याँ तेजी से घट रही थी। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद यह गिरावट और अधिक हो गई थी, जिससे बाघों की जनसंख्या के बारें में चिंता की जाने लगी।

इस चिंताजनक स्थिति को देखते हुए, भारतीय वन्यजीव बोर्ड (IBWL) ने जुलाई 1969 में नई दिल्ली में एक बैठक बुलाई। इस बोर्ड ने बाघों सहित सभी जंगली बिल्ली की खाल के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। इस महत्वपूर्ण कदम का समर्थन अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने किया था। IUCN की 10वीं सभा के दौरान, बाघ को अपने “रेड डेटा बुक” में एक संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में वर्गीकृत किया गया और बाघों के शिकार पर वैश्विक प्रतिबंध लगाने की अपील की गई।

टाइगर टास्क फोर्स और प्रोजेक्ट टाइगर का गठन

बाघों की स्थिति को लेकर बढ़ती चिंता के जवाब में, IBWL की कार्यकारी समिति ने 11 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया ताकि इस मुद्दे की जांच की जा सके और एक समग्र संरक्षण रणनीति विकसित की जा सके। इस पहल ने प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की। टास्क फोर्स ने अगस्त 1972 में अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें भारत के आठ बाघ के जंगलों को इस परियोजना में शामिल करने की सिफारिश की गई।

1 अप्रैल 1973 को, प्रोजेक्ट टाइगर को आधिकारिक रूप से कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में लॉन्च किया गया, जिसमें प्रारंभिक चरण में निम्नलिखित नौ बाघ अभयारण्यों को शामिल किया गया:

  • कॉर्बेट (उत्तर प्रदेश)
  • पलामू (बिहार)
  • सिमलीपाल (ओडिशा)
  • सुंदरबन (पश्चिम बंगाल)
  • मानस (असम)
  • रणथंभौर (राजस्थान)
  • कन्हा (मध्य प्रदेश)
  • मेलघाट (महाराष्ट्र)
  • बांदीपुर (कर्नाटक)

ये प्रयास भारत के संरक्षण यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देते हैं, जो बाघों और उनके आवास के लिए एक सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखते हैं।

टाइगर रिजर्व में इकोटूरिज्म

भारत के टाइगर रिजर्व में इकोटूरिज्म जैव विविधता के संरक्षण को जिम्मेदार पर्यटन प्रथाओं के साथ जोड़ता है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता और स्थानीय समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देना है। देश में कई प्रसिद्ध टाइगर रिजर्व हैं, जैसे रणथंभौर और जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क, जो दुनिया भर से प्रकृति के प्रति उत्साही और वन्यजीव प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। इन रिजर्व में इकोटूरिज्म कम प्रभाव वाली गतिविधियों पर जोर देता है, जैसे निर्देशित प्रकृति की सैर और सफारी टूर, जो इन शानदार बड़ी बिल्लियों का समर्थन करने वाले नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की गहरी समझ को बढ़ावा देते हैं।

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FAQs

विश्व में सबसे ज्यादा बाघों की आबादी वाला देश कौन सा है?

विश्व में सबसे ज्यादा बाघों की आबादी वाला देश भारत हैं.

भारत में कितने टाइगर रिजर्व हैं?

55

भारत के किस राज्य में बाघों की आबादी सर्वाधिक है?

मध्य प्रदेश

भारत का  नवीनतम (सबसे नया) टाइगर रिजर्व कौन सा है?

करौली टाइगर रिजर्व - धौलपुर, राजस्थान