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संदीप्त सुरक्षा स्याही- सुरक्षा स्याही के माध्यम से जालसाजी का मुकाबला

संदीप्त सुरक्षा स्याही- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण एवं नवीन तकनीक विकसित करना।

संदीप्त सुरक्षा स्याही- प्रसंग

  • हाल ही में, भारतीय वैज्ञानिक ने नैनो-पदार्थों से एक अत्यधिक स्थिर एवं गैर-विषाक्त सुरक्षा स्याही विकसित की है जो अपने अद्वितीय रासायनिक गुणों के कारण स्वचालित रूप से प्रकाश (ल्यूमिनसेंट) उत्सर्जित करती है।
  • संबद्ध लाभ: सुरक्षा स्याही ब्रांडेड वस्तुओं, बैंक-नोट, दवा, प्रमाण पत्र, मुद्रा की जालसाजी से निपटने में सहायता करेगी।
    • यह सामान्य तौर पर जालसाजी का मुकाबला करने के लिए गुप्त टैग के रूप में उपयोग किया जाता है।

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संदीप्त सुरक्षा स्याही- प्रमुख बिंदु

  • वर्तमान मुद्दे: ब्रांडेड वस्तुओं, बैंक-नोट, दवा, प्रमाण पत्र, मुद्रा एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों की व्यापक स्तर पर जालसाजी।
  • संदीप्त स्याही: आज उपलब्ध अधिकांश सुरक्षा स्याही संदीप्त (ल्यूमिनसेंट) सामग्री पर आधारित हैं जो एक उच्च ऊर्जा फोटॉन को अवशोषित करती हैं एवं कम ऊर्जा वाले फोटॉन का उत्सर्जन करती हैं, जिसे तकनीकी रूप से डाउनशिफ्टिंग कहा जाता है।
  • संबंधित मुद्दे:
    • गुप्त टैग दिन के प्रकाश में अदृश्य होता है, किंतु पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश में दृश्य हो जाता है।
    • ये एकल उत्सर्जन-आधारित टैग भी प्रतिकृति के लिए प्रवृत्त हैं।

 

संदीप्त सुरक्षा स्याही: यह अन्य संदीप्त स्याही से किस प्रकार बेहतर है?

  • सुरक्षा स्याही का विकास: नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ने उद्दीपन पर निर्भर संदीप्ति प्रकृति के साथ गैर-विषैले धातु फॉस्फेट-आधारित स्याही विकसित की।
  • अन्य संदीप्त स्याही पर वरीयता: अन्यों के विपरीत, यह व्यावहारिक परिस्थितियों जैसे तापमान, आर्द्रता एवं प्रकाश इत्यादि के अंतर्गत अत्यधिक स्थिर है।
  • रासायनिक संरचना: शोधकर्ता द्वारा विकसित संदीप्ति सुरक्षा स्याही लैंथेनाइड आयनों (Ln3+) अपमिश्रित जीडी 1-एक्सबिक्सपीओ4 (Gd1-xBixPO4) नैनो-सामग्री पर आधारित है।

 

नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान- प्रमुख बिंदु

  • नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के बारे में: नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) का एक स्वायत्त संस्थान है।
  • अधिदेश: यह भारत में नैनो विज्ञान एवं नैनो प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आरंभ किए गए नैनो मिशन के प्रछत्र में स्थापित किया गया है।
  • मिशन: इसने राष्ट्रीय एवं वैश्विक प्राथमिकताओं की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ-साथ मौलिक विज्ञान में सर्वाधिक अग्रणी कार्य करने हेतु एक  विशिष्ट मिशन स्थापित किया है।

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