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मशीन टू मशीन संचार (एम2एम) क्षेत्र || व्याख्यायित||

एम2एम सेक्टर: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन में विकास तथा उनके अनुप्रयोग एवं प्रभाव।

भारत में इंटरनेट ऑफ थिंग्स: संदर्भ

  • भारत सरकार ने एम2एम/इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) का अभिनिर्धारण किया है जो संपूर्ण विश्व में  सर्वाधिक तीव्र गति से उभरती प्रौद्योगिकियों में से एक है, जो समाज, उद्योग एवं उपभोक्ताओं के लिए विपुल लाभकारी अवसर प्रदान करती है।

 

मशीन से मशीन क्षेत्र: सरकार द्वारा उठाए गए कदम

मशीन-से-मशीन संचार (एम2एम) क्षेत्र में व्यापक प्रसार तथा नवाचार की सुविधा हेतु सरकार ने  अनेक कदम उठाए हैं।

  • टीएसपी के साथ संयोजकता, केवाईसी, पता लगाने की क्षमता (ट्रेसबिलिटी) एवं कूट लेखन (एन्क्रिप्शन) जैसी चिंताओं को दूर करने के लिए एम2एमएसपी सेवा प्रदाताओं तथा डब्ल्यूपीएएन/डब्ल्यूएलएएन कनेक्टिविटी प्रदाताओं के पंजीकरण हेतु दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। पंजीकरण देश भर में फैले दूरसंचार विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में किया जाएगा।
  • यद्यपि वर्तमान अभिगम (एक्सेस) सेवा प्रदाता पहले से ही एम2एम/आईओटी नेटवर्क को संयोजकता प्रदान करने में सक्षम थे, नवीन अनुज्ञप्तियों के माध्यम से, सेवा प्रदाताओं की एक स्वतंत्र श्रेणी को एम2एम/आईओटी उपकरणों के अंतः संयोजन (इंटरकनेक्शन) के लिए नेटवर्क निर्मित करने, संचालित करने तथा प्रदान करने हेतु सक्षम किया गया है।
  • मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से जुड़े एम2एम/आईओटी उपकरणों के लिए विशेष रूप से 13-अंकीय संख्यांकन योजना जारी की गई है।
  • दूरसंचार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन) ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को उन्हें ओवर द एयर (ओटीए) समनुरूप बनाने (कॉन्फ़िगर) की अनुमति प्रदान कर अंतः स्थापित (एम्बेडेड) सिम के उपयोग की अनुमति दी है।
  • इसने संख्यांकन संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता को सक्षम किया है तथा देश में मोबाइल एम2एम पारिस्थितिकी तंत्र हेतु एक सुदृढ़ अवसंरचना निर्मित किया है।
  • 2015 में, सरकार ने मशीन-टू-मशीन (एम2एम) संचार के लिए रोडमैप का अनावरण किया, जो ऐसे सभी परिनियोजन के लिए एक संदर्भ दस्तावेज़ के रूप में कार्य करेगा तथा इसे ‘मेक इन इंडिया’ एवं ‘डिजिटल इंडिया’ के नीतिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।

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एम2एम सेक्टर क्या है?

  • एम2एम, मशीन-टू-मशीन का संक्षिप्त नाम है।
  • यह दूर संचार प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में एक उभरता हुआ क्षेत्र है।
  • मशीन टू मशीन (एम2एम) उन तकनीकों को संदर्भित करता है जो बेतार (वायरलेस) एवं तारयुक्त (वायर्ड) प्रणाली दोनों को समान क्षमता के अन्य उपकरणों के साथ संचार करने की अनुमति प्रदान करता हैं।

 

एम2एम संचार प्रौद्योगिकी के बारे में

  • एम2एम किसी घटना को प्रग्रहित (कैप्चर) करने हेतु एक युक्ति (जैसे एक संवेदक/सेंसर या मीटर) का उपयोग करता है, जिसे एक नेटवर्क (वायरलेस, वायर्ड या हाइब्रिड) के माध्यम से एक अनुप्रयोग (एप्लीकेशन) में प्रसारित किया जाता है, जो प्रग्रहित की गई घटना को सार्थक सूचनाओं में रूपांतरित कर देता है।
  • एम2एम के अतिरिक्त, इस तरह के संचार का वर्णन करने के लिए प्रत्येक शब्द के लिए थोड़ा अलग विशेषताओं के साथ अन्य शब्दों का भी उपयोग किया जा रहा है – इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), इंटरनेट ऑफ एवरीथिंग, एंबेडेड वायरलेस, स्मार्ट सिस्टम (घर, शहर, मीटर, ग्रिड इत्यादि)।
  • IoT मानव हस्तक्षेप के बिना एम2एम संचार करने में सक्षम अंतः स्थापित उपकरणों का एक संयोजित नेटवर्क है।
  • एम2एम संचार जब क्लाउड सेवाओं के गणक तर्क तथा सुदूर संचालन (रिमोट ऑपरेशन) के साथ संयुक्त हो जाता है तो “स्मार्ट” बन जाता है।

एम2एम अवसंरचना

एक विशिष्ट एम2एम नेटवर्क में निम्नलिखित मूलभूत अंग (बिल्डिंग ब्लॉक्स) होते हैं:

  • वाइड एरिया नेटवर्क (WAN)
  • फील्ड एरिया नेटवर्क (FAN)
  • नेबरहुड एरिया नेटवर्क (NAN)
  • होम एरिया नेटवर्क (HAN) / बिल्डिंग एरिया नेटवर्क (BAN) इत्यादि।
  • लोकल एरिया नेटवर्क (LAN)

 

एम2एम के अनुप्रयोग

  • परिवहन तथा स्वचालन: परिवहन तथा स्वचालन में संभावित एम2एम अनुप्रयोग क्षेत्रों में वाहन चालक का प्रदर्शन, ईंधन की खपत, जीपीएस ट्रैकिंग, ई-टोल, वाहन चोरी की रोकथाम, यातायात नियंत्रण, स्मार्ट पार्किंग, आपातकालीन कॉल (ईकॉल) इत्यादि सम्मिलित हैं।
  • उपादेयताएँ: इस क्षेत्र में एम2एम अनुप्रयोगों का उपयोग अभिज्ञ उपकरणों को नियोजित करके उत्पादन, संचरण, वितरण तथा उपभोग  के अनुश्रवण एवं नियंत्रण के लिए किया जाएगा।
    • स्मार्ट मीटर – घर  एवं उद्योग के लिए जल, ऊर्जा तथा ईंधन की खपत, स्मार्ट ग्रिड – सद्य अनुक्रिया में भार अनुश्रवण, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग अवसंरचना इस श्रेणी के तहत कुछ उदाहरण हैं।
  • खुदरा विक्रय में वित्तीय लेनदेन: सुदूर अवस्थित वायरलेस/वायर्ड  विक्रय स्थल/प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) टर्मिनलों अर्थात एटीएम मशीनों (नकद प्रतिस्थापन, मरम्मत निदान, कागज की उपलब्धता  इत्यादि) के मामले में, क्रेडिट या डेबिट कार्ड के ऑनलाइन वित्तीय लेनदेन हेतु संचार प्रदान करने हेतु एम 2 एम मॉड्यूल स्थापित किए जाते हैं।
  • घर/भवन: घर /भवन स्वचालन (ऑटोमेशन) ऊर्जा, घरेलू स्वास्थ्य अनुश्रवण, ​​एचवीएसी, प्रकाश व्यवस्था, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा तथा बिल्डिंग अलार्म – सुरक्षा, आग, घुसपैठ, आपात स्थिति को मापने एवं नियंत्रित करने हेतु घर में उपलब्ध विभिन्न उपादेयताओं में एम 2 एम मॉड्यूल तथा संवेदक (सेंसर)  परिनियोजित करता है।
  • सुरक्षा तथा अवेक्षण: स्मार्ट कार्ड एवं सुविधा प्रबंधन के अतिरिक्त , बैंकिंग, रिटेल, बिल्डिंग में उपयोग में आने वाले अनुप्रयोग हैं-अलार्म सिस्टम मॉनिटरिंग, वीडियो सर्विलांस, रियल टाइम मॉनिटरिंग, वीडियो एनालिटिक्स।
  • स्वास्थ्य देखभाल:  ​​​​स्मार्ट फोन और केंद्रीय सर्वरों के साथ आवासीय / संस्थागत संचार दूरस्थ रोगी अनुश्रवण, स्मार्ट बॉडी सेंसर। एम 2 एम का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में त्वरित निदान  तथा समय पर उपचार को सक्षम करने हेतु किया जा सकता है।
  • उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स: उपयोग के मामलों में रिमोट मॉनिटर तथा नियंत्रण, ई-रीडर, गेमिंग उपकरण, पिक्चर फ्रेम, टीवी  तथा रेफ्रिजरेटर इत्यादि के मध्य अंतर प्रचालनीयता (इंटरऑपरेबिलिटी) शामिल हैं।

 

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