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महिला एसएचजी सम्मेलन ट्राइफेड द्वारा आयोजित किया गया

महिला SHGs सम्मेलन: महिला एसएचजी सम्मेलन का उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/SHG) तथा अन्य छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा प्रदान करना है। महिला एसएचजी सम्मेलन यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- जनसंख्या के कमजोर वर्गों के कल्याण  तथा विकास के लिए विभिन्न सरकारी पहल एवं योजनाएं) के लिए भी महत्वपूर्ण है।

महिला SHGs सम्मेलन चर्चा में क्यों है

हाल ही में, भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (ट्राईबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया/TRIFED) तथा राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त एवं विकास निगम (नेशनल शेड्यूल्ड ट्राइब्स एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन/NSTFDC) द्वारा आयोजित महिला SHG सम्मेलन में महिला SHG सदस्यों के साथ बातचीत की। ट्राइफेड एवं एनएसटीएफडीसी ने जनजातीय मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में निरंतर प्रदर्शन के माध्यम से देश के प्रत्येक हिस्से में जनजातीय लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता प्रदर्शित की है।

महिला SHGs सम्मेलन से संबंधित विवरण

महिला SHGs सम्मेलन कार्यक्रम का आयोजन जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अधीन भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (TRIFED) एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त तथा विकास निगम (NSTFDC) द्वारा किया जाता है।

  • कार्यक्रम का आयोजन स्थल: झारखंड के खूंटी जिले में स्थित बिरसा मुंडा कॉलेज स्टेडियम में महिला एसएचजी सम्मेलन का आयोजन हुआ।
  • उद्देश्य: महिला एसएचजी सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) तथा अन्य छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहन एवं प्रेरणा प्रदान करना है।
  • आयोजन कर्ता: यह कार्यक्रम जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (TRIFED) एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त तथा विकास निगम (NSTFDC) के सहयोग से आयोजित किया जाता है।
  • मुख्य अतिथि: भारत के राष्ट्रपति ने समारोह में प्रमुख अतिथि बनने का निमंत्रण सहर्ष स्वीकार कर लिया है, जिसका निमंत्रण जनजातीय मामलों के मंत्री ने दिया था।
  • भागीदारी: महिला SHG सम्मेलन कार्यक्रम में कई हजार महिला एसएचजी सदस्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखने को मिलेगी।

महिला SHGs सम्मेलन के अंतर्गत प्रदर्शन

महिला SHGs सम्मेलन कार्यक्रम में प्रदर्शन में शामिल होंगे:

  • शिल्प के अनुसार जनजातीय उत्पादों का प्रदर्शन: यह प्रदर्शन 20 स्टालों में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके लिए झारखंड कथा बिहार राज्यों के 20 आपूर्तिकर्ताओं एवं वीडीवीके को उनके उत्पादों के साथ भाग लेने हेतु आमंत्रित किया गया है। इसमें संपूर्ण देश के जनजातीय उत्पादों को प्रदर्शित करने के अतिरिक्त शिल्प के अनुसार विभिन्न स्टॉल शामिल होंगे।
  • शिल्प का प्रदर्शन: वस्त्रों की बुनाई, बांस की टोकरी, जैविक खरसावां हल्दी (Turmeric) बनाने, योग चटाई बनाने, सबई घास के उत्पाद बनाने, मोतियों की खेती का प्रदर्शन, सोहराई चित्रकला, वाद्य यंत्र बनाने एवं बजाने तथा लाख के आभूषण बनाने के लिए शिल्प प्रदर्शन की व्यवस्था करने की योजना है।
  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल रेजिन एंड गम्स (आईआईएनआरजी) द्वारा लाख की खेती को प्रोत्साहन।
  • एनएसटीएफडीसी, एनएसआईसी, एनआईईएसबीयूडी, कौशल क्षेत्र परिषद (स्किल सेक्टर काउंसिल/एफआईसीएसआई), डी/ओ पोस्ट एवं एम/ओ एमएसएमई के स्टॉल
  • स्वास्थ्य को प्राथमिकता प्रदान करने हेतु, जनजातीय समुदायों में प्रचलित रोगों तथा आनुवंशिक या जीवन शैली से संबंधित रोग, जैसे सिकल सेल एनीमिया, कुपोषण और तपेदिक इत्यादि की जांच के उद्देश्य से एक स्वास्थ्य कॉर्नर स्थापित किया जाएगा।
    • इस अभ्यास की सहायता से क्षेत्र में आदिवासी लोगों के बीच सिकल सेल लक्षण के व्यवहार एवं प्रसार की पहचान की जाएगी।
    • स्क्रीनिंग के उपरांत, प्रभावित व्यक्तियों को रोग तथा उसके प्रबंधन के बारे में निदान, परामर्श एवं जानकारी प्राप्त होगी।

स्वयं सहायता समूह (सेल्फ हेल्प ग्रुप्स/SHGs)

स्वयं सहायता समूह लोगों के अनौपचारिक संघ हैं जो अपनी जीवन निर्वाह की स्थितियों में सुधार के तरीके खोजने के लिए एक साथ आते हैं। स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) निर्धनों, विशेषकर महिलाओं के बीच सामाजिक पूंजी का निर्माण करने में सहायता करते हैं।

  • सदस्य: एसएचजी सदस्यों की आम तौर पर समान सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि होती है।
  • प्रमुख उद्देश्य: स्वयं सहायता समूहों का गठन निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्यों के साथ किया जाता है-
    • अपने सदस्यों को बचत करने हेतु प्रोत्साहित करने तथा प्रेरित करना,
    • अतिरिक्त आय के सृजन के लिए एक सामूहिक योजना बनाने के लिए उन्हें मनाना,
    • उन तक पहुँचने के लिए औपचारिक बैंकिंग सेवाओं के लिए एक वाहक के रूप में कार्य करना।
  • महत्व: ऐसे समूह उन सदस्यों के लिए सामूहिक गारंटी प्रणाली के रूप में कार्य करते हैं जो संगठित स्रोतों से उधार लेने का विचार रखते हैं।
    • परिणामस्वरुप, निर्धनों को सूक्ष्म वित्त सेवाएं प्रदान करने के लिए स्व-सहायता समूह सर्वाधिक प्रभावी तंत्र के रूप में उभरे हैं।
  • एसएचजी के उदाहरण:  गुजरात में SEWA, कर्नाटक में MYRADA, तमिलनाडु में TANWA, झारखंड में रामकृष्ण मिशन, बिहार में ADITHI.

 

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