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मलेरिया उन्मूलन यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 3: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
भारत में मलेरिया: संदर्भ
- हाल ही में, विश्व मलेरिया दिवस 2022 मनाया गया जहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि सरकार शीघ्र ही टीबी एवं मलेरिया को समाप्त करने के लिए एक व्यापक अभियान प्रारंभ करेगी।
मलेरिया दिवस 2022: प्रमुख बिंदु
- विश्व मलेरिया दिवस 2022 की थीम “वैश्विक मलेरिया रोग के बोझ को कम करने तथा जीवन को सुरक्षित करने के लिए नवाचार का उपयोग करना।” (हार्नेस इनोवेशन टू रिड्यूस द ग्लोबल मलेरिया डिजीज बर्डन है एंड सेव लाइव्स)
- भारत ने मलेरिया की घटनाओं एवं मौतों को कम करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।
- सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप 2015 की तुलना में 2021 में मलेरिया के मामलों में 86.45 प्रतिशत एवं मलेरिया से संबंधित मौतों में 79.16 प्रतिशत की कमी आई है।
- इसके अतिरिक्त, देश के 124 जिलों में ‘ मलेरिया के शून्य मामले’ दर्ज किए गए हैं।
मलेरिया के बारे में
- मलेरिया सशक्त रूप से एक प्राणघातक रोग है जो परजीवी (प्लाज्मोडियम विवैक्स, प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लाज्मोडियम मलेरिया एवं प्लाज्मोडियम ओवेल) के कारण होती है जो संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छरों के काटने से फैलती हैं।
मलेरिया उन्मूलन के लिए उठाए गए कदम
डब्ल्यूएचओ द्वारा उठाए गए कदम
- मलेरिया के लिए डब्ल्यूएचओ वैश्विक तकनीकी रणनीति 2016-2030: सभी मलेरिया-स्थानिक देशों के लिए एक तकनीकी संरचना प्रदान करता है एवं इसका उद्देश्य क्षेत्रीय तथा देश के कार्यक्रमों का मार्गदर्शन एवं समर्थन करना है क्योंकि वे मलेरिया नियंत्रण एवं उन्मूलन की दिशा में कार्य करते हैं।
- रणनीति महत्वाकांक्षी किंतु प्राप्त करने योग्य वैश्विक लक्ष्य निर्धारित करती है, जिनमें शामिल हैं:
- 2030 तक मलेरिया के मामलों को कम से कम 90% तक कम करना;
- 2030 तक मलेरिया मृत्यु दर को कम से कम 90% तक कम करना;
- 2030 तक कम से कम 35 देशों में मलेरिया को समाप्त करना;
- मलेरिया मुक्त सभी देशों में मलेरिया के पुनरुत्थान को रोकना।
- डब्ल्यूएचओ वैश्विक मलेरिया कार्यक्रम: मलेरिया को नियंत्रित करने तथा समाप्त करने के लिए डब्ल्यूएचओ के वैश्विक प्रयासों का समन्वय करता है।
- यह मलेरिया नीति सलाहकार समिति (मलेरिया पॉलिसी एडवाइजरी कमिटी/एमपीएसी) द्वारा समर्थित एवं परामर्श प्राप्त है, जो एक खुली नामांकन प्रक्रिया के पश्चात नियुक्त वैश्विक मलेरिया विशेषज्ञों का एक समूह है।
- E-2025 पहल: E-20 पहल की सफलताओं के आधार पर (पांच क्षेत्रों में 21 देशों में मलेरिया को समाप्त करने के उद्देश्य से)।
- उद्देश्य: डब्ल्यूएचओ ने 25 देशों को अभिनिर्धारित किया है जो 5 वर्ष की समय सीमा (2025 तक) के भीतर मलेरिया को समाप्त करने की क्षमता रखते हैं।
मलेरिया को समाप्त करने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदम
- मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017): मलेरिया नियंत्रण से उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित किया गया एवं 2022 तक भारत के 678 जिलों में से 571 जिलों में मलेरिया को समाप्त करने के लिए एक रोडमैप प्रदान किया गया।
- मलेरिया उन्मूलन अनुसंधान गठबंधन-भारत (मेरा-भारत): मलेरिया नियंत्रण पर कार्य कर रहे भागीदारों का एक समूह (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च/आईसीएमआर) द्वारा स्थापित)।
- मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय ढांचा: मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय ढांचा (नेशनल फ्रेमवर्क फॉर एलिवेशन ऑफ मलेरिया/एनएफएमई) 2016-2030 2030 तक इस रोग के उन्मूलन के लिए भारत की रणनीति की रूपरेखा तैयार करता है।
- फ्रेमवर्क को देश से मलेरिया को समाप्त करने एवं बेहतर स्वास्थ्य तथा जीवन की गुणवत्ता एवं निर्धनता उन्मूलन में योगदान देने की दृष्टि से विकसित किया गया है।
भारत में मलेरिया उन्मूलन: सिफारिशें
- राष्ट्रीय एवं उप-राष्ट्रीय प्रयासों के माध्यम से मलेरिया उन्मूलन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
- भारत की मलेरिया उन्मूलन योजना को आगे बढ़ाने एवं बेहतर स्वास्थ्य, जीवन की गुणवत्ता तथा निर्धनता उन्मूलन में योगदान करने के लिए विशेष समाधान विकसित करने में सहायता करने हेतु प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का लाभ उठाया जाना चाहिए।
- निदान, समय पर तथा प्रभावी उपचार एवं संक्रामक रोग नियंत्रण उपायों के बारे में जन जागरूकता उत्पन्न करने के लिए आशा, एएनएम सहित ग्राउंड लेवल फ्रंटलाइन हेल्थ केयर वर्कर्स को सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है।
- निजी चिकित्सकों सहित निजी क्षेत्र को अपने मलेरिया केस प्रबंधन तथा रिपोर्टिंग एवं संबंधित गतिविधियों को राष्ट्रीय कार्यक्रम के साथ संरेखित करने की आवश्यकता है।