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बाजार पहुंच पहल (मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव/एमएआई) योजना: यह विभिन्न देशों में भारतीय उत्पादों के लिए बाजार पहुंच में वृद्धि कर भारत के निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु केंद्र सरकार की एक योजना है। मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (MAI) योजना यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- भारत के निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न सरकारी योजनाएँ) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बाजार पहुंच पहल (मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव/एमएआई) योजना चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने वित्तीय वर्ष 2019-20 से अब तक मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना के तहत स्वीकृत गतिविधियों एवं एमएआई योजना के तहत उपयोग की गई धनराशि के बारे में जानकारी दी
मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना
मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना भारत सरकार द्वारा विभिन्न देशों में भारतीय उत्पादों के लिए बाजार पहुंच में वृद्धि कर भारत के निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु आरंभ की गई एक योजना है।
- मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव योजना के बारे में: एमएआई योजना का उद्देश्य बाजार अनुसंधान, व्यापार मेलों तथा प्रदर्शनियों में भागीदारी, ब्रांडिंग एवं प्रचार तथा ऐसी अन्य प्रचार गतिविधियों जैसी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके भारतीय निर्यातकों के विपणन प्रयासों का समर्थन करना है।
- वित्तीय सहायता: एमएआई योजना के तहत, भारतीय निर्यातकों, निर्यात प्रोत्साहन परिषदों एवं अन्य पात्र संगठनों को निर्दिष्ट फोकस देशों एवं क्षेत्रों में उनके विपणन तथा प्रचार गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- अभिनिर्धारण: फोकस देशों एवं क्षेत्रों का अभिनिर्धारण भारतीय उत्पादों के लिए बाजार के रूप में उनकी क्षमता एवं भारत के व्यापार के लिए उनके सामरिक महत्व के आधार पर की जाती है।
- कार्यान्वयन: मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव योजना वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार महानिदेशालय (डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड/डीजीएफटी) के माध्यम से प्रशासित की जाती है।
- दायरा: एमएआई योजना सभी भारतीय निर्यातकों, निर्यात प्रोत्साहन परिषदों एवं अन्य पात्र संगठनों के लिए खुली है जो अपनी बाजार पहुंच बढ़ाना चाहते हैं तथा अपने निर्यात में वृद्धि करना चाहते हैं।
एमएआई योजना हेतु पात्रता
निम्नलिखित पात्र क्रियाकलापों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी-
- विदेश में विपणन परियोजना (मार्केटिंग प्रोजेक्ट)
- क्षमता निर्माण
- वैधानिक अनुपालन के लिए समर्थन
- अध्ययन
- परियोजना विकास
- विदेश व्यापार सुविधा वेब पोर्टल का विकास करना
- कुटीर एवं हस्तशिल्प इकाइयों का समर्थन करने हेतु
मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव योजना हेतु पात्र एजेंसियां
बाजार पहुंच पहल (मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव/एमएआई) योजना के तहत निम्नलिखित एजेंसियां वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं-
- केंद्र सरकार के विभाग एवं केंद्र के संगठन /
- सहित राज्य सरकारें
- विदेशों में भारतीय मिशन
- निर्यात संवर्धन परिषदें
- पंजीकृत व्यापार संवर्धन संगठन
- कमोडिटी बोर्ड
- भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत मान्यता प्राप्त सर्वोच्च व्यापार निकाय
- मान्यता प्राप्त औद्योगिक एवं कारीगर संकुल
- व्यक्तिगत निर्यातक (केवल वैधानिक अनुपालन इत्यादि हेतु)
- राष्ट्रीय स्तर के संस्थान (जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी/आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट/आईआईएम), राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन/एनआईडी), एनआईएफटी इत्यादि)/अनुसंधान संस्थान/विश्वविद्यालय/मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाएं इत्यादि।
मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (MAI) का महत्व
बाजार पहुंच पहल (मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव/एमएआई) योजना विभिन्न गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान करती है, जिसमें बाजार सर्वेक्षण एवं अध्ययन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों तथा प्रदर्शनियों में भागीदारी, विज्ञापन एवं प्रचार अभियान तथा ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग पहल शामिल हैं।
- यह योजना ई-कॉमर्स पोर्टल के विकास, उत्पाद-विशिष्ट प्रचार सामग्री के निर्माण एवं क्रेता-विक्रेता बैठक तथा व्यापार प्रतिनिधिमंडलों के आयोजन के लिए भी सहायता प्रदान करती है।
मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना का प्रदर्शन
विगत वर्षों में मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना का प्रदर्शन नीचे दिया गया है-
एमएआई योजना के तहत वित्तीय सहायता
वित्तीय वर्ष 2019-20 से वर्तमान तिथि तक एमएआई योजना के तहत स्वीकृत गतिविधियों और उपयोग की गई धनराशि के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।
वित्तीय वर्ष | स्वीकृत गतिविधियों की संख्या | योजना के लिए आवंटित धन (₹ करोड़ में) | निधि का उपयोग किया
(₹ करोड़ में) |
2019-20 | 490 | 325.00 | 325.00 |
2020-21 | 240 | 171.40 | 171.40 |
2021-22 | 424 | 140.00 | 140.00 |
2022-23 (27.3.2023 तक) | 522 | 190.00 | 159.91 |
एमएआई योजना के तहत जारी निधि
कारपेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (CEPC), एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट्स (EPCH) एवं हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (HEPC) को 2019-20 से योजना के तहत वितरित की गई धनराशि, जो मुख्य रूप से कुटीर उद्योगों एवं हस्तशिल्प इकाइयों सेवा प्रदान करती है, नीचे सूचीबद्ध हैं।
जारी की गई एमएआई सहायता (₹ करोड़ में) | |||
वित्तीय वर्ष | सीईपीसी | ईपीसीएच | एचईपीसी |
2019-20 | 10.55 | 8.91 | 2.27 |
2020-21 | 2.38 | 5.01 | 1.75 |
2021-22 | 0 | 0.84 | 0.08 |
2022-23
(27.3.2023 तक) |
5.34 | 2.64 | 3.20 |
मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (एमएआई) योजना के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव (MAI) योजना क्या है?
उत्तर. बाजार पहुंच पहल (मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव/MAI) योजना भारत सरकार द्वारा निर्यात संवर्धन परिषदों, व्यापार निकायों, कमोडिटी बोर्डों एवं अन्य संगठनों को भारत से निर्यात को बढ़ावा देने एवं सुगम बनाने में सहायता करने हेतु प्रारंभ किया गया एक कार्यक्रम है।
प्र. एमएआई योजना के तहत किस तरह की गतिविधियां शामिल हैं?
उत्तर. एमएआई योजना में बाजार अनुसंधान, ब्रांडिंग, उत्पाद विकास, क्रेता-विक्रेता बैठकें, व्यापार मेले तथा प्रदर्शनियों में भागीदारी एवं अन्य निर्यात प्रोत्साहन गतिविधियों सहित गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है।
प्र. एमएआई योजना के तहत सहायता प्राप्त करने हेतु कौन पात्र है?
उत्तर. निर्यात संवर्धन परिषदें, व्यापार निकाय, कमोडिटी बोर्ड एवं अन्य संगठन जो निर्यात प्रोत्साहन गतिविधियों में शामिल हैं, मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं।
प्र. मार्केट एक्सेस इनिशिएटिव योजना के तहत सहायता कैसे प्रदान की जाती है?
उत्तर. एमएआई योजना के तहत वित्तीय अनुदान के रूप में सहायता प्रदान की जाती है, जो पात्र संगठनों को प्रतिपूर्ति के आधार पर संवितरित की जाती है।
प्र. एमएआई योजना के अंतर्गत सहायता के लिए कोई संगठन कैसे आवेदन कर सकता है?
उत्तर. संगठन एमएआई योजना के तहत सहायता के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया में प्रस्तावित गतिविधियों, अपेक्षित परिणामों एवं बजट सहित एक विस्तृत परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत करना शामिल है।