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मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
बाजार अवसंरचना संस्थान: संदर्भ
- हाल ही में, सेबी ने नोट किया कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) एक व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण बाजार अवसंरचना संस्थान (एमआईआई) है।
बाजार अवसंरचना संस्थान: मुख्य बिंदु
- सेबी द्वारा पूर्व में एनएसई, सुश्री रामकृष्णा एवं अन्य को शासन में कथित शिथिलता के लिए स्वीकृति दिए जाने के बाद यह निर्णय आया है।
एक बाजार अवसंरचना संस्थान क्या है?
- स्टॉक एक्सचेंज, निक्षेपागार (डिपॉजिटरी) एवं समाशोधन (क्लियरिंग) हाउस, ये सभी बाजार अवसंरचना संस्थान हैं एवं देश के महत्वपूर्ण आर्थिक बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में 2010 में गठित एक पैनल ने कहा कि ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर’ शब्द का अर्थ सिस्टम की आधारिक, अंतर्निहित रूपरेखा या विशेषताएं होगा; एवं ‘बाजार अवसंरचना‘ शब्द इस बाजार को सेवा उपलब्ध कराने वाली वाली ऐसी मूलभूत सुविधाओं तथा प्रणालियों को दर्शाता है।
- प्रतिभूतियों/पूंजी बाजार का प्राथमिक उद्देश्य पूंजी/वित्तीय संसाधनों के आवंटन/पुन: आवंटन को सक्षम करना है। इस तरह के क्रियाकलापों ने अर्थव्यवस्था में धन के इष्टतम उपयोग में सहायता की है एवं आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया है।
- समुचित रूप से कार्य करने वाले एमआईआई, “पूंजी आवंटन प्रणाली के केंद्र” का गठन करते हैं, आर्थिक विकास के लिए अपरिहार्य हैं तथा किसी भी अन्य आधारिक अवसंरचना संस्थान की भांति समाज पर शुद्ध सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
एमआईआई व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण क्यों हैं?
- विशिष्ट वित्तीय संस्थानों के विपरीत, एक अर्थव्यवस्था में स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी एवं समाशोधन निगमों (क्लियरिंग कॉरपोरेशन) की संख्या उसके व्यवसाय की प्रकृति के कारण सीमित होती है, यद्यपि वे संपूर्ण बाज़ार स्थल को अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं।
- इस तरह के एमआईआई की किसी भी प्रकार की विफलता और भी बड़े गिरावट का कारण बन सकती है जिसके परिणामस्वरूप समग्र आर्थिक गिरावट हो सकती है जो संभावित रूप से प्रतिभूति बाजार एवं देश की सीमाओं से आगे बढ़ सकती है।
भारत में एमआईआई संस्थान
- स्टॉक एक्सचेंजों में सेबी ने बीएसई, एनएसई, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया तथा मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया सहित सात को सूचीबद्ध किया है।
- दो डिपॉजिटरी: सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड एवं नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड हैं जिन्हें MII टैग किया गया है।
- इन डिपॉजिटरी पर प्रतिभूतियों को सुरक्षित रखने एवं उनके व्यापार तथा हस्तांतरण को सक्षम करने का आरोप लगाया जाता है।
- नियामक मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज क्लियरिंग कॉरपोरेशन सहित सात समाशोधन गृहों को भी सूचीबद्ध करता है।
- क्लियरिंग हाउस प्रतिभूतियों के व्यापार (सिक्योरिटीज ट्रेडों) को मान्य एवं अंतिम रूप प्रदान करने में सहायता करते हैं तथा यह सुनिश्चित करते हैं कि क्रेता एवं विक्रेता दोनों अपने दायित्वों का सम्मान करते हैं।