Table of Contents
बाजरा अनुभव केंद्र (मिलेट्स एक्सपीरियंस सेंटर/MEC): बाजरा के बारे में जागरूकता को प्रोत्साहित करने तथा आम जनता के बीच उनके उपयोग को प्रोत्साहित करने हेतु इसकी स्थापना की गई है। बाजरा अनुभव केंद्र (मिलेट्स एक्सपीरियंस सेंटर/एमईसी) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2023 एवं यूपीएससी मुख्य परीक्षा (जीएस पेपर 2- विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने हेतु विभिन्न शासन उपाय) के लिए भी महत्वपूर्ण है।
बाजरा अनुभव केंद्र (मिलेट्स एक्सपीरियंस सेंटर/MEC) चर्चा में क्यों है?
हाल ही में, श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री तथा श्री राजबीर सिंह, नेफेड के प्रबंध निदेशक, ने दिल्ली हाट, आईएनए, नई दिल्ली में ‘बाजरा अनुभव केंद्र (मिलेट्स एक्सपीरियंस सेंटर/एमईसी)’ का उद्घाटन किया। ‘बाजरा अनुभव केंद्र (एमईसी)’ अपनी तरह का पहला केंद्र है।
बाजरा अनुभव केंद्र (एमईसी) से संबंधित विवरण
मोटे अनाज के बारे में जागरूकता को प्रोत्साहित करने तथा आम जनता के बीच उनके उपयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से NAFED द्वारा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ एग्रीकल्चर एंड फार्मर्स वेलफेयर/MoA&FW) के साथ साझेदारी में मिलेट्स एक्सपीरियंस सेंटर की स्थापना की गई थी।
- बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स/IYM 2023) की विचारधारा में, भारत सरकार किसान, पर्यावरण एवं उपभोक्ता के लिए अच्छी फसल के रूप में चैंपियन बाजरा के लिए ‘मिशन मोड’ पर कार्य कर रही है।
- उपभोक्ता-उन्मुख ‘बाजरा अनुभव केंद्र’ स्थापित करने की मंत्रालय की पहल न केवल प्राचीन अनाज के आहार संबंधी लाभों को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि बाजरा अथवा श्री अन्न को बाजरा डोसा, बाजरा पास्ता, इत्यादि जैसे विभिन्न प्रकार के व्यंजन पकाने के लिए एक पोषण शक्ति केंद्र के रूप में लोकप्रिय करेगी।
- आहार के अनूठे अनुभव के अतिरिक्त, ग्राहक बाजरा अनुभव केंद्र (MEC) में स्थानीय बाजरा स्टार्ट-अप से विभिन्न प्रकार के खाने हेतु तैयार (रेडी-टू-ईट) एवं पकाने हेतु तैयार (रेडी-टू-कुक) उत्पाद भी खरीद सकते हैं।
- दिल्ली के केंद्र में स्थित दिल्ली हाट एक राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक आकर्षण का केंद्र है जो संपूर्ण विश्व से आगंतुकों को आकर्षित करता है।
- एमईसी की स्थापना के साथ, आगंतुकों को अब भारत के ‘बाजरा आंदोलन’ को देखने एवं वैश्विक स्तर पर स्थानीय बाजरा का अनुभव करने का अवसर प्राप्त हुआ है।
बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2023
भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष 2023 प्रस्तावित किया गया था, जिसे संपूर्ण विश्व में मनाया जाना है।
- अंगीकरण: खाद्य एवं कृषि संगठन (फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन/एफएओ) ने 2018 में भारत के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की थी एवं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष घोषित किया है।
- 2023 के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष को संयुक्त राष्ट्र के संकल्प द्वारा अंगीकृत किया गया था, जिसके लिए भारत ने नेतृत्व किया एवं 70 से अधिक देशों द्वारा समर्थित किया गया।
- उद्देश्य: बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2023 का उद्देश्य खाद्य टोकरी के प्रमुख घटक के रूप में बाजरा को प्रोत्साहित करना है। बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष निम्नलिखित हेतु एक विशिष्ट अवसर प्रदान करने के लिए संदर्भित है-
- वैश्विक उत्पादन में वृद्धि करने हेतु,
- कुशल प्रसंस्करण एवं खपत सुनिश्चित करना,
- फसल चक्र के बेहतर उपयोग को प्रोत्साहित करना, तथा
- संपूर्ण खाद्य प्रणालियों में बेहतर कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करना
- महत्व: अंतर्राष्ट्रीय वर्ष होगा-
- खाद्य सुरक्षा एवं पोषण के लिए बाजरा के योगदान के बारे में जागरूकता में वृद्धि करेगा
- बाजरा के सतत उत्पादन एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा; तथा
- अन्य दो उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अनुसंधान एवं विकास तथा विस्तार सेवाओं में निवेश बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
- जागरूकता सृजन: बाजरा सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन एवं खनिजों का भंडार है।
- बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष 2022 खाद्य सुरक्षा एवं पोषण के लिए बाजरा के योगदान के बारे में जागरूकता में वृद्धि करेगा, बाजरा के निरंतर उत्पादन एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा तथा अनुसंधान एवं विकास सेवाओं में निवेश में वृद्धि करने पर ध्यान आकर्षित करेगा।
भारत का बाजरा उत्पादन
वर्ष 2021-22 के चौथे अग्रिम अनुमान के अनुसार:
- भारत में लगभग 16 मिलियन टन बाजरा का उत्पादन किया गया है, जो राष्ट्रीय खाद्यान्न टोकरी का लगभग 5 प्रतिशत है।
- इसकी बाजार हिस्सेदारी सर्वाधिक 9.62 मिलियन टन है, इसके बाद 4.23 मिलियन टन के उत्पादन के साथ ज्वार है।
- रागी एक और महत्वपूर्ण मोटा अनाज है, जो 1.70 मिलियन टन के उत्पादन में योगदान देता है तथा अन्य मोटे अनाजों का उत्पादन 0.37 मिलियन टन है।
मोटे अनाजों के लाभ
- सामान्य परिस्थितियों में भी लंबे समय तक सरलता से संरक्षित रहने की क्षमता के कारण मोटे अनाज को अकाल के समय भंडारगृह माना जाता है।
- बाजरा देश के प्राचीनतम खाद्य पदार्थों में से एक रहा है। यह छोटे बीजों से उगाई जाने वाली फसल है जिसे शुष्क क्षेत्रों में अथवा निम्न उर्वरता वाली भूमि पर भी अच्छी तरह से उगाया जा सकता है, इसलिए इसे भारत का सुपरफूड कहा जाता है।
- उनके अल्प उत्पादन मौसम के कारण, मोटे अनाज (बाजरा) लगभग 65 दिनों में बीज से फसल के लिए तैयार फसलों तक विकसित हो सकता है एवं बाजरा की यह विशेषता विश्व के सघन आबादी वाले क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है। यदि उचित प्रकार से संग्रहित किया जाए, तो बाजरा दो वर्ष अथवा उससे अधिक समय तक अच्छी तरह से रखा जा सकता है।
- भारत के पोषण परिणामों में सुधार के लिए बाजरा को मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता है।
- भारत में प्रमुख बाजरा उत्पादक राज्यों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं तेलंगाना शामिल हैं।
बाजरा अनुभव केंद्र (मिलेट्स एक्सपीरियंस सेंटर/एमईसी) के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. किस संगठन ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स/IYOM) के रूप में स्वीकृत किया?
उत्तर. संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशंस/यूएन) द्वारा वर्ष 2023 को बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (इंटरनेशनल ईयर आफ मिलेट्स/IYOM) के रूप में घोषित किया गया था।
प्र. किस देश ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में 2023 का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष बाजरा (IYOM) प्रस्तावित किया?
उत्तर. भारत के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYOM) 2023 को अंगीकृत किया गया था।
प्र. अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष (IYOM) 2023 का क्या महत्व है?
उत्तर. बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (IYOM) 2023 वैश्विक उत्पादन, कुशल प्रसंस्करण एवं सस्यावर्तन (क्रॉप रोटेशन) के बेहतर उपयोग को बढ़ाने तथा मोटे अनाज (बाजरा) को खाद्य टोकरी के एक प्रमुख घटक के रूप में प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करेगा।