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एमपीलैड योजना- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- केंद्र एवं राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं का प्रदर्शन;
- इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा एवं उन्नति हेतु गठित तंत्र, कानून, संस्थान एवं निकाय।
एमपीलैड योजना- संदर्भ
- हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश की आर्थिक सुधार का दृष्टान्त देते हुए संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीलैड) को पुनर्स्थापित किया।
- एमपीलैड योजना को अप्रैल 2020 में भारत की समेकित निधि में योजना के लिए आवंटित धनराशि को समाविष्ट करते हुए निलंबित कर दिया गया था।
- इस योजना को दो वित्तीय वर्षों (2020-21 और 2021-22) के लिए निलंबित कर दिया गया था, किंतु सरकार ने इसे आंशिक रूप से वापस लेने की घोषणा की। सांसदों को वार्षिक स्वीकृत 5 करोड़ रुपए के स्थान पर 2 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।
एमपीलैड योजना- प्रमुख बिंदु
- एमपीलैड योजना के बारे में: संसद सदस्यों (सांसदों) को अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में स्थायी परिसंपत्ति निर्मित करने में सक्षम बनाने हेतु एमपीलैड योजना 1993 में प्रारंभ की गई थी।
- मुख्य उद्देश्य: मुख्य रूप से अपने निर्वाचन क्षेत्रों में पेयजल, प्राथमिक शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं सड़कों आदि के क्षेत्रों में स्थायी सामुदायिक परिसंपत्ति के निर्माण पर बल देने के साथ विकासात्मक प्रकृति के कार्यों की संस्तुति करने हेतु सांसदों को सक्षम बनाना।
- मूल मंत्रालय: एमपीलैड योजना एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है एवं इसे 1994 से सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा क्रियान्वित किया गया है।
- पहले, एमपीलैड योजना ग्रामीण विकास एवं योजना मंत्रालय के नियंत्रण में थी एवं 1994 में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) को हस्तांतरित कर दी गई थी।
- वित्त पोषण: एमपीलैड योजना के अंतर्गत प्रत्येक सांसद (नाम निर्देशित सहित) वार्षिक 5 करोड़ रुपये व्यय करने का हकदार है।
एमपीलैड योजना- एमपीलैड फंड का कार्यान्वयन और उपयोग
- एमपीलैड योजना के अंतर्गत परियोजनाओं का क्रियान्वयन:
- लोकसभा सांसद: उन्हें अपने लोकसभा क्षेत्रों में जिला प्राधिकरण परियोजनाओं की संस्तुति करनी होती है।
- राज्यसभा सांसद: उन्हें इसे उस राज्य में व्यय करना होगा जिसने उन्हें सदन के लिए निर्वाचित किया है।
- राज्यसभा एवं लोकसभा दोनों के मनोनीत सदस्य: वे देश में कहीं भी कार्य करने की संस्तुति कर सकते हैं।
- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जून 2016 में प्रकाशित ‘संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस)’ पर दिशानिर्देश में कहा गया है कि
- एमपीलैड निधि का उपयोग निम्नलिखित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु भी किया जा सकता है जैसे-
- स्वच्छ भारत अभियान,
- एक्सेसिबल इंडिया कैंपेन (सुगम्य भारत अभियान),
- वर्षा जल संचयन के माध्यम से जल संरक्षण एवं
- सांसद आदर्श ग्राम योजना, इत्यादि।
- एमपीलैड निधि का उपयोग निम्नलिखित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु भी किया जा सकता है जैसे-