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एनएबीएफआईडी: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
एनएबीएफआईडी: संदर्भ
- हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि एनएबीएफआईडी को भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के तहत एक अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (ऑल इंडिया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन/AIFI) के रूप में विनियमित तथा पर्यवेक्षित किया जाएगा।
एनएबीएफआईडी: प्रमुख बिंदु
- नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) अधिनियम, 2021, मार्च 2021 में पारित किया गया था एवं यह अप्रैल 2021 में प्रवर्तन में आया था।
- यह एक्जिम बैंक, नाबार्ड, एनएचबी एवं सिडबी के बाद पांचवां एआईएफआई बन गया है।
एनएबीएफआईडी क्या है?
- नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NBFID) को अवसंरचना वित्त पोषण (इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग) के लिए प्रमुख विकास वित्तीय संस्थान (डेवलपमेंट फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन/ डीएफआई) के रूप में स्थापित किया गया है।
- NBFID एक लाख करोड़ रुपये की अधिकृत शेयर पूंजी के साथ एक कॉर्पोरेट निकाय के रूप में स्थापित किया गया है।
- NBFID के शेयर केंद्र सरकार, बहुपक्षीय संस्थानों, सार्वभौमिक धन निधि (सॉवरेन वेल्थ फंड), बैंकों एवं केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किसी अन्य संस्थान जैसी संस्थाओं द्वारा धारित हो सकते हैं।
- प्रारंभ में, केंद्र सरकार के पास संस्था के 100% शेयर का स्वामित्व होगा जिसे बाद में 26% तक घटाया जा सकता है।
डीएफआई क्या है?
- डीएफआई की स्थापना अर्थव्यवस्था के ऐसे क्षेत्रों के लिए दीर्घकालिक वित्त प्रदान करने के लिए की जाती है जहां सम्मिलित जोखिम वाणिज्यिक बैंकों एवं अन्य सामान्य वित्तीय संस्थानों की स्वीकार्य सीमा से परे हैं।
- डीएफआई, बैंकों के विपरीत, लोगों से जमा स्वीकार नहीं करते हैं।
- धन का स्रोत: बाजार, सरकार, साथ ही बहुपक्षीय संस्थान।
NaBFID के कार्य
एनएबीएफआईडी के वित्तीय तथा विकासात्मक दोनों उद्देश्य होंगे।
वित्तीय उद्देश्य
- भारत में पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से अवस्थित आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऋण प्रदान करना, निवेश करना अथवा निवेश आकर्षित करना।
- केंद्र सरकार आधारिक अवसंरचना के दायरे में आने वाले क्षेत्रों का निर्धारण करेगी।
विकासात्मक उद्देश्य
- आधारिक संरचना के वित्तपोषण के लिए बॉन्ड, ऋण तथा व्युत्पाद (डेरिवेटिव) के लिए बाजार के विकास को सुगम बनाना।
अन्य कार्य
- आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं के लिए ऋण तथा अग्रिम प्रदान करना,
- ऐसे मौजूदा ऋणों का भार ग्रहण करना अथवा पुनर्वित्तीयन,
- आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र के निवेशकों एवं संस्थागत निवेशकों से निवेश आकर्षित करना,
- आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं में विदेशी भागीदारी का प्रबंध करना एवं सुविधा प्रदान करना,
- आधारिक अवसंरचना के वित्तपोषण के क्षेत्र में विवाद समाधान के लिए विभिन्न सरकारी प्राधिकरणों के साथ वार्ता की सुविधा, एवं
- आधारिक अवसंरचना के वित्तपोषण में परामर्श सेवाएं प्रदान करना।
निधियों का एनएबीएफआईडी स्रोत
NaBFID निम्नलिखित के रूप में धन जुटा सकता है
- ऋण अथवा अन्यथा भारतीय रुपये एवं विदेशी मुद्रा दोनों में, या
- बॉन्ड तथा डिबेंचर सहित विभिन्न वित्तीय साधनों के निर्गम एवं विक्रय द्वारा धन प्राप्त करना।
- केंद्र सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, म्यूचुअल फंड तथा विश्व बैंक एवं एशियाई विकास बैंक जैसे बहुपक्षीय संस्थानों से उधार।
एआईएफआई क्या है?
- अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान (ऑल इंडिया फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन/एआईएफआई) वित्तीय नियामक निकायों से निर्मित एक समूह है जो वित्तीय बाजारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- वित्तीय संस्थान संसाधनों के उचित आवंटन में सहायता करते हैं, उन व्यवसायों से सोर्सिंग करते हैं जिनके पास अधिशेष है एवं घाटे वाले अन्य व्यवसायों को वितरित करते हैं।
- वित्तीय संस्थान ऋण ग्राहियों एवं अंतिम ऋण दाताओं के मध्य एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं, सुरक्षा और तरलता प्रदान करते हैं।