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राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (एनबीएचएम) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनके अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे
- जीएस पेपर 3: भारतीय कृषि- पशु-पालन का अर्थशास्त्र।
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (एनबीएचएम) – संदर्भ
- मधुमक्खी पालन क्षेत्र पर हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (नेशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन/एनबीएचएम) तथा इसके महत्व पर चर्चा हुई।
- मधुमक्खी पालन क्षेत्र पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (नेशनल बी बोर्ड/एनबीबी) द्वारा निम्नलिखित के सहयोग से किया गया था-
- नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NAFED),
- भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राईबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड/ट्राइफेड) तथा
- राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड/एनडीडीबी)।
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) – प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: देश में एकीकृत कृषि प्रणाली के हिस्से के रूप में मधुमक्खी पालन के महत्व को ध्यान में रखते हुए, 2020 में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) प्रारंभ किया गया था।
- राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन की घोषणा आत्मनिर्भर भारत योजना के एक भाग के रूप में की गई थी।
- राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के बारे में: राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) देश में वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के समग्र प्रचार तथा विकास के लिए भारत सरकार द्वारा प्रारंभ की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- अधिदेश: राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) का उद्देश्य देश में ‘मीठी क्रांति’ के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन का समग्र प्रचार तथा विकास करना है।
- राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड (एनबीबी) के माध्यम से ‘मीठी क्रांति’ लागू की जा रही है।
- अनुदान: सरकार ने राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन को- तीन वर्ष (2020-21 से 2022-23) के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना स्वीकृति प्रदान की।
- मूल मंत्रालय: राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM) को कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय के समग्र पर्यवेक्षण एवं मार्गदर्शन में लागू किया जा रहा है।
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (एनबीएचएम) – प्रमुख उद्देश्य
- कृषि एवं गैर-कृषि कार्य में संलग्न परिवारों के लिए आय एवं रोजगार सृजन के लिए मधुमक्खी पालन उद्योग के समग्र विकास को प्रोत्साहित करना,
- कृषि/बागवानी उत्पादन में वृद्धि करने हेतु, एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र (इंटीग्रेटेड बीकीपिंग डेवलपमेंट सेंटर/आईबीडीसी) एस/सीओई, शहद परीक्षण प्रयोगशाला, मधुमक्खी रोग निदान प्रयोगशाला, कस्टम हायरिंग केंद्र, एपी-थेरेपी केंद्र, मधुमक्खी प्रजनक, इत्यादि की स्थापना सहित ढांचागत सुविधाओं का विकास करना।
- मधुमक्खी पालन के माध्यम से महिला सशक्तिकरण हेतु
- मिनी मिशन-I के तहत वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन के बारे में जागरूकता सृजित करने हेतु,
- मिनी मिशन-II के तहत संग्रह, प्रसंस्करण, भंडारण, विपणन, मूल्य संवर्धन इत्यादि सहित मधुमक्खी पालन, मधुमक्खी के छत्ते के उत्पादों के फसलोत्तर प्रबंधन को प्रोत्साहन देना तथा
- मिनी मिशन-III के तहत मधुमक्खी पालन में अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी उत्पादन में सहायता करना।
- उच्च मूल्य के उत्पादों के उत्पादन के लिए विशेष मधुमक्खी पालन उपकरणों, अर्थात रॉयल जेली, मधुमक्खी का विष (बी वेनम), कॉम्ब हनी, इत्यादि के वितरण के बारे में किसानों को जागरूक करने हेतु।
भारत में मधुमक्खी पालन
- मधुमक्खी पालन के बारे में: मधुमक्खी पालन एक कृषि आधारित क्रियाकलाप है जो एकीकृत कृषि प्रणाली (इंटीग्रेटेड फार्मिंग सिस्टम/IFS) के एक भाग के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों / भूमिहीन मजदूरों द्वारा की जा रही है।
- महत्व: मधुमक्खी पालन फसलों के परागण में उपयोगी रहा है, जिससे फसल की पैदावार बढ़ाने एवं शहद तथा अन्य उच्च मूल्य वाले मधुमक्खी उत्पादों जैसे; मोम, मधुमक्खी पराग, प्रोपोलिस, रॉयल जेली, मधुमक्खी का विष इत्यादि को उपलब्ध कराने के माध्यम से किसानों/मधुमक्खी पालकों की आय में वृद्धि हुई है।
- संभावनाएं: भारत की विविध कृषि-जलवायु स्थितियां मधुमक्खी पालन/शहद उत्पादन कथा शहद के निर्यात के लिए व्यापक संभावनाएं तथा अवसर प्रदान करती हैं।