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राष्ट्रीय कोल गैसीकरण मिशन: प्रासंगिकता
- जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।
राष्ट्रीय कोल गैसीकरण मिशन: प्रसंग
- हाल ही में कोयला मंत्रालय ने कोयला क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ‘राष्ट्रीय कोल गैसीकरण मिशन’ की रूपरेखा तैयार की है।
राष्ट्रीय कोल गैसीकरण मिशन: मुख्य बिंदु
- मंत्रालय ने इस क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पेट्रोल के साथ 15% मेथनॉल-सम्मिश्रण लक्ष्य प्रस्तावित किया है।
- मंत्रालय कोल गैसीकरण को प्रोत्साहित करने हेतु व्यापक पैमाने पर कर छूट का भी प्रस्ताव करता है, जो ईंधन की पर्यावरण अनुकूल वैकल्पिक उपादेयता को अग्रसर सकता है।
- कार्य योजना (ब्लूप्रिंट) के अनुसार, इस तरह की छूट से कोई राजस्व हानि नहीं होगी क्योंकि यह केवल गैसीकरण के लिए वृद्धिशील कोयले के उपयोग पर प्रस्तावित है।
- विगत वर्ष हमारे प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2030 तक कोल गैसीकरण परियोजनाओं में 100 मिलियन टन कोयले का उपयोग करने हेतु 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
कोल गैसीकरण: क्यों आवश्यक है
- भारत के अधिकांश ज्ञात कोयला भंडार गैर-पुनर्प्राप्ति योग्य हैं क्योंकि वे गहरे, बिखरे हुए एवं वनों से आच्छादित हैं।
- भूमिगत कोल गैसीकरण इस प्रचुर भंडार के निष्कर्षण में सहायता कर सकता है।
कोल गैसीकरण प्रक्रिया
- कोयले को एक क्लीनर युग्मक गैस (सिनगैस) अथवा संश्लेषण गैस में परिवर्तित करने हेतु गैसीकृत किया जा सकता है जो रासायनिक उद्योग के बुनियादी निर्माण खंड का गठन करता है।
- सिनगैस: हाइड्रोजन एवं कार्बन मोनोऑक्साइड का एक मिश्रण होता है।
- सिनगैस को मेथनॉल एवं ओलेफिन जैसे उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला में परिवर्तित किया जा सकता है, जिसका वर्तमान में भारत शुद्ध आयातक है।
- सिनगैस प्रौद्योगिकी सामग्री के स्वस्थानी गैसीकरण के माध्यम से गैर-खनन योग्य कोयले/लिग्नाइट को दहनशील गैसों में परिवर्तित करने की अनुमति प्रदान करती है।
मेथेनॉल का महत्व
- कोयले से मेथनॉल का घरेलू उत्पादन आयात प्रतिस्थापन में सहायता करता है एवं कम अस्थिर मूल्य सीमा पर स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करता है।
- लगभग 90% घरेलू मेथनॉल आवश्यकताओं को आयात के माध्यम से पूरा किया जाता है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, एक विशिष्ट गैसीकरण स्थापना/ संयंत्र हेतु लगभग 2 बिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता होती है एवं ह प्रति वर्ष 1 से 2 मीट्रिक टन मेथनॉल का उत्पादन कर सकता है एवं अनुमान है कि 2 मीट्रिक टन मेथनॉल का उत्पादन करने हेतु 5-6 मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता होगी।