Home   »   National Commission for Women (NCW)   »   National Commission for Women (NCW)

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू)

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक एवं विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) – संदर्भ

  • प्रधानमंत्री 31 जनवरी, 2022 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के 30वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
  • कार्यक्रम की विषय वस्तु ‘शी द चेंज मेकर’ है, जिसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव मनाना है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू)- प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के बारे में: राष्ट्रीय महिला आयोग की स्थापना जनवरी 1992 में राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में की गई थी।
  • अधिदेश: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को निम्नलिखित दायित्व सौंपे गए है-
    • महिलाओं के लिए संवैधानिक एवं कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करना;
    • उपचारात्मक विधायी उपायों की संस्तुति करना;
    • परिवादों (शिकायतों) के निवारण की सुविधा प्रदान करना एवं
    • महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी नीतिगत मामलों में सरकार को परामर्श देना।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) – गठन एवं सदस्य

  • गठन: राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
  • सदस्यता: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के सदस्यों में सम्मिलित हैं-
    • एक अध्यक्ष, जो महिलाओं के हितों के लिए प्रतिबद्ध है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नाम निर्देशित किया जाएगा।
    • केंद्र सरकार द्वारा पांच सदस्य नाम निर्देशित किए जाएंगे, जो योग्य, सत्यनिष्ठ एवं प्रतिष्ठित व्यक्तियों में से हैं, जिन्हें कानून या विधान, ट्रेड यूनियनवाद, महिलाओं की उद्योग क्षमता के प्रबंधन, महिला स्वैच्छिक संगठनों (महिला कार्यकर्ता सहित), प्रशासन, आर्थिक विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा या सामाजिक कल्याण में अनुभव प्राप्त है।
      • बशर्ते कि कम से कम एक सदस्य प्रत्येक क्रमशः अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों में से होगा;
    • केंद्र सरकार द्वारा नाम निर्देशित किया जाने वाला एक सदस्य-सचिव, जो होगा-
      • प्रबंधन, संगठनात्मक संरचना अथवा सामाजिक आंदोलन के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ, या
      • एक अधिकारी जो संघ की सिविल सेवा या अखिल भारतीय सेवा का सदस्य है या उचित अनुभव के साथ संघ के अधीन सिविल पद धारण करता है

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) – प्रमुख कार्य

  • जांच: एनसीडब्ल्यू, संविधान एवं अन्य कानूनों के अंतर्गत महिलाओं के लिए प्रदान किए गए सुरक्षा उपायों से संबंधित सभी मामलों की जांच  एवं परीक्षण हेतु उत्तरदायी है।
  • सरकार को प्रतिवेदन: एनसीडब्ल्यू वार्षिक रूप से एवं ऐसे अन्य समय पर, जैसा आयोग उचित समझे, उन रक्षोपायों के कामकाज पर, केंद्र सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करता है।
  • सरकार को संस्तुतियां प्रदान करना: राष्ट्रीय महिला आयोग ऐसी रिपोर्टों में महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए संघ या किसी राज्य द्वारा उन सुरक्षा उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सिफारिशें करता है।
    • यह महिलाओं से संबंधित किसी भी मामले एवं विशेष रूप से विभिन्न कठिनाइयों से संबंधित मामले जिनके अंतर्गत महिलाएं कठिन परिश्रम करती हैं,  के बारे में सरकार को समय-समय पर रिपोर्ट करता है।
  • समीक्षा कार्य: यह समय-समय पर संविधान के मौजूदा प्रावधानों एवं महिलाओं को प्रभावित करने वाले अन्य कानूनों की समीक्षा करता है तथा इसमें संशोधन की सिफारिश करता है ताकि ऐसे कानूनों में किसी भी प्रकार की खामियों, अपर्याप्तता या कमियों को दूर करने के लिए उपचारात्मक विधायी उपायों का सुझाव दिया जा सके।
  • प्रतिनिधित्व: यह संविधान के प्रावधानों एवं महिलाओं से संबंधित अन्य कानूनों के उल्लंघन के मामलों को उपयुक्त अधिकारियों के समक्ष उठाता है।
  • स्वत: संज्ञान: एनसीडब्ल्यू शिकायतों की जांच पड़ताल भी करता है एवं निम्नलिखित से संबंधित मामलों पर स्वत: संज्ञान (सुओ मोटो) लेता है-
    • महिलाओं के अधिकारों का वंचन,
    • महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने एवं समानता तथा विकास के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए बनाए गए कानूनों को लागू न करना,
    • कष्टों को कम करने तथा कल्याण सुनिश्चित करने एवं महिलाओं को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से नीतिगत निर्णयों, दिशानिर्देशों या निर्देशों का पालन न करना और ऐसे मामलों से उत्पन्न होने वाले मुद्दों को उपयुक्त अधिकारियों के अक्षय उठाना,
  • विशेष अध्ययन एवं जांच: एनसीडब्ल्यू महिलाओं के प्रति भेदभाव एवं अत्याचार से उत्पन्न होने वाली विशिष्ट समस्याओं या स्थितियों में विशेष अध्ययन या जांच का आह्वान करता है एवं बाधाओं की पहचान करता है ताकि उन्हें समाप्त करने हेतु रणनीतियों की सिफारिश की जा सके।
  • प्रचार तथा शैक्षिक अनुसंधान: एनसीडब्ल्यू सभी क्षेत्रों में महिलाओं के उचित प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करने के तरीकों का सुझाव देने के लिए प्रचार एवं शैक्षिक अनुसंधान करता है एवं उनकी उन्नति में बाधा डालने वाले कारकों की पहचान करता है, जैसे आवास एवं बुनियादी सेवाओं तक पहुंच की कमी, कठिन परिश्रम तथा व्यावसायिक स्वास्थ्य खतरों को कम करने एवं उनकी उत्पादकता बढ़ाने के लिए अपर्याप्त सहायता सेवाएं एवं प्रौद्योगिकियां,
  • एनसीडब्ल्यू महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास की योजना प्रक्रिया में भी भाग लेता है तथा उपयुक्त परामर्श प्रदान करता है,
  • एनसीडब्ल्यू संघ तथा किसी भी राज्य के तहत महिलाओं के विकास की प्रगति का मूल्यांकन करने हेतु भी उत्तरदायी है,
  • एनसीडब्ल्यू एक जेल, रिमांड होम, महिला संस्थान या निरुद्ध किए जाने के अन्य स्थान जहां महिलाओं को कैदी के रूप में या अन्यथा रखा जाता है, का निरीक्षण करता है एवं यदि आवश्यक हो तो उपचारात्मक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाता है,
  • वित्त पोषण: एनसीडब्ल्यू महिलाओं के एक बड़े निकाय को प्रभावित करने वाले मुद्दों से संबंधित मुकदमेबाजी को भी निधि प्रदान करता है,
  • अन्य कार्य: कोई अन्य मामला जिसे केंद्र सरकार द्वारा संदर्भित किया जाए।
भारतीय पूंजीगत वस्तु क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करने की योजना- चरण- II आर्थिक सर्वेक्षण एवं मुख्य आर्थिक सलाहकार | आर्थिक सर्वेक्षण एवं मुख्य आर्थिक सलाहकार के बारे में, भूमिकाएं तथा उत्तरदायित्व संपादकीय विश्लेषण: टू द पोल बूथ,  विदाउट नो डोनर नॉलेज स्पॉट-बिल पेलिकन
2021-22 असामान्य रूप से ठंडा एवं वृष्टि बहुल शीतकालीन वर्ष है जायद फसलें: ग्रीष्मकालीन अभियान 2021-22 के लिए कृषि पर राष्ट्रीय सम्मेलन भारत-इजरायल संबंध | कृषि क्षेत्र में भारत-इजरायल सहयोग वन्य वनस्पतियों एवं जीवों की संकटग्रस्त प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर अभिसमय (सीआईटीईएस)
राष्ट्रीय मतदाता दिवस- इतिहास, विषयवस्तु एवं महत्व भारत में पीपीपी मॉडल राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण पर दृष्टिकोण पत्र

Sharing is caring!

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू)_3.1