एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: संघवाद- स्थानीय स्तर तक शक्तियों एवं वित्त का हस्तांतरण तथा अंतर्निहित चुनौतियां।
- जीएस पेपर 3: पर्यावरण- संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण।
एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन
- हाल ही में, भारत के उपराष्ट्रपति ने सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स/एसडीजी) के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
- भारत के उपराष्ट्रपति ने केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्यों से पंचायती राज संस्थानों के लिए 3 F अर्थात निधि, कार्य एवं पदाधिकारियों (फंड, फंक्शन एंड फंक्शनरीज) के हस्तांतरण को सुविधाजनक बनाने का आग्रह किया।
- इससे स्थानीय स्वशासन के कुशल तथा प्रभावी कार्य संचालन में सहायता प्राप्त होगी, जिसके परिणामस्वरूप-
- ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास एवं
- सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति।
एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन क्या है?
- एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में: आजादी का अमृत महोत्सव के तहत प्रतिष्ठित सप्ताह के समारोह को चिह्नित करने के लिए एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
- स्थान: सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन स्थल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विज्ञान भवन।
- भागीदारी: एसडीजी के स्थानीयकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों तथा देशों के पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- देश के विभिन्न भागों से त्रिस्तरीय पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किए एवं अपनी-अपनी पंचायतों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के अपने अनुभव साझा किए।
आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर | ब्रह्म कुमारियों की सात पहल
पंचायती राज मंत्रालय द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव का उत्सव
- पंचायती राज मंत्रालय 11 अप्रैल से 17 अप्रैल, 2022 तक स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव (आजादी का अमृत महोत्सव/AKAM) को जन-उत्सव के रूप में जन-भागीदारी की भावना से मनाने के लिए प्रतिष्ठित सप्ताह का आयोजन कर रहा है।
- थीम: प्रतिष्ठित सप्ताह की विषय वस्तु “पंचायतों के नवनिर्माण का संकल्पोत्सव” है।
- उपराष्ट्रपति ने इस अवसर पर निम्नलिखित का शुभारंभ किया-
- सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण का लोगो
- सतत विकास लक्ष्यों के स्थानीयकरण के संचालन पर राज्यों को संयुक्त सलाह का संग्रह तथा
- विषयगत प्रस्तुतियों का संग्रह।
‘लाभार्थियों से रूबरू’ पहल | आजादी का अमृत महोत्सव
देश के विकास में पंचायतों का महत्व
- राष्ट्रीय स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए वास्तविक स्तर अर्थात पंचायत स्तर पर कार्रवाई की आवश्यकता होगी।
- लगभग 70% भारत, ग्रामीण भारत है (2011 की जनगणना के अनुसार 68.84%)।
- पंचायतों के व्यापक एवं सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने एवं स्थानीय संदर्भ में विभिन्न एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु समस्त हितधारकों की भागीदारी एवं कार्रवाई की आवश्यकता है।
- 17 एसडीजी पर ध्यान केंद्रित करके एकीकृत ग्रामीण विकास में पंचायतों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।
- इन एसडीजी को गरीबी मुक्त, स्वच्छ, स्वस्थ, बच्चों के अनुकूल एवं सामाजिक रूप से सुरक्षित सुशासित गांवों को सुनिश्चित करने हेतु नौ विषय वस्तुओं (थीम्स) के अंतर्गत समाविष्ट किया गया है।
आज़ादी का अमृत महोत्सव (AKAM) के बारे में प्रमुख तथ्य
- आजादी का अमृत महोत्सव के बारे में: आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष एवं इसके लोगों, संस्कृति तथा उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने तथा स्मरण करने की एक पहल है।
- आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक पहचान के बारे में जो भी प्रगतिशील उसका एक मूर्त रूप है।
- भारत के लोगों का उत्सव: आजादी का अमृत महोत्सव भारत के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को उसकी विकास यात्रा में यहां तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भारत के लोग भी अपने भीतर शक्ति तथा क्षमता रखते हैं, जो भारत 2.0 को सक्रिय करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को सक्षम बनाता है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है।
- आज़ादी का अमृत महोत्सव का प्रारंभ: “आज़ादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को आरंभ हुई, जो हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती आरंभ करती है।
- श्रेणीबद्ध करें: आजादी का अमृत महोत्सव को पांच श्रेणियों में मनाए जाने की कल्पना की गई है –
- स्वतंत्रता संग्राम,
- आइडिया @ 75,
- अचीवमेंट @ 75,
- एक्शन @ 75 तथा
- रिसॉल्व @75