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राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे ।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) अनुमान चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, नीति आयोग ने श्री राजेश भूषण, सचिव, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की उपस्थिति में 2018-19 के लिए भारत के राष्ट्रीय स्वास्थ्य खातों (नेशनल हेल्थ अकाउंट्स/एनएचए) अनुमानों के निष्कर्ष जारी किए।
स्वास्थ्य व्यय पर एनएचए अनुमान
- 2018-19 में केंद्र सरकार का स्वास्थ्य देखभाल व्यय सकल घरेलू उत्पाद (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट/जीडीपी) का 1.28% रह गया, जो विगत वर्ष के 1.35% के आंकड़े से गिर गया था।
- 2018-19 के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा (एनएचए) के अनुमान बताते हैं कि देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में सरकारी स्वास्थ्य व्यय के हिस्से में वृद्धि हुई है।
- यह 2013-14 में 1.15% से बढ़कर 2018-19 में 1.28% हो गया है।
- इसके अतिरिक्त, कुल स्वास्थ्य व्यय में सरकारी स्वास्थ्य व्यय के हिस्से में भी समय के साथ वृद्धि हुई है।
- 2018-19 में, सरकारी व्यय का हिस्सा 40.6% था, जो 2013-14 में 28.6% के हिस्से से काफी अधिक था।
- एनएचए के निष्कर्ष यह भी दर्शाते हैं कि वर्तमान स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में सरकार का स्वास्थ्य व्यय 2013-14 में 23.2% से बढ़कर 2018-19 में 34.5% हो गया है।
- यह भी देखा गया है कि स्वास्थ्य सेवा पर प्रति व्यक्ति सरकारी व्यय 2013-14 से 74 प्रतिशत बढ़ गया है, अर्थात 2018-19 में 1042 रुपये से बढ़कर 1815 रुपये हो गया है।
- प्राथमिक एवं माध्यमिक देखभाल वर्तमान सरकारी स्वास्थ्य व्यय का 80% से अधिक गठित करता है।
- 2013-14 एवं 2018-19 के मध्य, सरकार में प्राथमिक एवं माध्यमिक देखभाल की हिस्सेदारी 74% से बढ़कर 86% हो गई है।
- निजी क्षेत्र के मामले में, तृतीयक देखभाल के अंश में वृद्धि हुई है किंतु प्राथमिक एवं माध्यमिक देखभाल में गिरावट की प्रवृत्ति दिखाई देती है।
- समान अवधि के दौरान निजी क्षेत्र में प्राथमिक एवं माध्यमिक देखभाल का अंश 82 प्रतिशत से घटकर 70 प्रतिशत हो गया है।
आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (ओओपीई) आउट-ऑफ-पॉकेट व्यय (ओओपीई) पर एनएचए का अनुमान
- कुल स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में तुरत देय व्यय (आउट-ऑफ-पॉकेट एक्सपेंडिचर/ओओपीई) में 16% अंक की कमी आई है, जो 64.2% से 48.2% हो गई है।
- वर्तमान स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में तुरत देय व्यय भी समय के साथ 2013-14 में 69.1% से घटकर 2018-19 में 53.2% हो गया है।
- 2013-14 से देश में प्रति व्यक्ति तुरत देय व्यय 8% कम हो गया है, जो वर्तमान में 2,366 रुपये से 2,155 रुपये हो गया है।
एनएचए अनुमान 2018-19 अन्य संकेतकों पर निष्कर्ष
- सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के परिणामस्वरूप कुल स्वास्थ्य व्यय के प्रतिशत के रूप में स्वास्थ्य पर व्यय 6% से बढ़कर 9.6% हो गया है।
- एनएचए ने यह भी प्रकट किया है कि सरकार द्वारा वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा व्यय में 2013-14 के बाद से 167 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
एनएचए अनुमान- स्वास्थ्य क्षेत्र में रुझान
संकेतक | 2017-18
(करोड़ रुपये में) |
2018-19
(करोड़ रुपये में) |
प्रतिशत में परिवर्तन |
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) | 1,70,90,042 | 1,88,99,668 | 11% |
सामान्य सरकारी व्यय (जीजीई) | 45,15,946 | 50,40,707 | 12% |
कुल स्वास्थ्य व्यय (टीएचई) | 5,66,644 | 5,96,440 | 5% |
सरकारी स्वास्थ्य व्यय (जीएचई) | 2,31,104 | 2,42,219 | 5% |
राष्ट्रीय स्वास्थ्य खाता (एनएचए) अनुमान
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य खाता (एनएचए) अनुमान के बारे में: भारत 2018-19 के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य खाता (एनएचए) अनुमान एनएचएसआरसी द्वारा तैयार की गई लगातार छठी एनएचए अनुमान रिपोर्ट है।
- एनएचएसआरसी को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 2014 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य लेखा तकनीकी सचिवालय (नेशनल हेल्थ अकाउंट्स टेक्निकल सेक्रेटेरिएट/एनएचएटीएस) के रूप में नामित किया गया था।
- तत्परता: विश्व स्वास्थ्य संगठन (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन/डब्ल्यूएचओ) द्वारा विकसित स्वास्थ्य लेखा प्रणाली, 2011 के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानक के आधार पर एक लेखा ढांचे का उपयोग करके एनएचए अनुमान तैयार किए जाते हैं।
- महत्व: एनएचए के वर्तमान अनुमान के साथ, भारत में अब 2013-14 से 2018-19 तक देश के लिए एनएचए अनुमानों की एक सतत श्रृंखला है।
- ये अनुमान न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तुलनीय हैं, बल्कि नीति निर्माताओं को देश के विभिन्न स्वास्थ्य वित्तपोषण संकेतकों में प्रगति का अनुश्रवण करने में सक्षम बनाते हैं।